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जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी० रविशंकर ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर रोशनाबाद में पौधारोपण किया। जिलाधिकारी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनपदवासियों से पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रकृति संरक्षित होगी तभी जीवन सुरक्षित होगा। वही विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्री परशुराम पार्क भीमगोड़ा में महानगर कांग्रेस कमेटी के महासचिव बादल गोस्वामी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजीव शर्मा के संयोजन में वृक्षारोपण किया गया। परशुराम पार्क में पौधारोपण करने वालो में वीर गिरि,सोनू गुप्ता,गोविंद भंडारी,सोनू चौहान,शिवम गिरि,सुभम,गिरि,मनोज शर्मा, ने पीपल, आम के पेड़ लगाए आदि ने किया। आज विभिन्न स्थानों पर पर्यावरण बचाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम हुए ऐसे ही एक कार्यक्रम में चिकित्सा स्वास्थय एवं परिवार कल्याण समिति हरिद्वार के सदस्यों के द्वारा वृक्षारोपण किया गया जिसमे उन्होंनेवृक्ष लगाओ देश बचाओ का नारा देते हुए वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर जिला टी.बी चिकित्सालय के बहार व मेला अस्पताल के कैम्पस परिसर में वृक्षारोपण किया गया, सभी का बस एक ही उद्देश्य था कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं जिससे हरिद्वार में या देश में कही भी पेड़ो की कमी न हो। कोरोना माहमारी के चलते देश मे हर जगह जहाँ स्वास्थ विभाग अपनी जान की बाज़ी लगा कर दिन रात कार्य कर रहा है वही बीच मे समय निकाल कर अपनी जिमेदारी समझते हुए आज वृक्षारोपढ का कार्य भी सम्पन्न किया गया। वृक्षारोपण करना हर नागरिक का धर्म होना चाहिए जिससे शहर व देश हरा भरा ओर स्वच्छ रहे व सभी को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहे। जिस प्रकार पेड़ों को काटा जा रहा है यही सबसे बड़ा कारण है कि पृथ्वी पर तापमान त्रीव गति से बढ़ता जा रहा है और उसकी वजह से ही अलग अलग तरह की आपदा आ रही है इसलिये सभी को आगे आकर पेड़ लगाने चाहिए। इस मौके पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से दिनेश लखेड़ा, राजेंद्र तेश्वर, राकेश भंवर, हिमांशु राणा,नवनीत पटवाल, सलीम, महेश कुमार, जगमोहन, रजनी, चीकू कालरा, दीपक आदि मौजूद रहे।
बाराबंकी। नवागत पुलिस अधीक्षक श्री दिनेश कुमार सिंह द्वारा आज पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं प्रधान लिपिक, आंकिक, रिट सेल, स्थानीय अभिसूचना इकाई, सम्मन सेल, डीसीआरबी, शिकायत प्रकोष्ठ, मॉनीटरिंग सेल, आईजीआरएस आदि का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान रजिस्टरों, फाइलों आदि के रख रखाव एवं साफ-सफाई एवं विभागीय फाइलों के निस्तारण, जांच, सम्मन तामीला की स्थिति, ऑनलाइन पोर्टलों पर शिकायतों की आख्या अपलोड करने की स्थिति, पुलिस वेरीफिकेशन की स्थिति आदि का निरीक्षण किया गया। अभिलेखों के बेहतर व व्यवस्थित रख-रखाव एवं उनको अद्यावधिक रखने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया। इस दौरान पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे।
प्रेम पत्र क्या होता है:-दुनिया में जब पहली बार प्यार होता है और प्रेमी और प्रेमिका दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बात कहते हैं और दोनों एक हो जाते हैं अर्थात दोनों एक दूसरे के साथ सच्चे प्यार के बंधन में बंध जाते हैं रिलेशनशिप में आ जाते हैं तब दोनों एक दूसरे से हर दिन बात करते हैं परंतु कुछ प्रेमी अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखते हैं प्रेम पत्र वह होता है जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका को एक कागज पर अपने दिल में प्रेमिका। के प्रति प्यार की भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करता है अर्थात लिखता है प्रेमी अपनी प्रेमिका को कागज पर अपने दिल की बात लिखना और अपनी प्रेमिका का हाल पूछना अपने प्यार को व्यक्त करना शेयर लिखना होता है और यही प्रेम पत्र होता है और प्रेमिका अपने प्रेमी को प्रेम पत्र का जवाब अवश्य देती है प्रेम पत्र के माध्यम से दोनों में एक दूसरे के प्रति सच्चा प्यार बढ़ता है। प्रेमिका को सरल प्रेम पत्र कैसे लिखें(सिंपल लव लेटर तो गर्ल्फ्रेंड):-अगर आप भी अपनी प्रेमिका को एक सरल तरीके से प्रेम पत्र लिखना चाहते हैं तो आपको कुछ ज्यादा करने की आवश्यकता नहीं है केवल आपको एक कागज होना चाहिए जिस पर आप अपनी प्रेमिका के लिए प्रेम पत्र लिख सकें और एक आपके पास पेन होना चाहिए अगर यह दो चीजें आपके पास है तो आप अपनी प्रेमिका को सर प्रेम पत्र लिख सकते हैं। सबसे पहले आप एक कागज में और बहुत ही सुंदर लिखाई से अपनी प्रेमिका का हाल पूछे फिर आप अपनी प्रेमिका को उसके प्रति अपने दिल में प्यार की भावना को शब्दों के रूप में व्यक्त करें जिससे आप की प्रेमिका को आपके सच्चे प्यार का एहसास हो और आप बहुत सुंदर लिखाई से पत्र लिखें और आप अपनी प्रेमिका की तारीफ के लिए बहुत सुंदर शायरी अवश्य लिखें इससे आपकी प्रेमिका बहुत प्रसन्न होगी। प्रेमिका को पत्र लिखें वक्त क्या गलती ना करे:-प्रेमिका को पत्र लिखते वक्त आपको यह गलती कभी भी नहीं करनी चाहिए सबसे पहले जब भी आप अपनी प्रेमिका को पत्र लिखें तो अगर आपकी लिखने में लिखाई अच्छे नहीं है तो आप पहले प्रैक्टिस करें और अपनी लिखावट को सुधारें और फिर अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखें और दूसरी गलती प्रेम पत्र लिखते वक्त आपको कागज का टुकड़ा बहुत ही अच्छा लेना है। और आपका पैन भी अच्छा होना चाहिए जिससे आपका प्रेम पत्र और भी सुंदर दिखने लगेगा और आपकी प्रेमिका को पढ़ने में भी मजा आएगा और एक गलती और कभी भी आप अपना पहले प्रेम पत्र में अपना नाम ना लिखें क्योंकि अगर वह प्रेम पत्र आपकी प्रेमिका के घरवालों के हाथ लग गया तो आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकती हैं कृपया प्रेम पत्र लिखते वक्त यह गलतियां ना करें। प्रेमिका को ज्यादा लंबा पत्र ना लिखें:-अगर आप अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखते हैं और उस प्रेम पत्र को बहुत ज्यादा ही लंबा पांच और सात तेजू में लिखते हैं तो ऐसा कभी ना करें क्योंकि ऐसा होगा आपकी प्रेमिका को पत्र पढ़ने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और घर पर होने के पश्चात आपकी प्रेमिका आपका पूरा पत्थर नहीं पढ़ पाएगी। और आपकी प्रेमिका को वह पत्र बोरिंग लगने लगेगा जब भी आप अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखें तो वह सिर्फ एक पेज से ज्यादा ना लिखें और आप कम शब्दों में अपनी प्रेमिका को पत्र के माध्यम से अपने दिल की बात और आपका उसके प्रति प्यार को जाहिर करने की कोशिश करें और पत्र की लिखाई को सुंदर रखें आपकी प्रेमिका आपसे जरूर इंप्रेस होगी। प्रेमिका तक अपना पत्र कैसे पहुंचाएं:-यह सबसे जरूरी बात है कि अपनी प्रेमिका तक पत्र कैसे पहुंचाएं हम आपको बता दें कि अगर आपने अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिख लिया है आप उसके जरिए ही प्रेम पत्र पहुंचाएं जिस पर आप को सबसे ज्यादा भरोसा है आप अपनी प्रेमिका को पत्थर पहुंचाने के लिए उस व्यक्ति या अपने दोस्त की मदद ने जिस पर आप को सबसे ज्यादा भरोसा है और जो भरोसे वाला है। जिस पर आपको विश्वास है कि यह पत्र आपकी प्रेमिका को अवश्य पहुंच जाएगा और पत्र के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा या आप अपनी प्रेमिका की दोस्त से मदद ले सकते हैं आप प्रेमिका की उस दोस्त से मदद लें जो प्रेमिका की सबसे अच्छी दोस्त हो वह आपका प्रेम पत्र आपकी प्रेमिका तक अवश्य और सुरक्षित तरीके से पहुंचा देगी और आपको कोई भी चिंता नहीं सताएगी। दोस्तों यह सिंपल लव लेटर तो गर्ल्फ्रेंड पोस्ट अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी है तो आप कॉमेंट करके हमें जरूर बताएं और इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें और आप हमें फ़ॉलो करना बिलकुल ना भूलें आप हमें फ़ॉलो जरूर करें।थंक्य्स!
हनुमान जी को कलयुग में जागृत देव माना गया है, रामभक्त हनुमान जी चमत्कारी सफलता देने वाले देवता माने गए है। आज के समय में हनुमान जी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने गए है। अतः हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तो द्वारा अनेक प्रयास किये जाते है। इन उपायों से भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और सुख-समृद्धि, धन-दौलत प्राप्त होती है। ये उपाय इस प्रकार हैं- हनुमान जी का चौपाई पढ़ सबसे सरल उपाय है बजरंग बली को प्रसन्न करने का। हनुमान चालीसा की ये चौपाई पढ़ने से बहुत जल्द शुभ फल प्रदान करते हैं। जो व्यक्ति मंगलवार के दिन रात के समय हनुमान चालीसा की इस चौपाई का पाठ करता है जिसमें अष्टसिद्धी व नवनिधी के वाक्य निर्मित हैं वो व्यक्ति धन धान्य से संपन्न होता है। भूत पिशाच निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावे इस चौपाई का जाप उनलोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है जिनको भय सताता हो। इस चौपाई का प्रतिदिन शाम में १०८ बार जाप किया जाए तो हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है। नाशे रोग हरे सब पीड़ा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ये चौपाई उन लोगों यह रामबाण उपाय है जो लंबी बीमारियों से पीडित है। इसके अलावा कार्यों में आ रही बेवजह की बाधाएं आनी भी रुक जाती हैं और आप आसानी से अपना हर कार्य पूरा करते हुए पढ़ाई, जॉब या बिजनेस में सफलता पाते हैं। धीरे-धीरे आपको आर्थिक संपंन्नता भी प्राप्त होती है। अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस बीर दीन जानकी माता ये चौपाई चमत्कारी चौपाई है जो आपको परेशानियों से लड़ने की शक्ति देती है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद आधे घंटे तक जाप करें। कुछ ही दिनों में आप देखेंगे कि आपका हर काम बिना किसी परेशानी के होने लगा है और जो रुक रहे रहे वो कार्य भी आसानी से पूरे हो गए हैं। धन प्राप्ति से लेकर जिस भी विशेष कामना के साथ आप इस चौपाई का जाप १०८ बार करेंगे वह तुरंत पूरा होगा। विद्या बाण गुणी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर बिना ज्ञान और बुद्धि के संसार में कुछ भी पाना संभव नहीं है। ऐसा व्यक्ति हमेशा ही गरीबी और उपेक्षा का शिकार होता है। विद्या बुद्धि प्राप्ति के लिए सुबह स्नान के बाद १०८ बार इन चौपाइयों का जाप करें। भीम रूप धरि असुर संहारे रामचंद्र के काज संवारे इसका प्रतिदिन जाप करने से व्यक्ति के हर बिगड़े कार्य बन जाते हैं और किसी भी कार्य में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आती। व्यापार में बाधा हो या आर्थिक परेशानियां, प्रतिदिन प्रातः काल इसका १०८ बार जाप करें।
निःशस्त्रीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा परस्पर अविश्वास की भावना हैं। रूस और अमेरिका दोनों एक-दूसरे से भयभीत हैं और परस्पर अविश्वास करते हैं। दोनों को लगता है कि दूसरा पक्ष उन्हें पूरी तरह नष्ट करने पर तुला हुआ हैं, अतः उसे अधिक तैयारी करनी चाहिए। डाॅ. ओम नागपाल के शब्दों में," निःशस्त्रीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा राजनीतिक ही हैं। तकनीकी बाधा इसके सम्मुख गौण हैं। संसार मे जब तक राजनीतिक तनाव कम नहीं होता, निःशस्त्रीकरण संभव नहीं हैं।" संसार के अधिकांश बड़े देश भ्रम के शिकार हैं कि उनके पास अपने शत्रु से अधिक और घातक शस्त्र होना ही उनकी सुरक्षा की गारन्टी हैं। इसी धारणा के आधार पर ही ये देश अपनी शस्त्र क्षमता और हथियारों का भण्डार बढ़ाते चले जाते हैं। वे निःशस्त्रीकरण के प्रस्ताव भी ऐसे रखते हैं कि उनकी श्रेष्ठता दूसरे पक्ष पर बनी रहे। प्रो. शूमाँ ने ठीक ही लिखा था," वाशिंग्टन के नीति निर्धारक अपने फार्मूले के प्रति दृढ़ रहे हैं। निःशस्त्रीकरण के सभी अमेरिकी प्रस्तावों के विषय में यह पहले से ही ज्ञात रहता था कि उसे सोवियत रूस ठुकरा देगा। सभी प्रस्ताव रूस को दुविधा में डालने के लिए प्रस्तुत किये जाते थे। सबका पहले ही प्रचार किया जाता था, जो किसी भी समझौते को असंभव बना देते हैं।" यही बात निःशस्त्रीकरण संबंधी रूसी प्रस्तावों के बारे में भी कही जा सकती हैं। निःशस्त्रीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा आर्थिक स्वार्थ हैं। अमेरिका और रूस संसार के दो सबसे बड़े शस्त्र उत्पादक व्यापारी है। दुनिया के बाजार में जो शस्त्र बेचे जाते हैं, उनकी लगभग ५० प्रतिशत बिक्री अमेरिका द्वारा की जाती हैं। इसी तरह कुल शस्त्रों की बिक्री की लगभग २८ प्रतिशत रूस द्वारा की जाती हैं। इसके अतिरिक्त शस्त्रों का व्यापार एकाधिकार का व्यापार हैं। इसमें प्रतिस्पर्द्धा बहुत कम और लाभ बहुत अधिक हैं। निःशस्त्रीकरण के मार्ग में कुछ व्यावहारिक कठिनाइयाँ भी हैं। किसी समझौते पर तभी हस्तक्षार हो सकते हैं, जबकि दोनों पक्षों को इस बात का आश्वासन हो कि समझौते का पालन होगा। परन्तु आश्वासन के लिए निरीक्षण की वैज्ञानिक व्यवस्था चाहिए। निरीक्षण करने की अनुमति देने पर अन्य सैनिक रहस्य खुलने का भय बना रहता हैं । अतः कई व्यावहारिक कारण भी हैं, जो निःशस्त्रीकरण संबंधी किसी समझौते पर पहुँचने नहीं देते। राष्ट्रीय स्वार्थ निशस्त्रीकरण के मार्ग में बहुत बड़ी चुनौती हैं। राष्ट्र सबसे पहले अपने हितों को देखते है और उसके बाद अपनी राष्ट्रीय सीमा से बाहर निकलकर आदर्शों में लिपटी हुई भाषा में अन्तर्राष्ट्रीय बात को धोखा देने का यत्न करते हैं। कोई भी राष्ट्र इसका अपवाद नही हैं। उदाहरणार्थ, भारत ने १९६८ की परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये। भारत चीन से भयभीत हैं और परमाणु अप्रसार संधि को शंका की दृष्टि से देखता हैं। निशस्त्रीकरण राजनीतिक समस्याओं के समाधान पर निर्भर करता हैं, अतः पहले राजनीतिक समस्याओं को हल किया जाये या निःशस्त्रीकरण किया जाये। ये दोनों एक-दूसरे के मार्ग में बाधा डालते हैं। यह सोचा जाता हैं कि शस्त्र झगड़ों का कारण हैं इनको घटाने से अन्तरराष्ट्रीय प्रेम और मैत्री बढ़ेगी, किन्तु यह प्रयत्न एकपक्षीय होगा। होना यह चाहिए कि मनमुटाव, अविश्वास तथा प्रतिद्वन्द्विता को दूर करने के लिए प्रत्येक दिशा में प्रयास किया जाये। वास्तव में, निशस्त्रीकरण की दिशा में ठोस कार्य तब-तक नहीं हो सकता जब तक महाशक्तियों में मौलिक मतभेद बने रहेंगे। निशस्त्रीकरण पूरी अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में हिंसा के स्थान पर समस्याओं को शान्तिपूर्ण ढंग से आपसी सद् विश्वास और सहानुभूति से सुलझाने का ही दूसरा नाम हैं। आज जब अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति वैचारिक प्रतियोगिता, संकीर्ण राष्ट्रवाद, स्वार्थपूर्ण राष्ट्रीय हितों की सीमा में बंधी हैं तो निशस्त्रीकरण करना संभव नही हैं। निःशस्त्रीकरण के लिए एक नए दृष्टिकोण, नये वातावरण, नये विश्वास और नये मानव की आवश्यकता हैं। कैलाश एडउकेशन सेवा भाव के उद्देश्य से बनाई गई हैं। इस वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारियां केवल अच्छे विश्वास और सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रकाशित की जाती है । आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे कमेंट कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।
देहरादून राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को गुनियालगांव में निर्माणाधीन सैन्य धाम पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।गौरतलब है कि देहरादून के गुनियालगांव में सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है जिसे उत्तराखण्ड के पांचवें धाम के नाम से भी जाना जायेगा। सैन्य धाम के लिए प्रदेश के १७३४ शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लायी गयी है जिसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है। सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जायेगा। वहीं प्रांगण में बाबा जसवन्त सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जायेगा। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि सैन्य धाम शहीदों के प्रति सम्मान का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम को पांचवे धाम के नाम से जाना जाएगा और इसका निर्माण भव्य एवं दिव्य रूप में हो इसके लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई जाए। उन्होंने कहा कि जिन सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है उन्हें सर्वाेच्च सम्मान मिले। राज्यपाल ने कहा कि देश के अन्य वॉर मैमोरियल की केस स्टडी कर सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है जो अपने-आप में अलग रूप में बनेगा।उन्होंने कहा कि यह देश की सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाला स्थान होगा। सैन्य धाम में शहीद सैनिकों को सर्वाेच्च सम्मान देने के लिए उनके आंगन से मिट्टी, शहीदों के नाम, लाईट एण्ड साउण्ड शो, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे जिससे हमारे युवा आने वाले युगों-युगों तक इन शहीदों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि २०२३ में पूर्ण होने वाला यह सैन्य धाम पूरे राष्ट्र में एक अलग मिसाल बनेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को इसके निर्माण में पूरी निष्ठा और लगन से कार्य करने को कहा। सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने सैन्य धाम निर्माण की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिला अधिकारी देहरादून सोनिका सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-३ की एक तस्वीर साझा की है। यह पहली बार है कि चंद्रयान -३ की तस्वीर, जिसे अंतरिक्ष एजेंसी कहती है, विधानसभा चरण में है। हाल ही में एक अपडेट में, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि वे चंद्रयान -३ की प्रणोदन प्रणाली का परीक्षण कर रहे हैं, जिसके इस साल अगस्त में लॉन्च होने की उम्मीद है। चंद्रमा मिशन की तस्वीरें स्पेस ऑन व्हील्स नामक एक वृत्तचित्र का हिस्सा थीं, जिसे इसरो ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है, जिसमें भारत द्वारा लॉन्च किए गए ७५ उपग्रहों को दिखाया गया है। आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव। इसरो के वीडियो में चंद्रयान-३ के लैंडर को दिखाया गया है जो चांद की सतह को छूएगा। यह भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान, वीनस ऑर्बिटर मिशन और निसार मिशन पर चल रहे काम को भी दर्शाता है। मूल रूप से २०२० के अंत में लॉन्च होने वाला था, चंद्रयान -३ को कोरोनावायरस महामारी के कारण विलंबित किया गया था। इसरो ने पहले कहा था कि चंद्रयान-३ में ऑर्बिटर नहीं होगा। भारत का पिछला चंद्र मिशन चंद्रयान -२, जिसका उद्देश्य अज्ञात चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर रोवर को उतारना था, को २२ जुलाई, २019 को देश के सबसे शक्तिशाली भू-समकालिक प्रक्षेपण यान में लॉन्च किया गया था। हालांकि, लैंडर विक्रम ७ सितंबर, २०१९ को हार्ड-लैंड हुआ, जिसने अपने पहले प्रयास में चंद्र सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला राष्ट्र बनने के भारत के सपने को धराशायी कर दिया। अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान -२ मिशन पर ९६० करोड़ रुपये खर्च किए, जिसका ऑर्बिटर २0 अगस्त २019 से अण्डाकार गति में चंद्र सतह से लगभग १०० किमी दूर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। चंद्रयान -३ इसरो के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगे के अंतरग्रहीय मिशनों के लिए लैंडिंग करने की भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा विज्ञापन संख्या ०१/व्सा/२०२२/आए/ए&म के सांपेक्ष विभिन्न विषयों में सहायक अभियंता (प्रशिक्षु) के पद के लिए साक्षात्कार प्रवेश पत्र जारी किए गये हैं। जिन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे यूपीपीसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। यूपीपीसीएल भर्ती के माध्यम से कुल ११३ एई रिक्त सीटों पर नियुक्ति की जा रही है, जिनमें से ७५ पद एलेक्ट्रिवल/पावर विभाग में, १४ इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार विभाग में और २४ कंप्यूटर विज्ञान/सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में हैं। आधिकारिक वेबसाइट के लिए उपेनर्जी.इन पर जाएं । होमपेज पर "रिक्ति/परिणाम" टैब चुनें। आपको विज्ञापन संख्या ०१/व्सा/२०२२/आए/ए&म के सांपेक्ष विभिन्न विषयों में सहायक अभियंता (प्रशिक्षु) के पद के लिए साक्षात्कार प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए एक लिंक मिलेगा। लिंक पर क्लिक करें।
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे २०२२: १५ अक्टूबर ग्लोबल हैंडवाशिंग डे है, जो एक वैश्विक वकालत दिवस है जो बीमारियों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक प्रभावी और किफायती तरीके के रूप में साबुन से हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और समझने के लिए समर्पित है। वैश्विक हाथ धोने का दिन लोगों को महत्वपूर्ण समय पर साबुन से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रचनात्मक तरीकों को डिजाइन, परीक्षण और दोहराने का अवसर है। कोविड -१९ महामारी के बाद हाथ की स्वच्छता काफी लोकप्रिय हो गई है। और हाथ धोने की आदत बनाने के लिए उसे समर्पित एक दिन है; वैश्विक हाथ धोने का दिन। यह दुनिया भर के लोगों की सार्वभौमिक हाथ स्वच्छता की आदतों को एकजुट करने की एक पहल है। यह वैश्विक वकालत दिवस प्रत्येक वर्ष १५ अक्टूबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम, यूनाइट फॉर यूनिवर्सल हैंड हाइजीन, हाथ की स्वच्छता को बढ़ाने के लिए समाज के सभी लोगों से मिलकर काम करने का आह्वान करती है। इस दिन का महत्व हाथ धोने और स्वच्छ रखने की स्वस्थ आदतों के लाभों में निहित है। इस तथ्य को स्वीकार करने के लिए कि हाथ प्राथमिक संपर्क हैं जिसके माध्यम से रोग हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इसलिए इसे साफ रखना हर उम्र के लोगों के लिए बेहद जरूरी है। यह दिन लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अवसर है, जिसमें हाथ धोना, सैनिटाइज़र का उपयोग करना और अन्य उपयुक्त प्रसाधन शामिल हैं। यह दिन अपने नागरिकों के बीच स्वच्छता संदेश को डिजाइन करने और दोहराने में सरकारी प्रयासों का भी निरीक्षण करता है। इस दिन की स्थापना ग्लोबल हैंडवाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गई थी, जो अंतरराष्ट्रीय हितधारकों का एक गठबंधन है जो साबुन से हाथ धोने को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट रूप से काम करता है। पहला ग्लोबल हैंडवाशिंग डे २००८ में आयोजित किया गया था जब दुनिया भर के १२० मिलियन से अधिक बच्चों ने ७० से अधिक देशों में साबुन से हाथ धोए थे। तब से लेकर अब तक ग्लोबल हैंडवाशिंग डे बढ़ता ही जा रहा है।
बीपीएल (ब्प्ल) का (फुल फॉर्म) पूरा नाम बेलो पॉवर्टी लाइन होता है जिसको हिंदी में गरीबी रेखा से नीचे होता है. ब्प्ल एक कार्ड है जिसे गरीबी रेखा के स्तर को बताने के लिए उपयोग किया जाता है। इस कार्ड के आधार पर ही सरकार यह तय करती है की कौन कौन व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे स्तर में आते है। यह सरकार द्वारा बनाया गया एक तरह का गरीबी रेख पहचानने वाला बेंच मार्क है जो उस व्यक्ति की आय को दर्शाता है की व्यक्ति गरीबी रेखा की इस सुविधा के अधीन आता है या नहीं आता है। गरीबी रेखा में कौन कौन आता है और कौन नहीं आता है। यह कहना आसान भी है और मुश्किल भी है। हम एसा कह सकते है कि वे परिवार जो पर्त्येक दिन का मात्र १५० रुपये ही कमा पाते है या जिनकी आमदनी प्रति दिन की १५० रूपये से कम होती है उन लोगो को ब्प्ल की सुविधा दी जाते है। इसके अलावा यदि कोई परिवार या व्यक्ति प्रति दिन का १५० रूपये से अधिक या ३०० रूपये तक प्रति दिन कमा रहा है तो वह गरीबी रेखा के अंतर्गत नही माना जाता है। गरीबी रेखा के आधार के आंकड़ो के आधार पर ही सरकार यह निर्णय क्र पाती है की किन निम्न वर्ग के गृहस्त परिवारों को राशन और केरोसिन वगैरह की सुबिधा दी जानी चाहिए। गरीबी रेखा के अंतर्गत कुछ चुने हुए निम्न वर्ग के लोगो को ब्प्ल कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। ब्प्ल राशन कार्ड द्वरा गरीबी रेखा में आने वाले इन लोगो को सरकार द्वारा प्रति माह राशन उपलब्ध कराया जाता है। जिसमे उन्हें ३५ किलो चावल बहुत ही कम दामो में ( ३ रूपये की दर) उपलब्ध करा दिए जाते है। चावल के अलावा भी उन्हें राशन का सामान जैसे केरोसिन तेल , नमक, गेहूं एव नमक बगैराह उपलब्ध करा दिया जाता है।
लाक फुल फॉर्म फुल फॉर्म लाइन ऑफ एक्च्युअल कंट्रोल होता है जिसे हिंदी में वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा, भारतीय नियंत्रण क्षेत्र को चीनी नियंत्रण क्षेत्र से अलग करती हैं। यह दोनों सेनाओं के बीच काफी लंबी दूरी होती है जिससे वह अपने क्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा करते हैं या लाक २ देशों की बीच की सीमाओं या निश्चित भूभाग को निर्धारित करती हैं। इससे देश आपसी विवाद से बचे और युद्ध जैसी गलत प्रक्रियाएं ना हो। भारत और चीन के बीच की वास्तविक सीमा रेखा ४,०५७ किलोमीटर लंबी यह सीमा रेखा जम्मू कश्मीर में भारत के अधिकतर क्षेत्र और चीन क्षेत्र अक्साई चीन को अलग करती है। यह लद्दाख, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती हुई एक वास्तविक नियंत्रण रेखा का निर्माण करती है। एलएसी को एक प्रकार की युद्ध विराम रेखा भी कहा जाता है। जब १९६२ के भारत चीन युद्ध के पश्चात दोनों देशों की सेनाएं जिस स्थान पर तैनात थी उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा मान लिया गया था। इससे पहले भारत और चीन के बीच कोई भी नियंत्रण रेखा नहीं थी, परंतु शांति और युद्ध के गलत परिणामों से बचने के लिए इस रेखा का निर्माण किया गया। इस रेखा को दोनों देशों द्वारा माना गया तथा यह भी तय किया कि वह कभी भी एक दूसरे के भूभाग सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे तथा इससे दूरी बनाकर ही रखेंगे। कुछ चीनी विद्वानों द्वारा यह दावा किया जाता है कि लाक शब्द का उपयोग सबसे पहले चीनी प्रधानमंत्री झोउ एनलाई द्वारा २४ अक्टूबर १९५९ को एक पत्र में माध्यम से भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम लिखा गया था। जिसमें इस शब्द का प्रयोग किया गया था १९९६ में भारतीय और चीन के सीमा समझौते के बाद इस शब्द को कानूनी मान्यता प्राप्त हुई। इसके तुरंत बाद ही भारत और चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ही शांति और रखरखाव पर दोनों ही देश सहमत हुए तथा दोनों ने यह भी तय किया कि वह एक दूसरे की सीमाओं में ना ही प्रवेश करेंगे और ना ही किसी भी प्रकार की युद्ध रणनीति को बढ़ावा देंगे। इसका परिणाम यह हुआ कि भारत और चीन के संबंध धीरे धीरे ठीक होना शुरू हो गए।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि देश के १४३ प्रमुख जलाशयों में औसत जल स्तर सालाना ८% और पिछले १० वर्षों के औसत से १७% अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख जलाशयों में उच्च जल स्तर १ अक्टूबर से १3 अक्टूबर तक 'मानसून के बाद' के मौसम के दौरान ९०% अधिक वर्षा होने के कारण हुआ है। इस महीने उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य से ३६६% अधिक बारिश हुई है। रबी की फसलों की बुवाई मे उच्च जल स्तर कृषि भूमि को सिंचाई करने में मदद कर सकता है । वही वर्त्तमान में देश में लगभग ४८% कृषि भूमि सिंचित होती है। सीडब्ल्यूसी द्वारा जिन १४३ जलाशयों के जल स्तर की निगरानी की जाती है, उनमें से ११२ पश्चिम, मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम (जून-सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। जलाशयों में १५९ बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी भरा हुआ है, जो उनकी संयुक्त क्षमता का ९०% है। नवीनतम सीडब्ल्यूसी के गाइडलाइन के अनुसार, एक साल पहले जलाशयों में उपलब्ध पानी १४६ बीसीएम था, और पिछले १० वर्षों का औसत १३६ बीसीएम था। जलाशयों का वर्तमान जल स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का १०८ प्रतिशत और पिछले १० वर्षों के औसत संग्रहण का ११७ प्रतिशत था।जलाशयों में बढ़ा हुआ जल का स्तर नहर प्रणालियों के माध्यम से सिंचाई की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है। इन जलाशयों में से ४६ जल विद्युत सयंत्रो से ६० मेगावाट से अधिक बिजली पैदा की जाती है । जल स्तर में क्षेत्रीय भिन्नताओं के अनुसार, मध्य क्षेत्र के २६ जलाशयों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ और दक्षिणी क्षेत्र के ३९ जलाशयों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पिछले साल और औसतम पिछले १० वर्षों की तुलना मे इस बार अधिक बारिश हुई है । पूर्वी क्षेत्र - झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और बिहार में २१ जलाशयों का जल स्तर एक साल पहले की तुलना में अधिक बढ़ा है, लेकिन वर्तमान जल स्तर पिछले १० वर्षों के औसत से कम है। पश्चिमी क्षेत्र के ४६ जलाशयों - गुजरात और महाराष्ट्र - में जल स्तर अब पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अधिक बढ़ा है, साथ ही साथ पिछले दशक के औसत संग्रहण भी है। इसी तरह, उत्तरी क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के १० जलाशयों में पिछले साल और पिछले १० साल के औसत की तुलना में वर्तमान में अधिक पानी है। जून-सितंबर के मौसम में भारत की मानसून वर्षा सामान्य से ६.५% अधिक थी, क्योंकि मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा पूर्वी और उत्तरी राज्यों में घाटे की भरपाई करती है। मौसम विभाग ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी भी वापसी के चरण में है। इस महीने उत्तर और मध्य क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा ने खरीफ फसलों को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में प्रभावित किया है।
मृदा विभिन्न प्रकार के पदार्थों का मिश्रण है। उदाहरण के लिए, कण, छोटे कंकड़, क्षय और जीवित जीव जिन्हें खाद सूक्ष्म जीव, आदि कहा जाता है। मृदा की ऊपरी सतह वह है जिसमें पौधे खाद, मिट्टी के कण और जीवित जीवन की शरण में रहते हैं। मृदा या मिट्टी चट्टानों द्वारा ही निर्मित होती हैं। मृदा की परिभाषा इस प्रकार है- मृदा भूमि की वह ऊपरी परत हैं जिसका निर्माण मूलरूप से चट्टानों के विखण्डित होने उनमें वनस्पति व जीवेां के सड़ने, गलने तथा जलवायु की क्रिया से निर्मित अम्लीय पदार्थों से लाखों वर्षों की प्रक्रिया के बाद मृदा का रूप लेती हैं। १. बलुई मृदा - बलुई दोमट मिट्टी जिसमें बालू, सिल्ट एवं चीका की अपेक्षित मात्रा का प्रतिशत क्रमशः ६५, २५ एवं १0 प्रतिशत है। इसमें नेत्रजन की मात्रा ४० से ४५ प्रतिशत तक मिलती है। २. दोमट मिट्टी - दोमट मृदा प्रमुख रूप से बालू एवं सिल्ट का सम्श्रिण है जिसमे बालू की मात्रा ४५ प्रतिशत, सिल्ट ४० प्रतिशत एवं चीक २3 प्रतिशत पाया जाता है। मध्यम उर्वरता की यह मृदा कृषि उद्यम के लिए आदर्श होती है। छोटे बालू कणों की उपस्थिति के कारण यह भुरभुरी होती है, जिसमें हल चलाना सुगम एवं जल वायु का संचालन अत्यन्त सुगम होता है। ३. मटियार मृदा - यह सूक्ष्मदर्शी कणों का समूहन है, जिसकी ऊपरी सतह का रंग हल्का भूरा, पीला एवं हल्का काला होता है। इसमें दोमट मिट्टी की तुलना में चीका की मात्रा अधिक पायी जाने के कारण नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है। इसमें बालू की मात्रा २८ प्रतिशत, सिल्ट की मात्रा ३7 प्रतिशत एवं चीका की मात्रा ३5 प्रतिशत होती है। नाइट्रोजन की अधिकतर ५०-६० प्रतिशत होने के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादन अधिक होता है। यह अति गहरी एवं आन्तरिक अवरोधयुक्त भारी मृदा है। जिसका अम्ल अनुपात उदासीन से साधारण क्षारीय होता है, तथा इसका जल निकास खराब होता है। इसमें धान की खेती के साथ मत्स्यपालन एवं सिंघाड़ा की खेती लाभप्रद होती है। ४. कछारी मृदा - इसमें जीवांश एवं मटियार कणों की विशेष कमी होती है। फलत: इसमें लचीलापन एवं तन्मयता बिल्कुल नहीं होती है। गंगा के बाढ़ द्वारा प्रतिवर्ष नवीन मृदा की परत जमा होती है, जिससे इसकी उर्वरता का ह्रास नहीं होता है। ५. ऊसर मृदा - भारत के उत्तरी मैदान में कहीं-कहीं ऊसर भूमि देखी जाती है यह ऐसी भूमि है जो कृषि के लिए उपयुक्त नहीं होती। भूमि के ऊपर सफेद रंग का क्षारीय पदार्थ बिछा हुआ मिलता है। इस क्षारीय पदार्थ की अधिकता के कारण भूमि बेकार हो जाती है। ऐसी भूमि को उत्तर प्रदेश में रेहू यो ऊसर पंजाब में राखर या थर और महाराष्ट्र में चोपान या कैल कहते हैं। इस मिट्टी के उत्पत्ति के प्रमुख कारणों में जल एकत्रित होना, वर्षा की न्यूनता, उच्च जल-तल, मन्द ढाल एवं शुष्कता है। कुण्डा तहसील में यह मिट्टी उन भागों में पायी जाती है जहां वर्षाकालीन जल जमाव रहता है। ६. लाल मृदा - इसके अंतर्गत उष्ण कटिबंधीय लाल तथा पीली मृदा आती हैं। भारत में २० लाख वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में यह मृदा मिलती हैं। यह मृदा सामान्यत: चूना, पोटास, फास्फोरस जीवांश तथा नाइट्रोजन की कमी से यह मृदा कम उपजाऊ हैं। बघेलखंड, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी तमिलनाडु मेंं यह मृदा मुख्यत: बलुई हैं। पूर्वांचल, झारखंड, पंबंगाल, अरावली क्षेत्र, उड़ीसा, उत्तरी आंध्रप्रदेश तथा पूर्वी कर्नाटक की लाल मृदा बलुई-दोमट हैं। ७. लैटेराइट मृदा - लैटेराइट मृदा विशेषतया भारी वर्षा, अधिक तापमान वाले ऊँचे सपाट अपरदित सतहों पर पाई जाती हैं। तीव्र निक्षालन क्रिया द्वारा पोशक तत्वों का नाश हो जाना इस मृदा का सामान्य लक्षण हैं। यह मृदा गीली होने पर गारे के समान ढ़ीली तथा सूखने पर ईट के समान कठोर हो जाती हैं। इसलिये एफ बुकनान ने १९१० में इस प्रसिद्ध मिट्टी को लैटेराइट कहा था। लेटिन भाषा में लेटर का अर्थ ईट से हैं। छत्तीसगढ़ में इसे मूरम तथा इस मृदा के क्षेत्र को भाठा कहते हैं। इसमें मोटे अनाज का उत्पादन एवं पशु चारण होता हैं। भारत में यह मृदा पूर्वी पश्चिमी घाट, झारखंड, तथा मेघालय में अधिक हैं। ८. काली या रेगट मृदा - काली मृदा दक्कन के लावा प्रदेश में पायी जाती है। इसका रंग सामान्यतया काला होता हैं। यह ऊपजाऊ मृदा है। वर्षा ऋतु में फूलकर चिपचिपी हो जाती हैं। नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में इसमें से नमी निकलने से दरारे पड़ जाती हैं। काली मृदा के क्षेत्र महाराष्ट्र, पश्चिम मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश तथा तमिलनाडु हैं। छत्तीसगढ़ मे इन्हें अनेक नाम से जानते हैं। कन्हार, मटासी, डोरसा, पटपा, के नाम उल्लेखनीय हैं। ९. जलोढ़ मृदा - उत्तर भारत के विशाल मैदान में पंजाब से असम तक ६.८ लाख वर्ग किमी. में यह मृदा मिलती हैं, विभिन्न शैल कणों से बनी ये मिट्टियां उपजाऊ हैं। १०. मरूस्थलीय मृदा - पवन द्वारा लाकर राजस्थान में जमा की गई बालू से बनी मरूस्थलीय मिट्टी बलुई हैं। इस मृदा में चूने तथा अन्य क्षारों का जमाव हैं। इस मिट्टी का रंग धूसर हैं। यह कम उत्पादक हैं। सिंचाई से अच्छी उपज होती हैं। इसका विस्तार प. राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ, हरियाणा एवं दक्षिण पंजाब में २.२ लाख वर्ग किमी. में फैली हैं। ११.तटीय मृदा - बंगाल के तट पर तथा प्रायद्वीपीय भारत के तट पर तटीय मिट्टी की एक लंबी पट्टी हैं। ये जलोढ़ मृदा से अलग सीमा बनाती है। १२. पर्वतीय मृदा - ये जटिल एवं अत्याधिक विविधता वाली मृदा हैं। कहीं पर घूसर श्वेत जैसा होतीहैं। यह मृदा कृषि के लिये अच्छी नहीं हैं। यह चीड़ आदि शंकुधारी वनो की मिट्टी हैं। चाय की खेती एवं फलों के बगानों तथा आलू की पैदावार के लिये विख्यात हैं। यह मिट्टी हिमालय की घाटियों , कांगड़ा देहरादून तथा दाजिर्ंलिंग में पायी जाती हैं।
राँची: कांके क्षेत्र के समाजसेवी सह झामुमो युवा नेता जुल्फान खान और झामुमो युवा नेता सह ऊपर कोनकी अंजुमन कमिटी के नयाब सेक्रेटरी वसीम अकरम ने रविवार को पिठोरिया थाना के नए थाना प्रभारी अभय कुमार को बुके देकर स्वागत किया। मौके पर दोनों समाजसेवियों ने क्षेत्र की समस्याओं से थाना प्रभारी को अवगत कराया। वहीं थाना क्षेत्र को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस का हर हाल में सहयोग करने की बात कही। इस दौरान थाना प्रभारी ने भी भरोसा दिलाया कि, पिठोरिया पुलिस के द्वारा क्षेत्र में अपराध मुक्त और आपसी सौहार्द बनी रहेगी। वहीं झामुमो नेता वसीम अकरम ने थाना प्रभारी से क्षेत्र में नशा के कारोबारियों पर अंकुश लगाने की अपील की। इस पर थाना प्रभारी ने कहा की हम लोग इस पर गंभीर हैं। नशा व्यपारियों के खिलाफ अभियान चलाकर छापेमारी भी की जाएगी और कानून सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी।
म्प पुलिस कॉन्स्टेबल रेसल्ट २०२२ : मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती २०२२ में शामिल हुए विद्यार्थियों जिस खबर का इंतजार था आखिरकार वह खबर आई गई है क्योंकि मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती २०२२ के लिए परिणाम जारी कर दिए हैं यदि आप भी इन परीक्षा में शामिल हुए थे तो अधिकारी वेबसाइट पेब.म्प.गोव.इन पर जाकर अपने परिणाम चेक कर सकते हैं परिणाम चेक करने का डायरेक्ट लिंक आपको इस पोस्ट में भी उपलब्ध कराया जाएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। जानकारी के लिए बता दें मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती २०२२ परीक्षा आयोजन का कार्यक्रम पूरे एक महीना १७ जनवरी से १७ फरवरी २०२२ तक चला था जिसके लिए १२ नंबर २०२२ को परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं जबकि पहली राउंड की परीक्षा के परिणाम २३ मार्च २०२२ को जारी कर दिए गए थे जिसमें लगभग ३१,००० अभर्तियों को क्वालीफाई किया गया था। एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती २०२२ रिजल्ट चेक करने के लिए सबसे पहले मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पेब.म्प.गोव.इन पर जाएं। अब आपको वेबसाइट के होम पेज पर ही एमपी पुलिस कांस्टेबल रिजल्ट कार्ड लिंक देखने को मिल जाएगा। लिंक पर क्लिक करें और लॉगइन पेज में मांगी जा रही जानकारी आवेदन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें। अब आप अपना रिजल्ट चेक करें और डाउनलोड कर सकते हैं इसके अलावा भविष्य में उपयोग के लिए इसका प्रिंटआउट जरूर रखें। एमपी पुलिस कॉन्स्टेबल के ७५०० नए पदों पर भर्ती को लेकर बड़ी खबर, इस बार फिजिकल टेस्ट होगा महत्वपूर्ण! म्प फॉरेस्ट गार्ड भारती २०२२ : मध्यप्रदेश फॉरेस्ट गार्ड के १७७२ पदों पर निकलने जा रही भर्ती, जल्द होगा नोटिफिकेशन जारी! म्प अपेक्स बैंक भारती : एमपी राज्य सहकारी अपैक्स बैंक में निकली भर्ती, १८ से ६५ साल तक के अभ्यार्थी कर सकतें है आवेदन!
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ (अंग्रेजी:इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन;इयाता) एक अन्तर्राष्ट्रीय वायुसेवाओं का उद्योग व्यापार समूह है, जिसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है। यहीं पर अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन का मुख्यालय भि स्थित है। इस संगठन का उद्देश्य है वायुसेवा उद्योग की सेवा और बढ़ावा देना। यह संघ २८० वायुसेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो अनुसूचित अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात का ९३% भाग है। इस संगठन के महानिदेशक हैं जियोवानी बिसिग्नानी। वर्तमान में यह संगठन १५० से अधिक देशों में व्याप्त है और इसके विश्वव्यापी १०१ कार्यालय हैं। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ( आईएटीए / एएमटीए /) दुनिया की एयरलाइंस का व्यापार संघ है। २ ९ ० एयरलाइंस, मुख्य रूप से प्रमुख वाहक, ११७ देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए, आईएटीए की सदस्य एयरलाइनों का कुल उपलब्ध सीट माइल्स हवाई यातायात का लगभग 8२% हिस्सा लेना है। आईएटीए एयरलाइनगतिविधि का समर्थन करता है और उद्योग नीति और मानकों को तैयार करने में मदद करता है। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, क्यूबेक, कनाडा में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में कार्यकारी कार्यालयों के साथ है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के लिए संक्षिप्त। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन के क्रमबद्ध विकास के लक्ष्य के साथ १९४५ में एक निजी संगठन की स्थापना की गई। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ (१९१९ में स्थापित) पर आधारित, जो मुख्य रूप से एक यूरोपीय एयरलाइन थी। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है और इसके कार्यालय जिनेवा, न्यूयॉर्क, लंदन आदि में हैं। २२५ सदस्य कंपनियां हैं (१९९६ के अंत तक)। जापान एयरलाइंस सितंबर १९५४ में एक आधिकारिक है, और दैनिक कार्य स्थायी बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। स्टैंडिंग बोर्ड के तहत, प्रौद्योगिकी, कानूनी, वित्त और परिवहन के लिए एक स्थायी समिति है। संचालन को मोटे तौर पर एसोसिएशन की गतिविधियों जैसे कि प्रौद्योगिकी और कानूनी मामलों और किरायासमायोजन गतिविधियों जैसे किराया स्तरों के निर्धारण में विभाजित किया गया है। विशेष रूप से, दुनिया तीन जिलों में विभाजित है। विमान किराया , शुल्क से संबंधित परिवहन सम्मेलनगतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। किराये आदि, को अंततः प्रत्येक देश की सरकारों द्वारा अनुमोदित किया जाता है, लेकिन उन्हें अर्ध-सार्वजनिक संस्थानों की भूमिका इयाता को सौंपा गया है। यात्रियों और कार्गो के लिए नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जाती हैं, लेकिन मुद्रा और ईंधन मुद्दों के लिए विशेष बैठकें भी बुलाई जाती हैं। गैर-आईएटीए कंपनियों द्वारा कम किराया आक्रामक से निपटने के उपाय हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गए हैं। अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ के लिए संक्षिप्त। मैंने एआटा भपढ़ा। १ ९ ४५ में हवाना समझौते द्वारा स्थापित एक नागरिक एयरलाइन संगठन। हवाई परिवहन के विकास के लिए, हम किराए, सेवा सामग्री, विमानन प्रौद्योगिकी और अन्य को एकजुट करने की योजना बना रहे हैं। अक्टूबर १ ९ ७ ९ में संगठन में सुधार किया गया था, और किराया सेटिंग विधि लचीला बना दिया गया था। जुलाई १ ९९९ तक, सदस्यों की संख्या २६५ (24७ नियमित सदस्य, १8 सहयोगी सदस्य) हैं। जापान से, जापान एयरलाइंस, एएनए, निप्पॉनएयर सिस्टम और निप्पॉन कार्गो एयरलाइंस नियमित सदस्यों के रूप में भाग लेते हैं। मुख्यालय मॉन्ट्रियल और जिनेवा हैं। इयाता की स्थापना अप्रैल, १९४५, में हवाना, क्यूबा में हुई थी। यह अन्तर्राष्ट्रीय वायु ट्रैफिक संगठन का उत्तराधिकारी है, जिसकी स्थापना १९१९ में द हेग में हुई थी। इसी वर्ष विश्व की प्रथम अनुसूचित विमान सेवा का आरंभ हुआ था। स्थापना के समय इयाता में ३१ राष्ट्रों से ५७ सदस्य थे। इनमें से अधिकांश यूरोप और उत्तरी अमरीका से थे। आज इसके २४० से धिक सदस्य हैं, जो कि विश्व के १४० से अधिक राष्ट्रों से हैं। अन्तिम परिवर्तन १०:११, २४ अक्टूबर २०२२।
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अपशकुन लेना एक पुरानी प्रथा है जिसके विभिन्न समाजों में विभिन्न रंग व रूप पाए जाते हैं। इस्लाम धर्म की दृष्टि से यह एक घृणित प्रथा है जिसका इस्लाम ने खण्डन किया है और उसे निषिद्ध ठहराया है, तथा इस बात को स्पष्ट किया है कि उसका किसी चीज़ के लाभ व हानि में कोई प्रभाव नहीं है। बल्कि मनुष्य को जीवन के सभी मामलों में आशावादी रहने की शिक्षा दी है और उसकी रूचि दिलाई है। प्रस्तुत लेख में अच्छा फाल शकुन-, आशावाद के रूप, निराशावाद व अपशकुन की वास्तविकता, इस्लाम धर्म में उसके निषेद्ध, अरब एवं गैर अरब समाज में उसके रंग व रूप, और निराशावाद की हानियों और आशावाद के लाभ का उल्लेख किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काजा, मनाली और कुल्लू में आयोजित रैलियों को संबोधित किया और इस दौरान उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में एक बार पुन: भारी बहुमत से डबल इंजन वाली भाजपा सरकार का बनना तय है। नड्डा ने कहा कि पहले राजनीति और चुनाव में एंटी इनकम्बैंसी होती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदुस्तान की राजनीति में प्रो-इनकम्बैंसी का एक नया शब्द जोड़ दिया। जब सही नेतृत्व हो, विकास की नीति हो, काम करने की नीयत हो तो एंटी-इनकम्बैंसी नहीं बल्कि प्रो-इनकम्बैंसी होती है। जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है और यहां के लोगों को धोखा दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल प्रदेश को इंडस्ट्रियल पैकेज भी दिया था, जिसे कांग्रेस की यूपीए सरकार ने वापस ले लिया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने हिमाचल प्रदेश का स्पैशल कैटेगरी स्टेटस छीन लिया। जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बिना मांगे ही हिमाचल प्रदेश का स्पेशल स्टेटस का दर्जा बहाल कर दिया।
बिग बॉस १३ फेम शहनाज गिल (शहनाज़ गिल) इन दिनों अपनी नई एल्बम और तस्वीरों को लेकर सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं। शहनाज़ गिल अपनी तस्वीरों के जरिए फैंस को दीवाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती हैं। वहीँ हाल ही में शहनाज ने अपनी कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं जो इंटरनेट पर वायरल हो रही है। जिसमें उनका लुक फैंस को बेहद पसंद आ रहा है। बिग बॉस १३ फेम शहनाज गिल इन दिनों अपनी नई एल्बम और तस्वीरों को लेकर सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं। शहनाज़ गिल अपनी तस्वीरों के जरिए फैंस को दीवाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती हैं। वहीँ हाल ही में शहनाज ने अपनी कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं जो इंटरनेट पर वायरल हो रही है। जिसमें उनका लुक फैंस को बेहद पसंद आ रहा है। आउटफिट की बात करें तो उन्होंने व्हाइट टॉप, लाइट ब्लू जींस और ब्लैक लेदर जैकेट कैरी की हुई है। शहनाज़ गिल की काफी अच्छी फैन फॉलोइंग है। वहीं इन दिनों उनके पास कई सारे प्रोजेक्ट्स हैं। हाल ही में एक्ट्रेस बादशाह के साथ फ्लाई' म्यूजिक वीडियो में नजर आए थीं, जिसमें उनके अंदाज ने फैंस का दिल जीता था। बता दें शहनाज गिल जल्द ही दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म में दिखाई देने वाली हैं। इससे पहले एक्ट्रेस ने दिलजीत के साथ भी तस्वीरें शेयर की थी, जिसमें कुछ तस्वीरों में वे दोनों पोज देते नजर आए।
कुछ दिन पहले हमने आपको के आगमन के बारे में बताया था पोको आने वाले दिनों में फ४ ५ग। खैर, आज ब्रांड ने ट्विटर पर डिवाइस के सबसे महत्वपूर्ण विनिर्देशों में से एक की पुष्टि की - प्रोसेसर। प्रदर्शन जो आपको और अधिक करते रहने के लिए प्रेरित करेगा! स्नैपड्रैगन ८०० सीरीज़ के सबसे बेहतरीन प्रोसेसर का अनुभव करने के लिए तैयार हो जाइए। जैसा कि हम ऊपर ट्वीट में देख सकते हैं, पोको दावा है कि अगला फ४ ५ग "८०० श्रृंखला के सबसे अनुकूलित प्रोसेसर" द्वारा संचालित होगा, जबकि छवि स्पष्ट रूप से चिपसेट के ऊपर मौजूद "स्नैपड्रैगन ८७० ५ग" शब्दों को दिखाती है। किसी भी मामले में, यह पुष्टि हमें बताती है कि, जैसा कि पहले लीक हुआ था, पोको फ४ ५ग कुछ महीने पहले चीन में पेश किए गए रेडमी क४0स का रीब्रांड हो सकता है। यदि ऐसा है, तो हम पहले से ही मान सकते हैं कि पोको फ४ ५ग ६,६7-इंच अमोलेड फद + डिस्प्ले के साथ १२०हज़ के रिफ्रेश रेट और डॉल्बी विजन सपोर्ट के साथ आएगा। जबकि स्नैपड्रैगन ८७० चिप को तेज लैडर५ रैम और उस ३.१ इंटरनल मेमोरी के साथ जोड़ा जाएगा। फोटोग्राफिक क्षेत्र के लिए, के रूप में पोको फ४ ५ग को रेडमी क४0स पर अपग्रेड देखना चाहिए, जो कि रेडमी क6४स पर मिले ४८म्प मुख्य कैमरे (ओईस के साथ भी) के बजाय ओईस द्वारा सहायता प्राप्त ४0म्प मुख्य कैमरा है। किसी भी तरह से, अन्य कैमरे समान होने चाहिए, इसलिए ८म्प का अल्ट्रा वाइड लेंस कैमरा, २म्प का मैक्रो कैमरा और २0म्प का फ्रंट कैमरा। अंत में, स्मार्टफोन ४५००व फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ ६७माह की बैटरी द्वारा संचालित होगा।यह दो स्टीरियो स्पीकर, एक साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर और एक इंफ्रारेड एमिटर के साथ आएगा। डिवाइस अंड्रॉयड १३ पर आधारित मिउई १२ पर चलेगा। नर्ड, प्रौद्योगिकी, फोटोग्राफी, वीडियो निर्माता और गेमर के बारे में भावुक। और निश्चित रूप से मुझे ज़ियाओमी उत्पादों से प्यार है! ट्विटर पर उपलब्ध है। जब आप पहली बार एक सामाजिक लॉगिन बटन का उपयोग करते हुए लॉग इन करते हैं, तो हम आपकी गोपनीयता सेटिंग्स के आधार पर, सामाजिक लॉगिन प्रदाता द्वारा साझा की गई आपकी खाता सार्वजनिक प्रोफ़ाइल जानकारी एकत्र करते हैं। हमारी साइट पर एक खाता बनाने के लिए हम आपके ईमेल पते का उपयोग करेंगे। मैं स्वीकार करता हूं कि मेरी ईमेल का उपयोग नई टिप्पणियों की सूचनाएं प्राप्त करने के लिए किया जाता है (आप किसी भी समय सदस्यता रद्द कर सकते हैं)। ११ के लिए ज़ियाओमी शुन्ज़ाओ ज़१५२ मैक्स वैक्यूम क्लीनर यूरोप से भेज दिया गया! इलाइफ आ८० प्लस केवल ७९ के लिए फर्श की सफाई करने वाला रोबोट यूरोप से मुफ़्त भेजा गया! रोबोरॉक एस७ प्रो अल्ट्रा फ्लोर क्लीनिंग रोबोट ९९९ में यूरोप से नि:शुल्क भेजे जाने की पेशकश पर है!
माघ का महीना साल के दूसरे माह में शुरू होता है। माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। गुप्त नवरात्र: नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करता है। साधना के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते है। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्र में प्रलय और संहार के देवता, देवों के देव महादेव एव मां काली की पूजा का विधान है। जिस तरह वर्ष में ४ बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्री में देवी के ९ रूपों की पूजा की जाती है ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात में दस महाविधाओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैं। माँ काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मांतगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। जिस प्रकार वास्तविक नवरात्र में भगवान विष्णु की पूजा और शारदीय नवरात्र में देवी शक्ति की नौ देवीयों की पूजा की प्रधानता रहती है, उसी प्रकार गुप्त नवरात्र दस महाविद्याओं के होते हैं यदि कोई साधक गुप्त नवरात्र में इन महाविद्याओं के रूप में शक्तियों की उपासना करे तो उसका जीवन धन-धान्य, राज्य-सत्ता एवं एश्वर्य से भर जाता है। इस नवरात्र के दौरान मां भगवती के गुप्त स्वरूप मां काली की पूजा की जाती है लेकिन गुप्त तरीके से पूजा, मंत्र, पाठ और प्रसाद सभी को गुप्त रखा जाता है। इस नवरात्र को करने में साधक को पूर्ण संयम और शुद्धता के साथ मां भगवती की आराधना करनी चाहिए, गुप्त नवरात्र की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा को स्वरूपों के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी पूजा का विशेष महत्व है।
अपने संपर्क विवरण साझा करके, मैं जक्वार और इसके प्रतिनिधियों को मुझे कॉल करने या मुझे एसएमएस करने के लिए अधिकृत करता हूं। यह सहमति डीएनसी / एनडीएनसी के लिए किसी भी पंजीकरण को ओवरराइड करेगी।
दीपा कर्मकार (बंगाली: , अंग्रेजी: दीपा कर्मकर) (जन्म: ९ अगस्त १९९3) एक कलात्मक जिम्नास्ट हैं जो २०१६ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली वे पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं[१][२], और पिछले 5२ वर्षों में ऐसा करने वाली वे प्रथम भारतीय, पुरुष अथवा महिला, जिम्नास्ट हैं। दीपा ने २०१६ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। किसी भी ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली वे पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं[१][२], और पिछले 5२ वर्षों में ऐसा करने वाली वे प्रथम भारतीय, पुरुष अथवा महिला, जिम्नास्ट हैं। अन्तिम परिवर्तन ०८:०३, ३१ मई २०२१।
यदि आप फ़्लॉपी ड्राइव के साथ किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, जहाँ ड्राइव के सामने की लाइट बंद नहीं होती है, तो समस्या को ठीक करने में मदद के लिए नीचे दिए गए समस्या निवारण विकल्पों की समीक्षा करें। ड्राइव लाइट बंद न होने का सबसे आम कारण फ्लॉपी ड्राइव डेटा केबल का ठीक से कनेक्ट नहीं होना है। सत्यापित करें कि फ्लॉपी ड्राइव केबल फ्लॉपी ड्राइव के पीछे और मदरबोर्ड से ठीक से जुड़ा हुआ है। केबल पर पिन एक आमतौर पर फ्लॉपी पावर कनेक्टर के सबसे करीब स्थित होता है, इसलिए केबल पर लाल पट्टी को फ्लॉपी ड्राइव के पीछे पावर कनेक्टर का सामना करना चाहिए। यदि फ्लॉपी ड्राइव डेटा केबल ठीक से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, तो संभावना है कि फ्लॉपी ड्राइव शारीरिक रूप से खराब है और यह सिफारिश की जाती है कि इसे प्रतिस्थापित किया जाए।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश में आतंकी हमले की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। राजनाथ ने बताया, 'किसी आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। हम आतंकी गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसलिए अलर्ट जारी किए गए हैं। सिंह दरअसल इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या त्योहारी मौसम के दौरान आतंकी हमले की आशंका है? जब उनसे गृहमंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को जारी सुरक्षा संबंधी परामर्श के बारे में पूछा गया तो गृहमंत्री ने कहा कि इस तरह के परामर्श सरकार को मिली सूचना के आधार पर नियमित रूप से जारी किए जाते हैं। इस परामर्श में गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे त्योहारी मौसम में पूजास्थलों एवं सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सीरिया में आतंकवादी उड़ाना सीख रहे हैं जेट विमान!
यहां बिहार सरकार / जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई सभी सार्वजनिक योजनाएं दिखाई देती हैं। इन योजनाओं को खोजने के लिए सुविधा प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारम्भ २ अक्टूबर २०१६ को किया गया है| इस योजना के तहत २० से २५ वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोज़गार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर रू० १००० प्रति माह की दर से स्वयं सहायता भत्ता दो वर्षो के लिए दी जायेगी। सामाजिक सुरक्षा और विकलांगता निदेशालय सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधीन है। निदेशालय का मुख्य उद्देश्य गरीबों के लिए सामाजिक सहायता विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन के रूप मे उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है।
किस खिलाड़ी को क्र७ के नाम से जाना जाता है? ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी एनाबेल सदरलैंड ने कहा कि क्वींसलैंड के कैरारा ओवल में ३० सितंबर से शुरू होने वाले भारत के खिलाफ आगामी डे-नाइट टेस्ट के लिए सदर्न स्टार्स बहुत उत्साहित हैं। पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए, १९ वर्षीय क्रिकेटर ने कहा कि मेजबान भारत को हल्के में नहीं ले रहे हैं, खासकर श्रृंखला के हाल ही में समाप्त हुए एकदिवसीय चरण के आलोक में। ऑस्ट्रेलिया के पहले दो गेम जीतने के साथ वनडे समाप्त हुआ और भारत तीसरा. दोनों टीमें विभिन्न प्रारूपों में मैचों की एक श्रृंखला खेल रही हैं और अंत में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाला विजेता ट्रॉफी लेगा। टेस्ट मैच दोनों पक्षों के लिए एक रोमांचक अवसर है। भारत ने दिखाया कि पिछले दो एकदिवसीय मैचों में उनके पास एक ऐसी टीम है जो लड़ सकती है और ऐसा कोई मंच नहीं था जब हमने उन्हें कम करके आंका। यह एक रोमांचक मैच की तरह लग रहा है, उसने कहा। भारत ने अपने पहले दिन-रात्रि टेस्ट के लिए बेंगलुरू में एक शिविर के साथ तैयारी की, जो टीम के डाउन अंडर दौरे के लिए रवाना होने से पहले आयोजित किया गया था। यह मिताली राज एंड कंपनी का इस साल दूसरा टेस्ट है। पहला इंग्लैंड के खिलाफ, जो सात साल में भारत के लिए पहला टेस्ट भी था। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ वर्षों में भारत से अधिक टेस्ट खेले हैं, लेकिन दिन-रात्रि टेस्ट इसे समान रूप से मैच करने वाला मुकाबला बनाता है। सदर्न स्टार्स ने २०१७ से पहले केवल एक गुलाबी गेंद का टेस्ट खेला है। तीसरे एकदिवसीय मैच के बाद अपने मैच के बाद के साक्षात्कार में, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मेग लैनिंग ने उल्लेख किया था कि कैसे वे नियमित टी २० आई या ओडीआई से अलग ऐतिहासिक टेस्ट में नहीं आ रहे हैं। सदरलैंड, जो टेस्ट टीम में भी शामिल हैं, ने लैनिंग के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करने के लिए मैच से पहले और बाद में कड़ी मेहनत करती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे एक प्रक्रिया-उन्मुख टीम हैं। सदरलैंड ने झूलन गोस्वामी को गेंद को दोनों तरफ से हिलाने की उनकी क्षमता के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए खतरा बताया। भारत महिला ऑस्ट्रेलिया का दौरा: देखें भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला गुलाबी गेंद डी/एन टेस्ट खेलती है, सोनी सिक्स (अंग्रेजी), सोनी टेन ३ (हिंदी) और सोनी टेन ४ (तमिल और तेलुगु) चैनलों पर ३० सितंबर, २०२१ से ३ तक लाइव अक्टूबर २०२१, सुबह १०:०० बजे इस्ट।
नई दिल्ली : दिल्ली वाले कृपया दें ध्यान, सोमवार और मंगलवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी। दिल्ली जल बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि ८ मार्च की शाम से ९ मार्च की सुबह तक इन इलाको मे होगी पानी की किल्लत बरवाला, सुल्तानपुर डबास, चांदपुर, बवाना, माजरा डबास और पूठ खुर्द। वार्ड ३५ कंझावला के तहत क्षेत्र, वार्ड ३६ रानी खेरा और आसपास के इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी। ८ मार्च से ९ मार्च तक दिल्ली जल बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि होगी पानी की किल्लत। पानी की आपूर्ति इन इलाको में होगी प्रभावित क्र्प्क कॉम्प्लेक्स, ओल्ड राजिंदर नगर, पुलिस वायरलेस, रविंदर रंग शाला, सर गंगा राम अस्पताल और वीया के क्षेत्रों में। दिल्ली में हर साल गर्मियों में कई इलाको में होने लगती है पानी की किल्लत । पानी के टैंकरों से दिल्ली के कई इलाकों में होती है पानी की सप्लाई। राघव चढ्ढा दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन ने बताया कि हरियाणा से दिल्ली आने वाले कच्चे पानी की सप्लाई में हरियाणा ने कटौती कर दी है जिस कारण दिल्ली में पानी की किल्लत बढ़ने लगी हैं। राजधानी में इसकी वजह से पानी का उत्पादन अब कम हो गया है। पानी की किल्लत के वजह से सप्लाई और डिमांड का अंतर बढ़ रहा है। डीजेबी के अनुसार गर्मियों में तापमान बढ़ने के कारण पानी की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। दिल्ली में मौजूदा समय में हरियाणा सीएलसी कनाल से ५४९.१६ क्यूसेक पानी छोड़ रहा है, जबकि हरियाणा को दिल्ली में ६८३ क्यूसेक पानी प्रतिदिन छोड़ना चाहिए। इसी तरह डीएसबी कनाल से भी महज ३०६.६३ क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जबकि उसे ३३० क्यूसेक पानी छोड़ा जाना चाहिए।
नमस्कार, अप्नसंदेश.कॉम पर आप सभी का स्वागत है। दोस्तों आज के लेख में हम वाहनों के महत्वपूर्ण उपकरण तथा कार में ड्राइवर के सीट के आगे डैशबोर्ड में स्थित उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। दोस्तों आप सभी कार या फिर किसी भी प्रवासी वाहन में प्रवास करते है। जब भी हम किसी वाहन में प्रवेश करते हैं और ड्राइवर की सीट पर बैठते हैं या फिर आगे के सीट पर बैठते है, तो हमें डैशबोर्ड पर कई उपकरण या संकेतक मिलते हैं। लेकिन उन उपकरणों का, क्या काम है? और यह कैसे काम करते है? इससे हम अनजान रहते है। इसलिए दोस्तों आपके लिए अपना संदेश वेब पोर्टल के सभी कर्मचारी हमेशा आपको ऑटोमोबाइलऔर टेक्नोलॉजीके सम्बंधित सभी जानकरियों से अवगत कराते रहेंगे इसलिए आप हमारे साथ जुड़े रहे। डैशबोर्ड को चालक के सामने रखा गया एक नियंत्रण कक्ष माना जा सकता है, जिस पर वह वाहन के समुचित कार्य के लिए नज़र रखता है। डैशबोर्ड में उपकरणों और गेजों का समूह होता है जो चालक को वाहन के स्वास्थ्य से अवगत कराते हैं। एयरबैग (श्र्स) प्रणाली में कम ईंधन, कम तेल के दबाव, कम टायर के दबाव और दोष के लिए संकेतक भी होते हैं। हीटिंग और वेंटिलेशन कंट्रोल और वेंट, लाइटिंग कंट्रोल, ऑडियो उपकरण और ऑटोमोटिव नेविगेशन सिस्टम भी डैशबोर्ड पर लगे होते हैं। डैशबोर्ड के शीर्ष में हीटिंग और एयर कंडीशनिंग सिस्टम के लिए वेंट और ऑडियो सिस्टम के लिए स्पीकर भी होते हैं। डैशबोर्ड में फिट किया गया प्रत्येक घटक विशेष खंड के काम को इंगित करता है। स्पीडोमीटर चालक को एक वाहन की गति बताता है कि वह तेज गति से चल रहा है या निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर। स्पीडोमीटर से गति को प्रति घंटे किलोमीटर में मापा जाता है। वाहन का नियंत्रण चालक के साथ रहता है इसलिए स्पीडोमीटर चालक को अपनी और यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्थितियों के आधार पर गति को सुरक्षित सीमा में रखने में मदद करता है। टैकोमीटर बताता है कि प्रति मिनट (आरपीएम) क्रांतियों में कितना तेज इंजन चालू होता है। वाहन चालक जब वाहन चलाते समय अगर तेज गति से इंजन रनिंग करता है तो इसकी जानकारी हम टैकोमीटर से ले। यदि चालक ने ध्यान दिया कि टैकोमीटर तेजी से बढ़ने पर असामान्य रूप से समस्या बढ़ रहा है, तो यह समस्याओं को बढ़ाता करता है और फिर सूचना देता की आप वाहन सेवा स्टेशन में जाकर जांच कराये। ओडोमीटर एक उपकरण है जो किसी वाहन द्वारा यात्रा की गई दूरी को इन्क्रीस करता है, जैसे कि साइकिल या ऑटोमोबाइल, डिवाइस इलेक्ट्रॉनिक, मैकेनिकल या दोनों का संयोजन हो सकता है। यह डिवाइस दो गंतव्य के बीच की दूरी को जानने में मददगार है। ईंधन गेज वाहन के टैंक में ईंधन की मात्रा की संक्षिप्त स्थिति को सूचित करता है। यदि आप अपने ईंधन गेज पर नज़र नहीं रखते हैं, तो आपकी वाहन किसी भी समय बंद हो सकती हैं। इसलिए हमें नियमित रूप से ईंधन गेज की जांच करनी चाहिए ताकि ईंधन के अभाव में हम सड़क पर न फंसे। तापमान गेज वास्तव में आपके इंजन के तापमान को नहीं मापता है, बल्कि, यह इंजन के शीतलक के तापमान को मापता है। अधिकांश गेज में ठंड, सामान्य और गर्म के लिए सीमा होती है। यदि वाहन का तापमान गेज गर्म सीमा में हो जाता है, तो उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए और तुरंत ड्राइविंग बंद कर देनी चाहिए। इसे नजरअंदाज करने से काफी कम समय में काफी महंगी नुकसान हो सकता है। यह अंदाजा लगाना महत्वपूर्ण है कि आमतौर पर कितने समय कार चलती है और इंजन गर्म होने लगता है। जबकि बाहर का तापमान कुछ हद तक रीडिंग को प्रभावित करेगा, वाहन के सामान्य रेंज से लगातार ऊपर रहने वाले तापमान कूलिंग सिस्टम की समस्याओं का संकेत दे सकते हैं। तो इंजन नियंत्रण इकाई माल्फंक्शन से संबंधित एक गलती कोड संग्रहीत करती है, जिसे स्कैन टूल के साथ पुनर्प्राप्त किया जा सकता है और आगे निदान के लिए उपयोग किया जा सकता है। माल्फंक्शन सूचक दीपक आमतौर पर लीजेंड चेक इंजन, सर्विस इंजन सूँ, या एक इंजन का एक चित्र शामिल है। ज्यादातर मामलों में, प्रकाश कुछ भी गंभीर होने का संकेत नहीं है। उस कारण से, बहुत से लोग इसे अनदेखा करते हैं। लेकिन इसे अनदेखा किया तो यह समस्या बहुत गंभीर समस्या के साथ ड्राइविंग को समाप्त कर सकता है और वाहन को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। ऑटोमोटिव नेविगेशन सिस्टम एक सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है जिसे ऑटोमोबाइल में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आमतौर पर यूनिट के मैप डेटाबेस में सड़क पर उपयोगकर्ता का पता लगाने के लिए स्थिति डेटा प्राप्त करने के लिए एक जीपीएस नेविगेशन डिवाइस का उपयोग करता है। सड़क डेटाबेस का उपयोग करके, इकाई अपने डेटाबेस में सड़कों के साथ अन्य स्थानों को भी निर्देश दे सकती है। विभिन्न कंपनियां इस इकाई का निर्माण करती हैं और इन्हें वाहन के डैशबोर्ड में फिट किया होता है। अब दिनों में अधिकांश वाहन डिस सिस्टम से सुसज्जित हैं। यह प्रणाली चालक को विभिन्न सूचनाओं जैसे कि सहज ईंधन की खपत, यात्रा की सीमा, किलोमीटर के संदर्भ में ईंधन की उपलब्ध मात्रा, वायुमंडलीय तापमान के साथ डिजिटल घड़ी के बारे में सक्षम बनाती है। दोस्तों, उम्मीद है की आपको ऑटोमोबाइल वाहन के डैशबोर्ड उपकरण आटोमोबाइल वेहिकल दश्बोर्ड देविस यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख उपयोगी लगता है, तो इस लेख को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ ज़रूर साझा करें। और ऐसे ही रोचक लेखों से अवगत रहने के लिए हमसे जुड़े रहें और अपना ज्ञान बढ़ाएँ। हसते रहे मुस्कुराते रहे।
रांची। जेसीआई रांची के तत्वावधान में रांची के मोरहाबादी मैदान में २४ नवंबर से एक्सपो उत्सव होने वाला है। इसका ऑफिस २८ अक्टूबर को खुला। यह कार्यालय लाइन टैंक रोड में कॉमर्स टावर में खुला है। कार्यालय का उद्घाटन जेसीआई संस्था के पूर्व अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से किया। इस बार एक्सपो में ३०० से अधिक स्टॉलधारक आ रहे है। ये देश विदेश के विभिन्न जगह से आएंगे। अब तक २०० से अधिक स्टॉल की बुकिंग भी हो गई है। एक्सपो इस वर्ष रांची के मोरहाबादी मैदान में २४ नवंबर से २८ नवंबर को आयोजित किया जाना है। अध्यक्ष सौरव साह के नेतृत्व में टीम एक्सपो का गठन किया गया है। एक्सपो के चीफ को-ऑर्डिनेटर अभिषेक केडिया हैं। उन्होंने बताया कि अब एक्सपो को लेकर रोज मीटिंग होगी। लेआउट पर चर्चा होगी। आगे की रणनीति तय होगी। टीम को उनके काम से अवगत कराया जाएगा। हैं। कार्यक्रम का संचालन उदित तुलस्यान ने किया। मौके पर अनूप अग्रवाल, नारायण मुरारका, विजय पटेल, दीपक अग्रवाल, अरविंद राजगढ़िया, प्रतीक जैन, विनय मंत्री, अभिषेक जैन, तरुण अग्रवाल, सनी केडिया, राहुल टिबड़ेवाल आदि सदस्य मौजूद थे। इसकी बागडोर ठेठ पत्रकारों का समूह संभाल रहा है। इनके पास वर्षों का अनुभव है। खबरों को परखने का मादा। सच और झूठ में फर्क करने की समझ भी है। दैनिक भारत २४ आप तक सिर्फ समाचार ही नहीं पहुंचाएगा, बल्कि आपके हितों का ख्याल भी रखेगा। आपको फर्जी खबरों से सचेत करेगा। आपकी प्रतिभा को भी परखने का काम भी करेगा। हमारा उद्देश्य पत्रकारिता की मर्यादा का ख्याल रखते हुए खबरें आप तक पहुंचाना है।
मोकामा। आरपीएफ मोकामा ने अवैध शराब की एक बड़ी खेफ जब्त की है। १ दिसंबर को ट्रेन संख्या ०२०२३ में एस्कॉर्ट कर रही आरपीएफ टीम ने चेकिंग के दौरान हजारों रुपए मूल्य की शराब पकड़ी। मोकामा आरपीएफ इंसपेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि एसआई प्रदीप कुमार झा के नेतृत्व में छह सदस्यीय आरपीएफ टीम ट्रेन में एस्कॉर्ट कर रही थी। ट्रेन के मोकामा से रात करीब सवा नौ बजे खुलने के बाद कोच संख्या डी ६ में शौचालय के पास आरपीएफ टीम को एक ट्रॉली मिली। हालांकि किसी भी यात्री ने उस ट्रॉली बैग पर दावा नहीं किया। बाद में आरपीएफ टीम ने ट्रॉली बैग खोलकर उसकी जांच की तो विभिन्न ब्रांडों की 2६ बोतल शराब बरामद हुई। अरविंद सिंह ने बताया कि जब्त शराब की कीमत ३० हजार रूपए से ज्यादा आंकी गई है। बुधवार को जब्त शराब को आगे की कानूनी कार्रवाई करने के लिए जीआरपी मोकामा के हवाले किया गया। इस मामले में किसी की गिफ्तारी नहीं हुई है। ना ही किसी शराब तस्कर गिरोह का कोई अता पता चला है। आरपीएफ और पुलिस अब उस गिरोह का पर्दाफाश करने में लगी है जो ट्रेन में शराब लादकर तस्करी करते हैं। माना जा रहा है कि जब्त शराब को पटना जैसे शहर में पहुंचना था और कुछ नामी गिरामी लोगों को आपूर्ति होती। पुलिस पूरे मामले की जांच में लगी है।
उप बोर्ड एडमित कार्ड डावनलोड: उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया गया है, ऐसे में दोनों कक्षाओं के ५१ लाख छात्र-छात्राएं परीक्षा के टाइम टेबल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में उपलब्ध बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं, और लाखों छात्र अपनी पढ़ाई पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ऐसे में एडमिट कार्ड जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिनकी चर्चा नीचे की जाएगी. . विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। यूपी बोर्ड १०वीं, १२वीं की परीक्षा के लिए स्कूल के माध्यम से एडमिट कार्ड जारी करने का प्रावधान है, इसलिए आपको अपने स्कूल में जाकर एडमिट कार्ड लेना होगा, इसमें कुछ समय लग सकता है, इसलिए सभी स्कूलों में १ सप्ताह के भीतर एडमिट कार्ड पहुंच जाएगा। कॉलेज और कुछ अन्य महत्वपूर्ण निर्देश भी इस बार जारी हो सकते हैं, जिन्हें आपको नीचे उपलब्ध बिंदुओं को समझना होगा। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड स्कूल और कॉलेज में ही दिए जाएंगे, लेकिन अगर किसी कारण से आयोग कोई नया नियम जारी करता है तो आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से एडमिट कार्ड कैसे डाउनलोड किया जाएगा, इस पर ध्यान दें। मुखपृष्ठ पर, महत्वपूर्ण जानकारी और डाउनलोड अनुभाग खोजें। यूपी १०वीं १२वीं एडमिट कार्ड २०२२ लिंक खोजें और उस पर क्लिक करें। अपना क्रेडेंशियल दर्ज करें यूजर आईडी, स्कूल कोड, रोल नंबर और पंजीकृत पासवर्ड। आपका एडमिट कार्ड खुल जाएगा। इसे डाउनलोड कर प्रिंट कर लें।
आप जब भी नेशनल हाईवे से गुजरते है या ट्रैवल करते है तो आपको टोल टैक्स देना होता है। भारत में टोल टैक्स देना सभी के लिए अनिवार्य है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है जिनको टैक्स नहीं देना होता है। इन दिनों व्हेत्सप्प पर ऐसे कई मैसेज चल रहे हैं जिनमें टोल टैक्स से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। इसमें पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों व कई अन्य लोगों को भी टोल टैक्स नहीं देने की सलाह दी गई है। यहां तक कि कई ग्रुप्स में तो बाकायदा जारी किए गए आदेश की कॉपी भी शेयर की गई है। लेकिन आपको बता दे कि व्हेत्सप्प पर चल रहे इस तरह की वायरल मैसेज फेक है। केंद्र सरकार ने इन सभी अफवाहों का खंडन हुए एक नोटिस जारी किया है जिसमे सरकार ने कहा है कि सरकार द्वारा इस तरह का ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।सोशल मीडिया पर चल रहे सभी मैसेज फर्जी है और पूरी तरह से गलत है। उपरोक्त सभी के अलावा अन्य कई जरूरी सेवाओं को भी टोल टैक्स से छूट दी गई है। इनमें एम्बुलेंस सेवा, शव वाहन सेवा, पुलिस की गाड़ियां, अर्द्धसैनिक सुरक्षा बलों की गाड़ियां, फायर फाइटिंग गाड़ियों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता है। इसी तरह भारत सरकार के सर्वोच्च अवार्ड यथा परमवीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र आदि पुरस्कार प्राप्त करने वाले सम्मानीय लोगों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता।
मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा २०२२ दिनांक १५ मार्च २०२३ से प्रारंभ। कुल १३९ पेज की नियम पुस्तिका में पेज क्रमांक ४-९२ में रिक्त पदों की जानकारी एवं आरक्षण तालिका, ९३-११७ में भू अभिलेख राजस्व विभाग के लिए पटवारी पदों हेतु गाइडलाइन, रिक्त पदों की जानकारी एवं आरक्षण तालिका। पेज क्रमांक १३५ में परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रदर्शित किया गया है। यहां क्लिक करके समूह-२ उप समूह-३ स्वच्छता निरीक्षक, केमिस्ट एवं समकक्ष पदो की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा-२0२२ के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहां क्लिक करके नियम पुस्तिका पढ़ सकते हैं एवं पफ फाइले डावनलोड कर सकते हैं।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच गुजरात के निरमा विश्वविद्यालय पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने छात्रों को "नागरिकता (संशोधन)" अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर "धमकाने" की कोशिश की और उनके माता-पिता को भी नसीहत दी कि वे उन्हें 'सलाह' दें। साथ ही आरोप है कि छात्रों को शपथपत्र देने को कहा गया कि वे भविष्य में ऐसी गतिविधियों में भागीदारी से दूर रहेंगे। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आरोप लगाया कि निरमा विश्वविद्यालय ने नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले अपने छात्रों को आगाह किया और अभिभावकों को उन्हें समझाने की सलाह दी। राज्य के कानून के तहत स्थापित निजी विश्वविद्यालय के अधिकारी मामले पर बयान के लिए उपलब्ध नहीं थे। सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले सप्ताह यहां साबरमती आश्रम के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। यंग इंडिया नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी और कैंपेन अगेंस्ट सीएए-एनआरसी-एनपीए के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उन मैसेजों के स्क्रीन शॉट मीडिया से साझा किये, जिन्हें कथित तौर पर छात्रों और अभिभावकों को विश्वविद्यालय की ओर से भेजा गया था। संदेश में कहा गया है, "हमने अपने छात्रों को इस तरह की गतिविधियों से बचने के लिए परामर्श दिया है और हम भी आपकी तरफ से समर्थन की उम्मीद करते हैं। यह भी आपको सूचित करना है कि यदि आपका पुत्र/पुत्री विरोध प्रदर्शन में भाग लेता है, तो पुलिस उसके खिलाफ रिकॉर्ड बना सकती है। धन्यवाद।" कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले छात्रों को धमकाया गया है। कार्यकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि छात्रों को शपथपत्र देने को कहा गया कि वे भविष्य में ऐसी गतिविधियों में भागीदारी से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा, "हम संबंधित अधिकारियों से छात्रों और उनके अभिभावकों को भेजे गए संदेशों को वापस लेने की मांग करते हैं और छात्रों को वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का उपयोग करने के लिए डराते और परेशान नहीं करते हैं।"
नई दिल्ली। गांधी नगर विधानसभा के शास्त्री पार्क वार्ड ई-२५ की बुलंद मस्जिद कॉलोनी में इतनी समस्या हैं कि ऐसा लगता है कि जैसे यहां लोग नहीं जानवर रहते हैं। यहां एक समस्या हो तो कोई बात नहीं पर यहां तो समस्याओं का अंबार हैं। यहां की मुख्य समस्याएं कालोनी की सभी नाली, गली व सड़क खराब हैं। कालोनी में लगे खम्भे की स्ट्रीट लाइट खराब हैं या हैं नहीं। कब्रिस्तान के सामने पार्क में पानी भर जाता है जिस कारण सारा पानी कब्रिस्तान में जमा होने लगता है, डिस्पेंसरी बन चुकी है पर कब चालू होगी पता नहीं, इसके आस-पास कूड़े का ढेर है। चार साल से ए-ब्लॉक में पीने के पानी की परेशानी है। काफी शिकायत के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ जिस कारण लोग पानी खरीदकर या मोटर का पानी पी रहे हैं। बाकी कालोनी में भी पानी की समस्या है। शाम ५ बजे पानी बिल्कुल पीला आता है। सीसीटीवी नहीं लगवाए गए हैं जिसकी वजह से चोरी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कम से कम यहां दो कूड़े घर नए बनाए जाने चाहिए ताकि लोगों के कूड़े का निस्तारण हो सके। कालोनी में स्कूल है पर लाइब्रेरी नहीं। बैठने या टहलने के लिए पार्क तो है पर ठीक नहीं है। ऐसी कई और समस्या है। इन परेशानियों को हर स्तर पर रखा गया है पर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। आज इन्हीं समस्याओं को लेकर नई पीढ़ी-नई सोच संस्था ने बुलंद मस्जिद कॉलोनी में ईडीएमसी में प्रतिपक्ष के नेता मनोज त्यागी व शास्त्री पार्क वार्ड ई-२५ के आप से मनोनीत निगम पार्षद हसीबुल हसन का दौरा करवाया। इस मौके पर संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो. रियाज, संस्था के शास्त्री पार्क वार्ड ई-२५ के अध्यक्ष मारूफ अली, संस्था के कई पदाधिकारी, सदस्य व आम जनता मौजूद थी। मनोनीत निगम पार्षद हसीबुल हसन ने कहा अगर यह समस्या जल्द ठीक नहीं हुई तो वो दिन दूर नहीं बुलन्द मस्जिद की कालोनी के लोगों के साथ मिलकर यही कूड़ा विधायक और निगम पार्षद के घर और कार्यालय में डाल आएंगे। संस्था राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो. रियाज ने कहा हम इस कूड़े को लेकर कोई लोगों से मिल चुके हैं पर हर जगह से आश्वाशन ही मिला है पर समस्या खत्म नहीं हुई। आज अपने व्यस्त समय में से मनोज जी ने हमारी कालोनी के लिए समय निकाला उसके लिए हम शुक्रगुजार है और उम्मीद करते हैं कि इस समस्या से हमे जल्द छुटकारा मिलेगा।
जी हां दोस्तों सही पहचाना आपने। ये डायलॉग है कफ मुव्ही का। जो डिसेंबर २०१८ में आयी एक कन्नड इंडियन एक्शन मुव्ही थी। जिस के डाइरेक्टर और राइटर थे प्रशांत निल। होम्बले फिल्म्स के बॅनर में ये मूवी बनी थी। इस मुव्ही को देखने के बाद तो लोग यश के लुक के दिवाने हो गये। यश इसमें रॉकी नाम के किरदार में नजर आये थे और श्रीनीधी शेट्टी बतौर अभिनेत्री दिखाई गई थी। जिसे कफ में एक बडे राजनेता की बेटी के किरदार में दिखाया गया था। सबसे अलग और खतरनाक किरदार था रामचंद्र राजू का मतलब गरुडा का। कफ मतलब कोलार गोल्ड फील्ड्स पर आधारित यह मुव्ही हैं। इसमें १९५१ से १९८१ तक का रॉकी का सफर बताया गया है। कोलार गोल्ड फील्ड्स के गुलाम मजदूरों को रॉकी कैसे आजाद करवाता हैं इसी पर मुव्ही की कहानी बतायी गयी हैं। वैसे तो रॉकी की मां चाहती थी कि राॅकी दुनिया पर राज करे और दुनिया का सबसे अमीर आदमी बने। रॉकी बचपन में ही मुंबई आकर क्राइम वर्ल्ड से जुड जाता हैं और वहां से उसके सपनों की शुरुआत हो जाती हैं। और वहां से वह आ जाता हैं कफ। वहां पर रॉकी गरुडा को मारकर कफ का बॉस बन जाता है। लेकिन इसके आगे क्या? तो दोस्तों इसके आगे जानने के लिए आप जितने बेताब हैं उसी प्रकार कफ चाप्टर २ को बडे पर्दे पर देखने के लिए सभी लोग इंतजार कर रहे हैं। वैसे तो यह मुव्ही कफ की सैक्वेल ही हैं। कफ २ में शायद और भी बडे बडे एक्शन के धमाके होंगे। क्योंकि इसके खलनायक हैं अपने संजु बाबा। तो आप सोच सकते हो कफ २ में कीतना एक्शन होगा। संजय दत्त के साथ साथ इसमें रवीना टंडन भी नजर आयेगी। संजय दत्त कफ २ में अधिरा नाम के किरदार में नजर आयेंगे। इस मूवी में रॉकी और अधीरा के बीच कफ पर राज करने की कहानी बतायी जाने वाली हैं। रवीना टंडन १९८१ के एक बड़े राजनैतिक किरदार में नजर आयेंगी। इस कहानी का कनेक्शन दुबई के बड़े डॉन तक बताया जाने वाला है। बल्कृष्ण इस डॉन के किरदार में नजर आयेंगे जीस का नाम इनयात खलील बताया गया है। जयकांत शिक्रे मतलब प्रकाश राज भी इस मुव्ही में नजर आयेंग। कफ २ के भी डाइरेक्टर प्रशांत निल ही हैं। मुव्ही मल्टीपल लैंग्वेएज में रिलीज होने वाली हैं। यश के फंस और साथ ही संजु बाबा के फंस भी कफ २ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वैसे तो ये मुव्ही मतलब कफ २ हमें २0२0 में ही सिनेमा घरों में देखने को मिल सकती थी लेकिन संजय दत्त के बिमारी के कारण इसकी शुटिंग रोक दी गई थी। और साथ ही कोविड-१९ भी आ गया। तो अभी तक इसके रिलीज की कोई तारीख कॉनफर्मेड नहीं हुई हैं लेकिन सुत्रो से पता चला है कि जनवरी २0२1 में यश के जन्मदिन के वक्त आप कफ २ को सिनेमा घरों में देख सकते हो। मन में कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पुछ सकते हो।
दशकों से खगोलविद ब्रह्मांडीय गुत्थियों को सुलझाने में प्रयासरत हैं और इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिलती रही है। एक नये अध्ययन में खगोल-विज्ञानियों ने इलेक्ट्रॉन के समकक्ष प्रतिद्रव्य (अंटिमऐटर) की अधिकता का अवलोकन किया है, जिन्हें पॉजिट्रॉन कहा जाता है। जिस प्रकार कोई पदार्थ कणों का बना होता है, उसी प्रकार प्रतिद्रव्य या एंटीमैटर प्रतिकणों से मिलकर बना होता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संबंद्ध रामन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई), बेंगलूरू के शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन किया गया है। शोध में कहा गया है कि हमारी आकाशगंगा मिल्की-वे गुजरती हुई कॉस्मिक किरणों व उन पदार्थों से अंतःक्रिया करती है, जो इलेक्ट्रॉन और पॉजिट्रॉन जैसी अन्य कॉस्मिक किरणों का उत्पादन करते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये कॉस्मिक किरणें पॉजिट्रॉन अतिरेक प्रक्रिया का मूल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि मिल्की-वे में आण्विक हाइड्रोजन के विशालकाय बादल होते हैं, जो नये तारों के गठन का स्रोत हैं। ये नये तारे सूर्य के द्रव्यमान से १० लाख गुना से बड़े आकार के हो सकते हैं, और उनका दायरा ६०० प्रकाश-वर्ष की दूरी तक विस्तृत हो सकता है। सुपरनोवा विस्फोटों में उत्पन्न कॉस्मिक किरणें पृथ्वी तक पहुँचने से पहले इन बादलों से होकर गुजरती हैं। यही कॉस्मिक किरणें आण्विक हाइड्रोजन के साथ अंतःक्रिया करती हैं। अंतःक्रिया से ये अन्य कॉस्मिक किरणों को जन्म दे सकती हैं। बादलों से गुजरने की प्रक्रिया के दौरान इनके मूल आकार का क्षरण होता है और इस दौरान परस्पर मिश्रण भी होता है। इसके साथ ही, बादलों की ऊर्जा के संपर्क में आकर वे अपनी ऊर्जा खोने लगती हैं। हालांकि, इसके बाद भी वे पुनः सक्रिय हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने आण्विक बादलों की सरल ज्यामितीय संरचनाओं पर भी विचार किया है, जबकि वास्तविक आण्विक बादलों में जटिल ज्यामिति होती है। हालांकि, शोधार्थियों के समक्ष अभी भी कई चुनौतियां हैं और उनकी योजना जल्द से जल्द इन चुनौतियों से पार पाने की है। इस अध्ययन में अग्निभा डे सरकार के अलावा सायन विश्वास और नयनतारा गुप्ता शामिल हैं। यह अध्ययन जर्नल ऑफ हाई एनर्जी एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित किया गया है। इस सामग्री को शेयर करें, अपनी पसंद का मंच चूनें !
आज का राशिफल ७ अक्टूबर २०२१ आज का रशिफल ७ अक्टोबर २०२१ : आज हम आपको ७ अक्टूबर २०२१ दिन गुरुवार का राशिफल बताने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहो की चाल के साथ ही मनुष्य के जीवन में परिवर्तन होते रहते हैं। हर दिन मनुष्य का अलग-अलग व्यतीत होता है, क्योंकि रोजाना ही ग्रहों में छोटे-बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। यदि किसी दिन व्यक्ति की राशि में ग्रहों की स्थिति ठीक है तो इसकी वजह से व्यक्ति का दिन शुभ व्यतीत होता है, लेकिन ग्रहों की स्थिति खराब होने के कारण व्यक्ति का दिन कठिनाई पूर्वक व्यतीत होने लगता है। उस दिन व्यक्ति को हर क्षेत्र में निराशा का सामना करना पड़ता है। आज गुरुवार के दिन आपकी किस्मत के सितारे कैसे रहेंगे? आज किन राशियों को फायदा मिलेगा और किन राशियों को नुकसान से गुजरना पड़ सकता है? इसकी जानकारी आप अपनी राशि अनुसार जानिए आज का रशिफल में।
मानव जीनोम परियोजना का औपचारिक शुरुआत १९९० में हुई थी। जीनोम किसी भी जीव के एना में विद्यमान समस्त जीना का अनुक्रम है जीनोम के अध्ययन को जीनोमिक्स कहा जाता है। अधिकांश गैर-संचारी रोग, जैसे-मानसिक मंदता (मेंटल रेतरडेशन), कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हीमोग्लोबिनोपैथी (हिमोग्लोबिनोपथी) कार्यात्मक जीन में असामान्य एना म्यूटेशन के कारण होते हैं। इन रोगों को आनुवंशिकी के दृष्टिकोण से समझने में जीनोम मैपिंग से सहायता मिलती है। जीनोम अनुक्रमण (जेनोम सेक्वेंसिंग) के तहत डीएनए अणु के भीतर न्यूक्लियोटाइड के सटीक क्रम का पता लगाया जाता है। इस परियोजना के माध्यम से कैंसर जैसे रोगों के उपचार के लिये नैदानिक परीक्षणों और प्रभावी उपचारों हेतु, अगले पाँच वर्षों में, दो चरणों में २०,००० भारतीय जीनोम की स्कैनिंग (स्कैनिंग) करने का विचार है। इस परियोजना को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (दट) द्वारा लागू किया जाना है।
देश के ट्रांसफॉर्मर बाजार में क्रॉम्पटन ग्रीव्स बाजार का मुखिया है और सहयोगी इकाइयों पॉवेल्ज और गंज के जरिये यूरोपीय और अमेरिकी ट्रांसमिशन और वितरण (टीऐंडडी) के क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण भागीदारी है। क्रॉम्पटन ग्रीव्स की वैश्विक ट्रांसमिशन और वितरण के खर्च में महत्वपूर्ण भूमिका है। अगले ३ सालों में भारतीय ट्रांसफॉर्मर के बाजार में करीब १५ फीसदी की वृद्धि होगी। हाई वोल्टेज सिस्टम सेगमेंट में वृद्धि तेजी से हो सकती है। व्यावसायिक वाहनों और ट्रैक्टरों से ज्यादा मांग आ रही है, इसी वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बॉश का प्रदर्शन बेहतर था क्योंकि राजस्व में ५९ फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह १,६०० करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के शुद्ध लाभ में 3१0 फीसदी की वृद्धि हुई और यह २०० करोड़ रुपये हो गया। केनरा बैंक ने वित्त वर्ष २०१० की चौथी तिमाही में ५०० करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है जिसमें ३० फीसदी की कमी आई है और यह पिछले साल की तुलना में उम्मीद से कहीं नीचे है। खराब कर्जों के लिए ज्यादा प्रावधान किए जाने की वजह से मुनाफे में कमी आई। बॉन्ड की कमाई ज्यादा होने से कारोबारी आय कम हो गई जिससे मुनाफे में भी कमी आई। ब्रोकर को उम्मीद है कि बैंक का मार्जिन दबाव में है क्योंकि परिसंपत्ति की कमाई पर निचले स्तर का दबाव है और फंड की लागत में बढ़ोतरी की उम्मीद है। देश के विमानन उद्योग में स्पाइसजेट सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी करने वाला एयरलाइन है और इसकी बाजार हिस्सेदारी करीब १२ फीसदी है। इसके विस्तार की मजबूत योजनाओं, अर्थव्यवस्था में सुधार और यात्रियों की तादाद में बढ़ोतरी को देखते हुए ब्रोकर को उम्मीद है कि कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होगा। बड़े घाटे की वजह से ज्यादातर एयरलाइनों ने जहाजों के बेड़े में कमी की है और वित्त वर्ष २००९ से कोई नई क्षमता नहीं जोड़ी गई। लेकिन मांग में तेजी से उछाल आई है और कम लागत वाले कैरियर से लोडिंग ८० फीसदी तक है।
बुधवार को आरबीआई की तरफ से घोषित कदमों को भारतीय कंपनियां पूंजी नियंत्रण के तौर पर ले रही है, लेकिन केंद्र सरकार इससे इनकार कर रही है। क्या आपको लगता है कि हम १९९१ से पहले के पूंजी नियंत्रण वाले दौर में चले गए हैं? हां, स्पष्ट तौर पर। कांग्रेस की अगुआई वाले संप्रग की तरफ से अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन १९९१ की तरह है। सरकार की तरफ से उठाए गए कदम भी १९९१ की तरह हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। आरबीआई का हालिया कदम ही सरकार के पास एकमात्र विकल्प था या इससे बेहतर उपकरण मौजूद थे? डॉलर के मुकाबले रुपये के ६२ पर पहुंचने को आप कितना गंभीर मानते हैं? बाजार में तेज गिरावट आई है, आपकी राय में यह स्थिति कितनी गंभीर है? स्थिति खराब है। बाजार सिर्फ भारत में नुकसान की मानसिक दशा को प्रतिबिंबित कर रहा है। केंद्र सरकार और आरबीआई ने हाल में कुछ निश्चित कदम उठाए हैं, लेकिन समस्या यह है कि वे सिर्फ लक्षणों का इलाज कर रहे हैं, बीमारी का नहीं। सरकार ने बीमारी को खतरनाक बनने दिया है। राजकषीय घाटा, चालू खाते का घाटा, अर्थव्यवस्था की हालत, रुपये में गिरावट... हर चीज नियंत्रण से बाहर है। बाजार ने इसे महसूस किया है। बाजार फिलहाल अपना स्तर तलाश रहा है, चाहे वह रुपये की बात हो या फिर शेयर की। सरकार को नीतियों में बुनियादी बदलाव लाना होगा। प्रधानमंत्री को निश्चित तौर पर इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव कराना चाहिए। जल्द से जल्द चुनाव देश हित में है। २०१३-१४ में चालू खाते का घाटा जीडीपी के ३.७ फीसदी पर रहने के वित्त मंत्री के अनुमान को आप कितना वास्तविक मानते हैं? वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कुछ कांतिवर्धक बदलाव किए हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हम कहते रहे हैं कि बुनियादी बदलाव की दरकार है। चालू खाते के घाटे की प्रमुख वजहों में से एक है कोयले का आयात और हम कोयले के बड़े भंडार पर बैठे हुए हैं।

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