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चक्रवातीय तूफान 'ठाणे' से 33 मरे | काफी तेज गति का चक्रवातीय तूफान ‘ठाणे’ शुक्रवार को तमिलनाडु तट को पार कर गया। इससे अब तक 33 लोगों की मृत्यु हो गई। | जबर्दस्त चक्रवाती तूफान ‘ठाणे’ के शुक्रवार को तमिलनाडु तट पहुंचने पर यहां भारी वष्रा होने के साथ ही 140 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चली जिससे कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई और भारी तबाही हुई।
तूफान से कुड्डलोर एवं संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।
हालांकि चक्रवात ‘ठाणे’ दक्षिणी आंध्रप्रद्रेश तट से बिना कोई नुकसान पहुंचाये ही गुजर गया। पिछले दो दिनों से इस चक्रवात के कारण लोग डर के साये में जी रहे थे। इस तूफान के चलते दोनों राज्य हाई अलर्ट पर थे।
अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई से करीब 170 किलोमीटर दूर कुड्डलोर में तूफान ने काफी तबाही मचाई। तूफान के कारण यहां 21 लोगों की मौत हो गयी, पुडुचेरी में सात, विल्लुपुरम और तिरुवल्लूर में क्रमश: दो.दो व्यक्तियों और चेन्नई में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मौतें अधिकतर वष्राजनित घटनाओं में हुई। इसके अलावा घरों के ढहने एवं बिजली का करंट लगने की भी घटनाएं सामने आई हैं। |
हेमा मालिनी ने नामांकन से पहले CM योगी संग की पूजा-अर्चना, कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर | हेमा मालिनी फिर मथुरा से लड़ेंगी चुनाव
नामांकन से पहले की पूजा अर्चना
साथ में दिखे सीएम योगी आदित्यनाथ | ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस हेमा मालिनी (Hema Malini) पिछले कुछ सालों से अपने राजनीतिक सफर में बेहद सादगी भरे अंदाज से आगे बढ़ती नजर रही हैं. लोकसभा चुनाव 2014 में मथुरा से पहली बार सांसद बनीं हेमा मालिनी को एक बार फिर उसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने मौका दिया है. सोमवार को हेमा मालिनी ने पहले चरण के आखिरी नामांकन के लिए पर्चा दाखिल किया. उससे पहले उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना की. सक्रिय राजनीति में हेमा मालिनी साल 2004 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुईं और फिर पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सदस्य भी बनीं. 2010 में वह भारतीय जनता पार्टी की महासचिव भी बनीं.
ऐसा कहा जाता है कि हेमा मालिनी को बॉलीवुड की दुनिया से राजनीति में लाने के पीछे विनोद खन्ना का हाथ था. फिलहाल इस बात का जिक्र किताबों में ही मिला. पिछली बार साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. इसी वजह से बीजेपी ने भरोसा जताते हुए हेमा मालिनी को इस बार भी मथुरा की सीट से प्रत्याशी बनने का मौका दिया.
राजनीति के अलावा हेमा मालिनी फिल्मों में भी सक्रिय रही हैं. आखिरी बार साल 2017 में फिल्म 'एक थी रानी ऐसी भी' में नजर आई थीं. बता दें, हेमा को फिल्मों से लेकर राजनीतिक करियर बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इनका वास्तिक नाम हेमा मालिनी चक्रवर्ती है. हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु में हुआ था. उनके पिता वी एस आर चक्रवर्ती और माता जयालक्ष्मी जो एक फिल्म प्रोडूसर थीं. हेमा ने अपनी पढ़ाई चेन्नई के आंध्र महिला सभा से की. घर में फिल्मी माहौल होने से हेमा मालिनी का झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया. इसलिए हेमा 12 वीं की पढ़ाई को छोड़ कर फिल्मों को ओर रुख कर लिया. |
INDvsENG: इंग्लैंड के लिए बुरी खबर, चौथे टेस्ट में दूसरे दिन से ही स्पिनरों को मदद कर सकता है विकेट... | सीरीज में 0-2 से पिछड़ रही है कुक की इंग्लैंड टीम
अश्विन, जडेजा और जयंत की तिकड़ी कर रही शानदार गेंदबाजी
भारत के लिए अश्विन ने अब तक सर्वाधिक 15 विकेट लिए हैं | भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-2 से पीछे चल रही इंग्लैंड टीम के लिए मुंबई में होने वाले अगले टेस्ट के लिहाज से भी अच्छी खबर नहीं है. सीरीज का चौथा टेस्ट मुंबई में 8 दिसंबर से प्रारंभ होना है और पिच क्यूरेटर रमेश के मुताबिक, वानखेड़े स्टेडियम का विकेट दूसरे दिन से ही स्पिन गेंदबाजों को मददगार होने लगेगी.टिप्पणियां
क्यूरेटर ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि वानखेड़े स्टेडियम की पिच दूसरे दिन शाम या तीसरे दिन की सुबह से ही टर्न लेना प्रारंभ कर देगी. उन्होंने बताया कि पिच पर से घास हटा दी गई है और इसकी लगातार वाटरिंग की जा रही है. इंग्लैंड के लिए निश्चित ही क्यूरेटर का यह बयान परेशानी करने वाला होगा क्योंकि भारतीय स्पिन गेंदबाजों की तिकड़ी रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने विशाखापट्टनम और मोहाली टेस्ट में मेहमान बल्लेबाजों की कठिन परीक्षा ली थी. इस टर्निंग ट्रैक पर इंग्लैंड टीम के वापसी के प्रयासों को न सिर्फ करारा झटका लग सकता है बल्कि उस पर एक और हार का खतरा मंडरा रहा है.
पांच मैचों की सीरीज के तहत राजकोट में हुए पहले टेस्ट में इंग्लैंड टीम ने टीम इंडिया पर दबाव बनाया था लेकिन इसके बाद विराट कोहली की ब्रिगेड ने पलटवार करते हुए इंग्लिश टीम को बैकफुट पर ला दिया. भारतीय टीम ने अगले दोनों टेस्ट प्रभावी अंतर से जीते और सीरीज में 2-0 की मजबूत बढ़त बना ली है. हालांकि सीरीज में अब तक सबसे अधिक विकेट इंग्लैंड के स्पिनर आदिल राशिद (18 विकेट) ने नाम हैं लेकिन अश्विन (15विकेट) और रवींद्र जडेजा (10 विकेट) ने इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में खास भूमिका निभाई है. भारत के एक अन्य गेंदबाज जयंत यादव ने भी दो मैच में 8 विकेट लेते हुए इस स्पिन जोड़ी का अच्छा साथ दिया है.
क्यूरेटर ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि वानखेड़े स्टेडियम की पिच दूसरे दिन शाम या तीसरे दिन की सुबह से ही टर्न लेना प्रारंभ कर देगी. उन्होंने बताया कि पिच पर से घास हटा दी गई है और इसकी लगातार वाटरिंग की जा रही है. इंग्लैंड के लिए निश्चित ही क्यूरेटर का यह बयान परेशानी करने वाला होगा क्योंकि भारतीय स्पिन गेंदबाजों की तिकड़ी रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने विशाखापट्टनम और मोहाली टेस्ट में मेहमान बल्लेबाजों की कठिन परीक्षा ली थी. इस टर्निंग ट्रैक पर इंग्लैंड टीम के वापसी के प्रयासों को न सिर्फ करारा झटका लग सकता है बल्कि उस पर एक और हार का खतरा मंडरा रहा है.
पांच मैचों की सीरीज के तहत राजकोट में हुए पहले टेस्ट में इंग्लैंड टीम ने टीम इंडिया पर दबाव बनाया था लेकिन इसके बाद विराट कोहली की ब्रिगेड ने पलटवार करते हुए इंग्लिश टीम को बैकफुट पर ला दिया. भारतीय टीम ने अगले दोनों टेस्ट प्रभावी अंतर से जीते और सीरीज में 2-0 की मजबूत बढ़त बना ली है. हालांकि सीरीज में अब तक सबसे अधिक विकेट इंग्लैंड के स्पिनर आदिल राशिद (18 विकेट) ने नाम हैं लेकिन अश्विन (15विकेट) और रवींद्र जडेजा (10 विकेट) ने इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में खास भूमिका निभाई है. भारत के एक अन्य गेंदबाज जयंत यादव ने भी दो मैच में 8 विकेट लेते हुए इस स्पिन जोड़ी का अच्छा साथ दिया है.
पांच मैचों की सीरीज के तहत राजकोट में हुए पहले टेस्ट में इंग्लैंड टीम ने टीम इंडिया पर दबाव बनाया था लेकिन इसके बाद विराट कोहली की ब्रिगेड ने पलटवार करते हुए इंग्लिश टीम को बैकफुट पर ला दिया. भारतीय टीम ने अगले दोनों टेस्ट प्रभावी अंतर से जीते और सीरीज में 2-0 की मजबूत बढ़त बना ली है. हालांकि सीरीज में अब तक सबसे अधिक विकेट इंग्लैंड के स्पिनर आदिल राशिद (18 विकेट) ने नाम हैं लेकिन अश्विन (15विकेट) और रवींद्र जडेजा (10 विकेट) ने इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में खास भूमिका निभाई है. भारत के एक अन्य गेंदबाज जयंत यादव ने भी दो मैच में 8 विकेट लेते हुए इस स्पिन जोड़ी का अच्छा साथ दिया है. |
आईपीएल-10 इस मायने में महेंद्र सिंह धोनी के लिए है बेहद खास... | इस बार कप्तान के बजाय खिलाड़ी के रूप में मैदान में उतरेंगे
अपनी कप्तानी में दो बार चेन्नई सुपरकिंग्स को बना चुके हैं चैंपियन
पिछले सीजन में पुणे सुपरजाइंट्स टीम के कप्तान थे माही | आईपीएल इस वर्ष अपने 10वें वर्ष में प्रवेश कर गया है. अपने इस सफर में फटाफट क्रिकेट के इस 'मेले' ने देश-विदेश के क्रिकेटरों को भरपूर मनोरंजन प्रदान किया है. क्रिकेट के इस आयोजन ने खेलप्रेमियों को दुनियाभर के शीर्ष क्रिकेटरों के खेल कौशल को परखने और इसका मजा लेने का अवसर दिया है. घरेलू क्रिकेट की प्रतिभाओं को निखारने के लिहाज से भी यह टूर्नामेंट बेहद अहम रहा है. पवन नेगी, हार्दिक पांड्या, यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे कई क्रिकेटरों को इस टूर्नामेंट के जरिये पहचान मिली और इसके बाद वे टीम इंडिया में भी स्थान बनाने में कामयाब रहे. आईपीएल महेंद्र सिंह के कप्तानी कौशल का भी गवाह रहा है.
आईपीएल-10 टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए इस मायने में खास है कि वे इस बार कप्तान के बजाय खिलाड़ी के रूप में उतरेंगे. आईपीएल के दर्शकों ने अब तक कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी को कप्तान के रूप में ही देखा है. माही इस बार कप्तान के बजाय खिलाड़ी के रूप में इस टूर्नामेंट में उतरेंगे. टूर्नामेंट में धोनी इस बार राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की टीम की ओर से स्टीव स्मिथ की कप्तानी में खेलेंगे. पिछले सीजन से ही पुणे सुपरजाइंट्स और गुजरात लायंस की टीम को आईपीएल में स्थान मिला था. पिछले सीजन में धोनी पुणे टीम के कप्तान थे लेकिन इस बार फ्रेंचाइजी ने उन्हें कप्तानी के दायित्व से मुक्त करने का फैसला किया है. आईपीएल में धोनी इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से कप्तान की हैसियत से खेले थे. चेन्नई टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने आईपीएल में इस टीम को दो बार चैंपियन बनाया था. यही नहीं, चार बार उनकी कप्तानी में टीम उपविजेता रही और दो बार सेमीफाइनल में पहुंची. आईपीएल के पिछले सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो वर्ष के लिए सस्पेंड कर दिया गया था, इसके बाद धोनी को पुणे की टीम की ओर से खेलने का मौका मिला. यह अलग बात है कि माही की कप्तानी में पिछले सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स टीम कुछ खास नहीं कर पाई थी. उम्मीद की जानी चाहिए कि कप्तानी के दबाव से मुक्त होकर धोनी आईपीएल के 10वें संस्करण में अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेंगे.
आईपीएल-10 टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए इस मायने में खास है कि वे इस बार कप्तान के बजाय खिलाड़ी के रूप में उतरेंगे. आईपीएल के दर्शकों ने अब तक कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी को कप्तान के रूप में ही देखा है. माही इस बार कप्तान के बजाय खिलाड़ी के रूप में इस टूर्नामेंट में उतरेंगे. टूर्नामेंट में धोनी इस बार राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की टीम की ओर से स्टीव स्मिथ की कप्तानी में खेलेंगे. पिछले सीजन से ही पुणे सुपरजाइंट्स और गुजरात लायंस की टीम को आईपीएल में स्थान मिला था. पिछले सीजन में धोनी पुणे टीम के कप्तान थे लेकिन इस बार फ्रेंचाइजी ने उन्हें कप्तानी के दायित्व से मुक्त करने का फैसला किया है. आईपीएल में धोनी इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से कप्तान की हैसियत से खेले थे. चेन्नई टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने आईपीएल में इस टीम को दो बार चैंपियन बनाया था. यही नहीं, चार बार उनकी कप्तानी में टीम उपविजेता रही और दो बार सेमीफाइनल में पहुंची. आईपीएल के पिछले सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो वर्ष के लिए सस्पेंड कर दिया गया था, इसके बाद धोनी को पुणे की टीम की ओर से खेलने का मौका मिला. यह अलग बात है कि माही की कप्तानी में पिछले सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स टीम कुछ खास नहीं कर पाई थी. उम्मीद की जानी चाहिए कि कप्तानी के दबाव से मुक्त होकर धोनी आईपीएल के 10वें संस्करण में अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेंगे. |
‘छात्र के पाठ्यक्रम छोड़ने पर संस्थान फीस रोक कर नहीं रख सकता’ | राष्ट्रीय राजधानी के एक उपभोक्ता फोरम ने कहा है कि यदि कोई छात्र कक्षा किए बगैर किसी पाठ्यक्रम को छोड़ देता है तो शैक्षणिक संस्थान छात्र की ट्यूशन फीस रोक कर नहीं रख सकता है। | राष्ट्रीय राजधानी के एक उपभोक्ता फोरम ने कहा है कि यदि कोई छात्र कक्षा किए बगैर किसी पाठ्यक्रम को छोड़ देता है तो शैक्षणिक संस्थान छात्र की ट्यूशन फीस रोक कर नहीं रख सकता है।
फोरम ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) से एक छात्र को फीस वापस करने का आदेश देते हुए यह बात कही।
पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कहा, ‘‘फोरम का और दिल्ली राज्य आयोग का यह मानना है कि अगर संस्थान ने ट्यूशन प्रदान नहीं किया है या, छात्र ने कक्षा नहीं की है तो संस्थान को ट्यूशन फीस रोक कर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वह सिर्फ उतनी ही राशि घटाने का हकदार है जितनी कि नामांकन की प्रक्रिया में खर्च हुई हो।’’टिप्पणियां
एनए जैदी की अध्यक्षता में फोरम ने यह आदेश जारी किया। दरअसल, शहर के बाशिंदे राजेश अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के दाखिले के लिए निफ्ट में ट्यूशन फीस के तौर पर 51, 750 रुपये जमा किया था। हालांकि वह (उनकी बेटी) कक्षा में शामिल होने में सक्षम नहीं थी और उसने संस्थान छोड़ दिया था। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि निफ्ट ने उन्हें सिर्फ 25,000 रुपये वापस किए।
फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रुपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है। फोरम ने 25,750 रुपये लौटाने को कहा।
फोरम ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) से एक छात्र को फीस वापस करने का आदेश देते हुए यह बात कही।
पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कहा, ‘‘फोरम का और दिल्ली राज्य आयोग का यह मानना है कि अगर संस्थान ने ट्यूशन प्रदान नहीं किया है या, छात्र ने कक्षा नहीं की है तो संस्थान को ट्यूशन फीस रोक कर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वह सिर्फ उतनी ही राशि घटाने का हकदार है जितनी कि नामांकन की प्रक्रिया में खर्च हुई हो।’’टिप्पणियां
एनए जैदी की अध्यक्षता में फोरम ने यह आदेश जारी किया। दरअसल, शहर के बाशिंदे राजेश अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के दाखिले के लिए निफ्ट में ट्यूशन फीस के तौर पर 51, 750 रुपये जमा किया था। हालांकि वह (उनकी बेटी) कक्षा में शामिल होने में सक्षम नहीं थी और उसने संस्थान छोड़ दिया था। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि निफ्ट ने उन्हें सिर्फ 25,000 रुपये वापस किए।
फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रुपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है। फोरम ने 25,750 रुपये लौटाने को कहा।
पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कहा, ‘‘फोरम का और दिल्ली राज्य आयोग का यह मानना है कि अगर संस्थान ने ट्यूशन प्रदान नहीं किया है या, छात्र ने कक्षा नहीं की है तो संस्थान को ट्यूशन फीस रोक कर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वह सिर्फ उतनी ही राशि घटाने का हकदार है जितनी कि नामांकन की प्रक्रिया में खर्च हुई हो।’’टिप्पणियां
एनए जैदी की अध्यक्षता में फोरम ने यह आदेश जारी किया। दरअसल, शहर के बाशिंदे राजेश अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के दाखिले के लिए निफ्ट में ट्यूशन फीस के तौर पर 51, 750 रुपये जमा किया था। हालांकि वह (उनकी बेटी) कक्षा में शामिल होने में सक्षम नहीं थी और उसने संस्थान छोड़ दिया था। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि निफ्ट ने उन्हें सिर्फ 25,000 रुपये वापस किए।
फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रुपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है। फोरम ने 25,750 रुपये लौटाने को कहा।
एनए जैदी की अध्यक्षता में फोरम ने यह आदेश जारी किया। दरअसल, शहर के बाशिंदे राजेश अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के दाखिले के लिए निफ्ट में ट्यूशन फीस के तौर पर 51, 750 रुपये जमा किया था। हालांकि वह (उनकी बेटी) कक्षा में शामिल होने में सक्षम नहीं थी और उसने संस्थान छोड़ दिया था। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि निफ्ट ने उन्हें सिर्फ 25,000 रुपये वापस किए।
फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रुपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है। फोरम ने 25,750 रुपये लौटाने को कहा।
फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रुपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है। फोरम ने 25,750 रुपये लौटाने को कहा। |
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हनीफ मोहम्मद अस्पताल में भर्ती | सांस की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया
तीन साल पहले उनके शरीर में फेफड़ों के कैंसर का पता चला
पहले नियंत्रित हो गया लेकिन वक्त बढ़ने के साथ बढ़ता गया | पाकिस्तान के पूर्व कप्तान हनीफ मोहम्मद को सांस संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीन साल पहले 82 वर्षीय हनीफ के शरीर में फेफड़ों के कैंसर का पता चला था।
उनकी 2013 में लंदन में इसके लिये कीमोथेरेपी और ऑपरेशन किया गया था। हनीफ के पुत्र और पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शोएब मोहम्मद ने बताया कि उनके पिता को सांस की तकलीफ के कारण कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था।टिप्पणियां
शोएब ने कहा, ''लंदन में ऑपरेशन से कैंसर उस समय नियंत्रित हो गया था लेकिन समय बढ़ने के साथ यह बढ़ने लगा। हाल की बायोप्सी में इसकी पुष्टि हुई है।'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उनकी 2013 में लंदन में इसके लिये कीमोथेरेपी और ऑपरेशन किया गया था। हनीफ के पुत्र और पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शोएब मोहम्मद ने बताया कि उनके पिता को सांस की तकलीफ के कारण कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था।टिप्पणियां
शोएब ने कहा, ''लंदन में ऑपरेशन से कैंसर उस समय नियंत्रित हो गया था लेकिन समय बढ़ने के साथ यह बढ़ने लगा। हाल की बायोप्सी में इसकी पुष्टि हुई है।'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शोएब ने कहा, ''लंदन में ऑपरेशन से कैंसर उस समय नियंत्रित हो गया था लेकिन समय बढ़ने के साथ यह बढ़ने लगा। हाल की बायोप्सी में इसकी पुष्टि हुई है।'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
नीतीश ने कहा, आम बजट निराशाजनक | नीतीश कुमार ने प्रणब मुखर्जी द्वारा पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए इसे भेदभवपूर्ण करार दिया है। | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-12 के लिए पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए इसे भेदभवपूर्ण करार दिया है। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आम बजट पूरे देश के समावेशी विकास को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है, बल्कि इसमें उन्हीं राज्यों का ध्यान रखा गया है, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बजट में बिहार की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। संतुलित बजट का केंद्र सरकार का दावा गलत है। बिहार के प्रतिनिधियों और स्वयं उन्होंने कई बार प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से मिलकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित अतिरिक्त मदद की मांग की, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने बजट को महंगाई और क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ाने वाला कहा। |
इस स्टार डॉटर ने किया एलियन के साथ डांस कॉम्पटीशन, Video Viral | एलियन के साथ अनु मलिक की बेटी का डांस
एलियन का डांस स्टेप कॉपी करती दिखीं अदा
म्यूजिकली ऐप को प्रमोट कर रहे स्टार्स | A post shared by Adaa Mallikk (@adamalikworld) on Apr 9, 2018 at 3:50am PDT
A post shared by Shahid Kapoor (@shahidkapoor) on Apr 5, 2018 at 8:05am PDT
A post shared by Yami Gautam (@yamigautam) on Apr 2, 2018 at 9:49am PDT
A post shared by Divyanka Tripathi Dahiya (@divyankatripathidahiya) on Mar 17, 2018 at 7:11pm PDT
A post shared by Rohit Sharma (@rohitsharma45) on Mar 31, 2018 at 3:51am PDT |
राजनाथ सिंह ने कहा- अगर पाकिस्तान वाकई आतंकवाद से लड़ने के लिए तैयार है तो भारत मदद के लिए तैयार, लेकिन... | रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को चेताया
कहा- कश्मीर राग अलापना बंद करें
'आतंक के खिलाफ सच्ची लड़ाई शुरू करे' | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यह कहते हुए को पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सच्ची लड़ाई छेड़ने का आह्वान किया कि भारत उसकी मदद करने के लिए तैयार है लेकिन उसकी मंशा धोखा देने वाली है . उन्होंने उसे चेताया कि यदि उसने अपने तौर-तरीके नहीं बदले तो वह बिखर जाएगा. हरियाणा में चुनावी रैलियों में अपने संबोधन में भाजपा नेता ने यह कहते हुए पाकिस्तान को कश्मीर राग अलापना बंद करने का आह्वान किया कि दुनिया की कोई भी शक्ति कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती है. सिंह ने कहा, 'मैं अपने पड़ोसी से कहना चाहता हूं कि वह आतंकवाद (का समर्थन करना) बंद करे, आतंकवाद के खिलाफ सच्ची लड़ाई शुरू करे और यदि आतंकवाद से लड़ने में समर्थ नहीं है तो पड़ोसी भारत की मदद ले सकता है, हम आतंकवाद से लड़ने में उसे सहयोग करेंगे.' उन्होंने कहा, 'लेकिन पाकिस्तान की मंशा धोखा देने वाली है.' उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर उसके इस बयान को लेकर प्रहार किया कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाते रहेंगे.
रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का भाषण सुन रहा था, उन्होंने कहा कि जबतक कश्मीर आजाद नहीं हो जाता, वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाते रहेंगे.' उन्होंने (इमरान खान के संदर्भ में) कहा, 'उसे भूल जाइए. कश्मीर के बारे में सोचिए भी नहीं. आपने कीमत चुकाई है. 1947 में आपने दो राष्ट्रों के सिद्धांत के चलते भारत को दो हिस्सों में बांटा..... 1971 में पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया.' उन्होंने कहा, 'मैं पाकिस्तान को आगाह करना चाहता हूं कि वह अपनी सोच में बदलाव लाए. अगर वे ऐसा ही करते रहे तो पाकिस्तान बिखर जाएगा और इसे कोई रोक नहीं सकता.'
पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए सिंह ने कहा, 'वह आतंकवाद की मदद से भारत को कमजोर करना और तोड़ना चाहता है.' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को कश्मीर राग बंद कर देना चाहिए. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा. दुनिया की कोई भी ताकत उसे हमसे अलग नहीं कर सकती.' भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के विषय पर अनुच्छेद 370 को खत्म करने का अपना वादा पूरा किया. भारत के राफेल विमान हासिल करने पर उन्होंने कहा, 'अब हमें आतंकवादियों का सफाया करने के लिए उसके क्षेत्र में घुसना नहीं होगा, यहां भारत में बैठे हम 'जय श्री राम' कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि भारत ने ये और अन्य जेट विमान बस आत्मरक्षा के लिए हासिल किये हैं. उन्होंने कहा, 'जब हमने आतंकवादी लांच पैडों को निशाना बनाया तब हमने पाकिस्तान की सेना या वहां के लोगों पर हमला नहीं किया.... हमने उनकी संप्रभुता पर कोई प्रश्न नहीं उठाया.' उन्होंने कहा, 'भारत मजबूत और ताकतवर बन गया है और कोई हम पर बुरी नजर नहीं डाल सकता. |
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ़्तर पहुंचे मुलायम सिंह यादव, बोले - जब विवाद ही नहीं तो समझौता कैसा | समाजवादी पार्टी में जारी है तक़रार
वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के कमरे में बैठे. उनके साथ शिवपाल यादव भी थे.
दफ़्तर का एक चक्कर लगाने के बाद मुलायम एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. | मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थक रामगोपाल यादव दस्तावेजों की प्रतियां सौंपने के लिए यहां चुनाव आयोग मुख्यालय निर्वाचन सदन गए. चुनाव आयोग ने इस गुट से दस्तावेज मांगे थे. छह बक्सों में भरे 1.5 लाख पन्नों के इन कागजातों में 200 से अधिक विधायकों, 68 विधान परिषद सदस्यों में से 56 विधान परिषद सदस्यों, 24 सांसदों में से 15 सांसदों तथा 5,000 प्रतिनिधियों में से अखिलेश समर्थक करीब 4600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं.
मुलायम सिंह धड़ा सोमवार को अपने हलफनामों का सेट आयोग को सौंप सकता है. चुनाव आयोग ने दस्तावेज सौंपने की समयसीमा 9 जनवरी तय कर रखी है. 3 जनवरी को सपा में विभाजन औपचारिक रूप से सामने आ गया था, जब दोनों पक्ष सपा और उसके निशान पर दावा करते हुए चुनाव आयोग के पास पहुंचे थे. |
प्रभावी लोकपाल लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रधानमंत्री | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि लोकपाल विधेयक संसद में अटका हुआ है, इसके बावजूद उनकी सरकार देश में एक प्रभावी लोकपाल के गठन के लिए प्रतिबद्ध है। | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि लोकपाल विधेयक संसद में अटका हुआ है, इसके बावजूद उनकी सरकार देश में एक प्रभावी लोकपाल के गठन के लिए प्रतिबद्ध है।
सिख समुदाय के पवित्र शहर अमृतसर में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में आयोजित एक राजनीतिक रैली को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार देश में एक गम्भीर समस्या है और इससे निबटने के लिए उनकी सरकार प्रभावी कदम उठाना चाहती है।टिप्पणियां
जनसमुदाय को पंजाबी में सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी पारदर्शिता की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लेकर आई जिससे शासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन में पंजाब अन्य राज्यों से पिछड़ गया है और 1.2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि अकाली दल-भाजपा सरकार केंद्र से भेजी गई राशि का उपयोग नहीं कर पाई है तथा कृषि एवं उद्योग की उपेक्षा हुई है।
सिख समुदाय के पवित्र शहर अमृतसर में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में आयोजित एक राजनीतिक रैली को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार देश में एक गम्भीर समस्या है और इससे निबटने के लिए उनकी सरकार प्रभावी कदम उठाना चाहती है।टिप्पणियां
जनसमुदाय को पंजाबी में सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी पारदर्शिता की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लेकर आई जिससे शासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन में पंजाब अन्य राज्यों से पिछड़ गया है और 1.2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि अकाली दल-भाजपा सरकार केंद्र से भेजी गई राशि का उपयोग नहीं कर पाई है तथा कृषि एवं उद्योग की उपेक्षा हुई है।
जनसमुदाय को पंजाबी में सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी पारदर्शिता की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लेकर आई जिससे शासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन में पंजाब अन्य राज्यों से पिछड़ गया है और 1.2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि अकाली दल-भाजपा सरकार केंद्र से भेजी गई राशि का उपयोग नहीं कर पाई है तथा कृषि एवं उद्योग की उपेक्षा हुई है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि अकाली दल-भाजपा सरकार केंद्र से भेजी गई राशि का उपयोग नहीं कर पाई है तथा कृषि एवं उद्योग की उपेक्षा हुई है। |
मायावती-अखिलेश की नई दोस्ती, 23 साल बाद सपा-बसपा आए साथ... | यूपी में उप-चुनावों से पहले एक बड़ा राजनैतिक उलटफ़ेर हुआ है.
मायावती अपनी धूर विरोधी समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है.
गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को मतदान होना है | BSP (Bahujan Samaj Party) Gorakhpur in-charge Ghanshyam Chandra Kharwar declared support to Samajwadi Party (SP) candidate Praveen Kumar Nishad in upcoming Gorakhpur by-poll pic.twitter.com/4f1YSou3ho |
वीजा नियम आसान बनाएंगे भारत-पाक : राजनयिक | पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त शरत सभरवाल ने कहा है कि दोनों देश वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। | पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त शरत सभरवाल ने कहा है कि दोनों देश वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए दोनों देशों के गृह मंत्रियों के बीच दूसरे दौर की वार्ता अगस्त में होगी। फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में मंगलवार को सभरवाल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने वीजा नियमों में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं। समाचार चैनल 'जियो न्यूज' ने सभरवाल के हवाले से खबर दी है, "दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को पाटने के लिए द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना आवश्यक है।" वहीं, इंडस्ट्री के अध्यक्ष हाजी गुलाम ने कहा कि यह दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है कि उनके अधिक से अधिक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल एक-दूसरे देश का दौरा करें। भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के नागरिकों को आसानी से वीजा नहीं देते जब तक कि यात्रा पर जाने वाला हाई-प्रोफाइल व्यक्ति न हो या उसे आधिकारिक समर्थन हासिल न हो। दोनों देशों का वीजा विशिष्ट शहर के लिए भी होता है। |
Sapna Choudhary Video: सपना चौधरी ने हरियाणवी सॉन्ग 'दरोगा जी' पर किया धांसू डांस, वायरल हुआ वीडियो | सपना चौधरी का नया गाना हु्आ रिलीज
'दरोगा जी' पर सपना चौधरी ने दिखाया जबरदस्त अंदाज
सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है वीडियो | बता दें कि सपना चौधरी (Sapna Choudhary) का ये नया गाना उनके बर्थडे पर रिलीज हुआ है और इस गाने को फैन्स का भी खूब प्यार मिल रहा है. इस वीडियो में सपना चौधरी के एक्सप्रेशन और स्टाइल देखने लायक हैं. फैन्स सपना चौधरी के इस वीडियो पर खूब कमेंट भी कर रहे हैं. हाल ही में डांसिंग क्वीन सपना चौधरी का एक और वीडियो वायरल हुआ था. सपना चौधरी इस वायरल वीडियो में 'गोली चल जावेगी', 'तेरी आंख्या का यो काजल', 'छोरी तू सै बड़ी बिंदास' जैसे सुपरहिट गानों पर अपने डांस से तहलका मचाती नजर आई थीं. उनके डांस को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी.
Mashup of today's event #sapnachaudhary #sapnachoudhary
A post shared by DESI QUEEN (@isapnachaudhary) on Mar 17, 2019 at 11:21am PDT
बिग बॉस 11 (Bigg Boss)' में शिरकत करके पॉपुलर हो चुकी सपना चौधरी अब कई राज्यों में शो कर रही हैं. बता दें कि सपना चौधरी ने ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी, और कामयाबी के झंडे गाड़े. सपना चौधरी (Sapna Choudhary) बॉलीवुड में फिल्म 'दोस्ती के साइड इफेक्ट्स' से डेब्यू भी कर चुकी हैं. |
Shakeela Poster: साउथ एडल्ट स्टार 'शकीला' के रोल में यूं दिखीं ऋचा चड्ढा | 'शकीला' का फर्स्ट लुक रिलीज
ज्वैलरी से लदी हुईँ दिखीं ऋचा चड्ढा
कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी | A post shared by Richa Chadha (@therichachadha) on Nov 19, 2018 at 9:02pm PST |
आराध्या के Annual Day पर मौजूद रहा पूरा बच्चन परिवार, नहीं पहुंचे दादा अमिताभ | धीरूभाई अंबानी स्कूल में पढ़ती हैं 6 वर्षीय आराध्या बच्चन
एनुअल डे पर आराध्या ने दी स्टेज परफॉर्मेंस, पूरा फैमिली मौजूद
'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' की शूटिंग में बिजी Big B नहीं हो पाए शामिल | Aaradhya’s annual day stage performance time ... and its a sell out with the family in attendance.. except Dada ji .. who is in Thailand for TOH shoot
A post shared by Amitabh Bachchan (@amitabhbachchan) on Dec 16, 2017 at 4:39am PST
स्कूल फंक्शन में बेटी आराध्या के साथ ऐश्वर्या राय.
जया बच्चन, अभिषेक बच्चन और वृंदा राय.
अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या बच्चन के साथ आराध्या बच्चन.
ऐश्वर्या बच्चन.
From the wilds and chills of Thailand after finishing schedule of TOH .. ‘Thugs of HINDOOSTAN ‘ now ready to go back to the warmth of MUMBAI and home ..
A post shared by Amitabh Bachchan (@amitabhbachchan) on Dec 15, 2017 at 6:11pm PST |
GST लॉन्च : TMC करेगी बॉयकॉट, कांग्रेस को भी शिकायत - राष्ट्रपति के रहते PM कैसे कर सकते हैं उद्घाटन | कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, राष्ट्रपति के रहते PM कैसे कर सकते हैं लॉन्च
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "यह कतई सही नहीं है, अस्वीकार्य है..."
ममता ने कहा, उनकी पार्टी 'विरोध प्रकट करने' के लिए समारोह में नहीं जाएगी | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुष्टि कर दी है कि उनकी पार्टी 30 जून की आधी रात को गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (जीएसटी) को लॉन्च करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे भव्य कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी. उधर, कई दिन से इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचती आ रही कांग्रेस ने अब भी कार्यक्रम में शिरकत से इंकार नहीं किया है, लेकिन बुधवार को उन्होंने आमंत्रण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज की, जिसमें कहा गया है कि देश के इतिहास के सबसे बड़े कर सुधार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉन्च करेंगे. देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का कहना है कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "राष्ट्रपति की मौजूदगी में जीएसटी को प्रधानमंत्री कैसे लॉन्च कर सकते हैं...? यह कतई सही नहीं है, अस्वीकार्य है..."
संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित होने जा रहे समारोह के लिए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र में कहा गया है, "राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की गरिमामय उपस्थिति में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी के लॉन्च के अवसर पर उपस्थिति प्रार्थनीय है..."
ममता बनर्जी ने कहा कि 'विरोध प्रकट करने' के लिए उनकी पार्टी जीएसटी लॉन्च में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा, "जीएसटी को लागू करने के लिए की जा रही गैर-ज़रूरी जल्दबाज़ी भी केंद्र सरकार की एक और बड़ी गलती है..." मंगलवार को पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जीएसटी के लॉन्च को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि देशभर में एकल कर की ओर होने वाले बड़े बदलाव के लिए छोटे व्यापारी तैयार नहीं हैं.
अमित मित्रा ने कहा था, "हम बार-बार जीएसटी काउंसिल में कहते रहे हैं कि हम तैयार नहीं हैं... हम कह चुके हैं कि जीएसटी नेटवर्क को एक महीने मं तीन करोड़ फाइलें प्रोसेस करनी होंगी... क्या आप सोच सकते हैं...? क्या वे तैयार हैं...? हम फिर कह रहे हैं, हमें आगे खतरा नज़र आ रहा है..."
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, "वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते..." उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "राष्ट्रपति की मौजूदगी में जीएसटी को प्रधानमंत्री कैसे लॉन्च कर सकते हैं...? यह कतई सही नहीं है, अस्वीकार्य है..."
संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित होने जा रहे समारोह के लिए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र में कहा गया है, "राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की गरिमामय उपस्थिति में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी के लॉन्च के अवसर पर उपस्थिति प्रार्थनीय है..."
ममता बनर्जी ने कहा कि 'विरोध प्रकट करने' के लिए उनकी पार्टी जीएसटी लॉन्च में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा, "जीएसटी को लागू करने के लिए की जा रही गैर-ज़रूरी जल्दबाज़ी भी केंद्र सरकार की एक और बड़ी गलती है..." मंगलवार को पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जीएसटी के लॉन्च को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि देशभर में एकल कर की ओर होने वाले बड़े बदलाव के लिए छोटे व्यापारी तैयार नहीं हैं.
अमित मित्रा ने कहा था, "हम बार-बार जीएसटी काउंसिल में कहते रहे हैं कि हम तैयार नहीं हैं... हम कह चुके हैं कि जीएसटी नेटवर्क को एक महीने मं तीन करोड़ फाइलें प्रोसेस करनी होंगी... क्या आप सोच सकते हैं...? क्या वे तैयार हैं...? हम फिर कह रहे हैं, हमें आगे खतरा नज़र आ रहा है..."
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, "वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते..." उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित होने जा रहे समारोह के लिए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र में कहा गया है, "राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की गरिमामय उपस्थिति में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी के लॉन्च के अवसर पर उपस्थिति प्रार्थनीय है..."
ममता बनर्जी ने कहा कि 'विरोध प्रकट करने' के लिए उनकी पार्टी जीएसटी लॉन्च में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा, "जीएसटी को लागू करने के लिए की जा रही गैर-ज़रूरी जल्दबाज़ी भी केंद्र सरकार की एक और बड़ी गलती है..." मंगलवार को पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जीएसटी के लॉन्च को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि देशभर में एकल कर की ओर होने वाले बड़े बदलाव के लिए छोटे व्यापारी तैयार नहीं हैं.
अमित मित्रा ने कहा था, "हम बार-बार जीएसटी काउंसिल में कहते रहे हैं कि हम तैयार नहीं हैं... हम कह चुके हैं कि जीएसटी नेटवर्क को एक महीने मं तीन करोड़ फाइलें प्रोसेस करनी होंगी... क्या आप सोच सकते हैं...? क्या वे तैयार हैं...? हम फिर कह रहे हैं, हमें आगे खतरा नज़र आ रहा है..."
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, "वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते..." उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
ममता बनर्जी ने कहा कि 'विरोध प्रकट करने' के लिए उनकी पार्टी जीएसटी लॉन्च में शामिल नहीं होगी. उन्होंने कहा, "जीएसटी को लागू करने के लिए की जा रही गैर-ज़रूरी जल्दबाज़ी भी केंद्र सरकार की एक और बड़ी गलती है..." मंगलवार को पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जीएसटी के लॉन्च को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि देशभर में एकल कर की ओर होने वाले बड़े बदलाव के लिए छोटे व्यापारी तैयार नहीं हैं.
अमित मित्रा ने कहा था, "हम बार-बार जीएसटी काउंसिल में कहते रहे हैं कि हम तैयार नहीं हैं... हम कह चुके हैं कि जीएसटी नेटवर्क को एक महीने मं तीन करोड़ फाइलें प्रोसेस करनी होंगी... क्या आप सोच सकते हैं...? क्या वे तैयार हैं...? हम फिर कह रहे हैं, हमें आगे खतरा नज़र आ रहा है..."
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, "वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते..." उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
अमित मित्रा ने कहा था, "हम बार-बार जीएसटी काउंसिल में कहते रहे हैं कि हम तैयार नहीं हैं... हम कह चुके हैं कि जीएसटी नेटवर्क को एक महीने मं तीन करोड़ फाइलें प्रोसेस करनी होंगी... क्या आप सोच सकते हैं...? क्या वे तैयार हैं...? हम फिर कह रहे हैं, हमें आगे खतरा नज़र आ रहा है..."
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, "वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते..." उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, "वे संख्याबल के बूते ज़िद नहीं पकड़ सकते, और छोटे व्यापारियों और बुनकरों को अनसुना नहीं कर सकते..." उनका इशारा कपड़ा व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन की ओर था, जो सरकार द्वारा 1 जुलाई से 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ हैं.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
इसी सप्ताह जीएसटी लॉन्च समारोह में शिरकत करने की पुष्टि कर चुके वामनेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा, "जल्दबाज़ी क्यों की जा रही है...?"
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
केंद्र सरकार ने सभी सांसदों तथा मुख्यमंत्रियों को समारोह में आमंत्रित किया है, और पूर्व प्रधानमंत्रियों कांग्रेस नेता डॉ मनमोहन सिंह तथा जनता दल सेक्युलर नेता एचडी देवेगौड़ा से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहें.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी की ही तरह अपनी शिरकत की पुष्टि नहीं की है. कांग्रेस सूत्रों कह चुके हैं कि पार्टी की समारोह में शिरकत पर अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं से विचार-विमर्श कर लेंगी, लेकिन लगभग सभी विपक्षी दलों से समारोह में शिरकत नहीं करने अथवा सांकेतिक प्रतिनिधित्व भेजे जाने की आशा है.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "यह सिर्फ एक बैठक है, संसद का सत्र नहीं, और हमारी उपस्थिति वास्तव में ज़रूरी नहीं है..."टिप्पणियां
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
सरकार बार-बार कह चुकी है कि जीएसटी से जुड़े प्रत्येक नियम को सर्वशक्तिशाली जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाया गया है और मंज़ूरी दी गई है, और काउंसिल में कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टियों का पक्ष रखा है.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे.
सरकार बहुत-से अप्रत्यक्ष करों की जगह लेने वाले जीएसटी को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 जुलाई से ही लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसे भव्य लॉन्च बनाने के लिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल को सजाया भी जाएगा, और रोशनियों से जगमगाया भी जाएगा. समारोह शुक्रवार को रात्रि 11 बजे शुरू होगा, और समारोह के दौरान राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने विचार रखेंगे. |
यूरोजोन में ग्रीस ऋण योजना पर सहमति | योजना में ग्रीस के कर्ज को घटाकर 2020 तक उसके सकल घरेलू उत्पाद के 120.5 फीसदी तक लाने के लिए विभिन्न उपायों पर सहमति बनी। | यूरोजोन के वित्त मंत्रियों के बीच मंगलवार को ग्रीस ऋण योजना पर सहमति कायम हो गई। योजना में ग्रीस के कर्ज को घटाकर 2020 तक उसके सकल घरेलू उत्पाद के 120.5 फीसदी तक लाने के लिए विभिन्न उपायों पर सहमति बनी।
यूरोजोन के अधिकारियों ने कहा कि नई योजना के तहत ग्रीस को अतिरिक्त 130 अरब यूरो का कर्ज मिलेगा, ताकि मार्च में परिपक्व होने वाले पुराने कर्ज का भुगतान किया जा सके। बैठक लगभग 12 घंटे चली।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक यूरोजोन के अधिकारियों ने पहले ही सहमति हो जाने के संकेत दिए थे, क्योंकि एथेंस ने कर्जदाताओं की शर्तो को मान लिया था।टिप्पणियां
यूरो समूह के प्रमुख जीन-क्लाउडी जंकर ने संवाददाताओं से कहा था कि ग्रीस ने हमारी अधिकतर मांगों को मान लिया है। हमें आज ही फैसला लेना होगा। अब समय बहुत कम है। जंकर लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री भी हैं।
बैठक सोमवार से मंगलवार सुबह तक चली।
यूरोजोन के अधिकारियों ने कहा कि नई योजना के तहत ग्रीस को अतिरिक्त 130 अरब यूरो का कर्ज मिलेगा, ताकि मार्च में परिपक्व होने वाले पुराने कर्ज का भुगतान किया जा सके। बैठक लगभग 12 घंटे चली।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक यूरोजोन के अधिकारियों ने पहले ही सहमति हो जाने के संकेत दिए थे, क्योंकि एथेंस ने कर्जदाताओं की शर्तो को मान लिया था।टिप्पणियां
यूरो समूह के प्रमुख जीन-क्लाउडी जंकर ने संवाददाताओं से कहा था कि ग्रीस ने हमारी अधिकतर मांगों को मान लिया है। हमें आज ही फैसला लेना होगा। अब समय बहुत कम है। जंकर लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री भी हैं।
बैठक सोमवार से मंगलवार सुबह तक चली।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक यूरोजोन के अधिकारियों ने पहले ही सहमति हो जाने के संकेत दिए थे, क्योंकि एथेंस ने कर्जदाताओं की शर्तो को मान लिया था।टिप्पणियां
यूरो समूह के प्रमुख जीन-क्लाउडी जंकर ने संवाददाताओं से कहा था कि ग्रीस ने हमारी अधिकतर मांगों को मान लिया है। हमें आज ही फैसला लेना होगा। अब समय बहुत कम है। जंकर लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री भी हैं।
बैठक सोमवार से मंगलवार सुबह तक चली।
यूरो समूह के प्रमुख जीन-क्लाउडी जंकर ने संवाददाताओं से कहा था कि ग्रीस ने हमारी अधिकतर मांगों को मान लिया है। हमें आज ही फैसला लेना होगा। अब समय बहुत कम है। जंकर लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री भी हैं।
बैठक सोमवार से मंगलवार सुबह तक चली।
बैठक सोमवार से मंगलवार सुबह तक चली। |
उत्तराखंड : गृहमंत्री शिंदे ने कहा, तालमेल की कमी से बचाव अभियान में बाधा | उत्तराखंड में बचाव कार्य में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को कहा कि राज्य में फंसे करीब 40,000 तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। | उत्तराखंड में बचाव कार्य में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को कहा कि राज्य में फंसे करीब 40,000 तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
भारी बारिश की वजह से आई इस त्रासदी के बाद जारी बचाव अभियानों की समीक्षा के लिए पहुंचे शिंदे ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के काम में लगी एजेंसियों के लिए तीन दिन की समयसीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम की वजह से सुरक्षा बलों को बचाव अभियान में पेश आ रही दिक्कतों के बावजूद फंसे हुए लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चलाया रहा है।
यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बद्रीनाथ से पंडुकेश्वर और केदारनाथ के बीच पैदल पुल बनाए जा रहे हैं। टिप्पणियां
जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा।
भारी बारिश की वजह से आई इस त्रासदी के बाद जारी बचाव अभियानों की समीक्षा के लिए पहुंचे शिंदे ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के काम में लगी एजेंसियों के लिए तीन दिन की समयसीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम की वजह से सुरक्षा बलों को बचाव अभियान में पेश आ रही दिक्कतों के बावजूद फंसे हुए लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चलाया रहा है।
यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बद्रीनाथ से पंडुकेश्वर और केदारनाथ के बीच पैदल पुल बनाए जा रहे हैं। टिप्पणियां
जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा।
यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बद्रीनाथ से पंडुकेश्वर और केदारनाथ के बीच पैदल पुल बनाए जा रहे हैं। टिप्पणियां
जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा।
जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा। |
आंतरिक सुरक्षा में हिस्सा नहीं लेंगी जयललिता, लिखा पीएम को खत | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे खत में उन्होंने साफ कर दिया है कि वह इस बैठक में इसलिए हिस्सा नहीं लेंगी क्योंकि इतनी अहम बैठक में मुख्यमंत्रियों को बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया जाता है। | तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने साफ कर दिया है कि वह आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे खत में उन्होंने साफ कर दिया है कि वह इस बैठक में इसलिए हिस्सा नहीं लेंगी क्योंकि इतनी अहम बैठक में मुख्यमंत्रियों को बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया जाता है। उन्हें अपनी बात रखने का समय तक नहीं दिया जाता।
इस खत में जयललिता ने लिखा है कि इस बैठक में वह अपना प्रतिनिधी भेजेंगी जो उनका भाषण पढ़ेगा।
बता दें कि पिछले दिसंबर में इसी प्रकार की एक बैठक में उन्हें 10 मिनट से ज्यादा बोलने पर लाल बत्ती दिखा दी गई थी जिसके बाद वह नाराज होकर बैठक से बाहर आ गई थीं। राष्ट्रीय विकास परिषद की इस बैठक में भी देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा ले रहे थे।
अपने खत में इस घटना का उल्लेख करते हुए जयललिता ने लिखा है कि उन्हें 'बेइज्जत' हो अपनी स्पीच समाप्त करने को बाध्य होना पड़ा था। टिप्पणियां
जयललिता ने आरोप लगाया कि राज्यों से आए नेताओं को इस प्रकार की बैठक में अपना सहयोग देने से रोका जाता है। इससे प्रतीत होता है कि बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री के रबर स्टाम्प की भांति ही होते हैं जिन्हें पूर्वनिर्धारित बातों पर सहमति देनी होती है।
जयललिता ने बताया कि इस बैठक में भी 12 अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जो जिनका मात्र नाम लेने में ही 10 मिनट का समय चला जाएगा। और यही समय राज्यों की सीएम को दिया गया है जो नाकाफी है।
इस खत में जयललिता ने लिखा है कि इस बैठक में वह अपना प्रतिनिधी भेजेंगी जो उनका भाषण पढ़ेगा।
बता दें कि पिछले दिसंबर में इसी प्रकार की एक बैठक में उन्हें 10 मिनट से ज्यादा बोलने पर लाल बत्ती दिखा दी गई थी जिसके बाद वह नाराज होकर बैठक से बाहर आ गई थीं। राष्ट्रीय विकास परिषद की इस बैठक में भी देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा ले रहे थे।
अपने खत में इस घटना का उल्लेख करते हुए जयललिता ने लिखा है कि उन्हें 'बेइज्जत' हो अपनी स्पीच समाप्त करने को बाध्य होना पड़ा था। टिप्पणियां
जयललिता ने आरोप लगाया कि राज्यों से आए नेताओं को इस प्रकार की बैठक में अपना सहयोग देने से रोका जाता है। इससे प्रतीत होता है कि बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री के रबर स्टाम्प की भांति ही होते हैं जिन्हें पूर्वनिर्धारित बातों पर सहमति देनी होती है।
जयललिता ने बताया कि इस बैठक में भी 12 अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जो जिनका मात्र नाम लेने में ही 10 मिनट का समय चला जाएगा। और यही समय राज्यों की सीएम को दिया गया है जो नाकाफी है।
बता दें कि पिछले दिसंबर में इसी प्रकार की एक बैठक में उन्हें 10 मिनट से ज्यादा बोलने पर लाल बत्ती दिखा दी गई थी जिसके बाद वह नाराज होकर बैठक से बाहर आ गई थीं। राष्ट्रीय विकास परिषद की इस बैठक में भी देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा ले रहे थे।
अपने खत में इस घटना का उल्लेख करते हुए जयललिता ने लिखा है कि उन्हें 'बेइज्जत' हो अपनी स्पीच समाप्त करने को बाध्य होना पड़ा था। टिप्पणियां
जयललिता ने आरोप लगाया कि राज्यों से आए नेताओं को इस प्रकार की बैठक में अपना सहयोग देने से रोका जाता है। इससे प्रतीत होता है कि बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री के रबर स्टाम्प की भांति ही होते हैं जिन्हें पूर्वनिर्धारित बातों पर सहमति देनी होती है।
जयललिता ने बताया कि इस बैठक में भी 12 अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जो जिनका मात्र नाम लेने में ही 10 मिनट का समय चला जाएगा। और यही समय राज्यों की सीएम को दिया गया है जो नाकाफी है।
अपने खत में इस घटना का उल्लेख करते हुए जयललिता ने लिखा है कि उन्हें 'बेइज्जत' हो अपनी स्पीच समाप्त करने को बाध्य होना पड़ा था। टिप्पणियां
जयललिता ने आरोप लगाया कि राज्यों से आए नेताओं को इस प्रकार की बैठक में अपना सहयोग देने से रोका जाता है। इससे प्रतीत होता है कि बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री के रबर स्टाम्प की भांति ही होते हैं जिन्हें पूर्वनिर्धारित बातों पर सहमति देनी होती है।
जयललिता ने बताया कि इस बैठक में भी 12 अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जो जिनका मात्र नाम लेने में ही 10 मिनट का समय चला जाएगा। और यही समय राज्यों की सीएम को दिया गया है जो नाकाफी है।
जयललिता ने आरोप लगाया कि राज्यों से आए नेताओं को इस प्रकार की बैठक में अपना सहयोग देने से रोका जाता है। इससे प्रतीत होता है कि बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री के रबर स्टाम्प की भांति ही होते हैं जिन्हें पूर्वनिर्धारित बातों पर सहमति देनी होती है।
जयललिता ने बताया कि इस बैठक में भी 12 अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जो जिनका मात्र नाम लेने में ही 10 मिनट का समय चला जाएगा। और यही समय राज्यों की सीएम को दिया गया है जो नाकाफी है।
जयललिता ने बताया कि इस बैठक में भी 12 अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जो जिनका मात्र नाम लेने में ही 10 मिनट का समय चला जाएगा। और यही समय राज्यों की सीएम को दिया गया है जो नाकाफी है। |
बेगम नवाजिश अली ने अपनी मां की नाक तोड़ी | बिग बॉस में भागीदारी करके लोकप्रियता हासिल करने वाले पाकिस्तान के प्रसिद्ध टीवी स्टार बेगम नवाजिश अली को अपनी मां के साथ मारपीट करने के कारण जेल की हवा खानी पड़ी। | भारतीय रियलिटी शो बिग बॉस में भागीदारी करके लोकप्रियता हासिल करने वाले पाकिस्तान के प्रसिद्ध टीवी स्टार बेगम नवाजिश अली को अपनी मां के साथ मारपीट करने के कारण जेल की हवा खानी पड़ी। बेगम नवाजिश अली वैसे तो मर्द हैं और उनका मर्दाना नाम अली सलीम है, लेकिन वह औरतों के लिबास में रहता है। उसकी मां फरजाना सलीम ने गुरुवार को पुलिस में शिकायत की थी कि उनके बेटीनुमा बेटे ने उनके साथ मारपीट की, जिसके बाद नवाजिश को हिरासत में ले लिया गया। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शराब के नशे में नवाजिश ने अपनी मां से 10 लाख रुपये मांगे और जब उसने देने से इनकार किया, तो वह मारपीट पर उतर आया। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में अली सलीम का मेडिकल परीक्षण कराया गया और अधिकारियों ने उसके नशे में होने का ऐलान किया। बाद में सलीम ने अपनी मां से माफी मांग ली और दोनों में सुलह हो गई। मां इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं। पुलिस ने शराब बंदी कानून के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। टीवी टॉक शो पेश करने वाला अली सलीम अक्सर विवादों में रहता है। वह बुधवार को कराची से इस्लामाबाद लौटा और अपनी मां से मिलने उनके बानी गाला स्थित आवास पहुंचा। बाद में उसकी मां ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस उसे न्यायिक रिमांड पर लेने के लिए अदालत में पेश करेगी। |
आम्रपाली दुबे ने इन्हे बताया 'अपना माल', निरहुआ ने यूं कर दिया इग्नोर; देखें Video | आम्रपाली दुबे-निरहुआ का वीडियो वायरल
रोमांटिक अंदाज में नजर आईं आम्रपाली दुबे
निरहुआ ने कर दिया नजरअंदाज | A post shared by Aamrapali (@aamrapali1101) on Nov 25, 2018 at 11:49pm PST |
एकनाथ खडसे ने कहा- महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की हार के लिये जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ सौंपे सबूत | भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे का बयान
'भाजपा उम्मीदवारों की हार के लिये जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ सौंपे सबूत'
खडसे की बेटी रोहिणी भी उत्तरी महाराष्ट्र से चुनाव हारी थीं | भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Elections) में राज्य के उत्तरी हिस्से में पार्टी उम्मीदवारों की हार के लिये जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ "सबूत" राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल को सौंप दिये हैं. खडसे की बेटी रोहिणी भी उत्तरी महाराष्ट्र से चुनाव हारने वाले भाजपा उम्मीदवारों में शामिल हैं. भाजपा नेता कहा कि वह "सबूतों" को सार्वजनिक करने के लिये तैयार थे, लेकिन पार्टी अनुशासन से बंधे होने के कारण उन्होंने ऐसा नहीं किया. वह भाजपा की उत्तरी महाराष्ट्र की कोर समिति की बैठक से इतर पत्रकारों से बात कर रहे थे.
खडसे ने कहा कि वह न तो बेचैन हैं और न ही नाराज. उन्होंने कहा, "मेरे पास (क्षेत्र में) भाजपा उम्मीदवार की हार के लिये जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम के साथ पूरे सबूत हैं." खडसे ने किसी का नाम लिये बिना जलगांव से अपनी बेटी रोहिणी और बीड से पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे की हार के लिये कई नेताओं को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2014 में उसने 122 सीटों पर जीत हासिल की थी. |
मलाइका अरोड़ा के Video ने खींचा सबका ध्यान, कार में बैठ बहन के साथ यूं मस्ती करती दिखीं एक्ट्रेस | मलाइका अरोड़ा के वीडियो ने सोशल मीडिया पर बटोरी सुर्खियां
कार में बैठ एंजॉय करती नजर आईं एक्ट्रेस
सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं मलाइका अरोड़ा | बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) अपनी फोटो और वीडियो को लेकर खूब चर्चा में रहती हैं. सोशल मीडिया पर अपनी फोटो और वीडियो शेयर कर एक्ट्रेस अक्सर अपनी गतिविधियां फैंस में दर्ज कराती हैं. लेकिन हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस वीडियो में मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) का अंदाज देखने लायक है. वीडियो में मलाइका अरोड़ा अपनी बहन और बॉलीवुड एक्ट्रेस अमृता अरोड़ा के साथ नजर आ रही हैं. वीडियो में मलाइका अरोड़ा बहन अमृता अरोड़ा (Amrita Arora) के साथ कार में बैठी गाने गातीं और खूब मस्ती करती नजर आ रही हैं.
My love was so excited for @u2 show @malaikaaroraofficial nd @amuaroraofficial Today for #u2 Show #malaikaarorakhan #malaikaarora #arjunkapoor #yogapants #Bollywood #picoftheday #salmankhan #aliabhatt #KiaraAdvani #katrinakaif #DeepikaPadukone #malaikaarorakhan #dishapatani #sonakshisinha #srk #sexy #hot #bikini #amritaarora #SaraKhan #ananyapandey #bhumipednekar
A post shared by Malaika Lover (@malla_nehalover) on Dec 15, 2019 at 11:03am PST
दरअसल, मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) और बहन अमृता अरोड़ा (Amrita Arora) यू2 बैंड का कॉन्सर्ट देखने गई थीं, जिसकी कई फोटो और वीडियो भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए शेयर की. उनका यह वीडियो भी कॉन्सर्ट में जाने के दौरान का है, जिसमें मलाइका और अमृता की एक्साइटमेंट देखने लायक है. कार में बैठे-बैठे दोनों बहनें न केवल कॉन्सर्ट के लिए उत्साहित नजर आ रही हैं, बल्कि उस बैंड के गाने गाते भी दिखाई दे रही हैं. इस वीडियो को वैसे तो एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किया था, लेकिन देखते ही देखते ही वीडियो ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया. इसमें जहां मलाइका अरोड़ा ब्लू टॉप में नजर आ रही हैं तो वहीं अमृता अरोड़ा ब्लैक टॉप में दिखाई दे रही हैं.
Thank u for the music ......... @u2 .. doesn't get better n closer than this #bono#adam#larry#theedge
A post shared by Malaika Arora (@malaikaaroraofficial) on Dec 15, 2019 at 9:38am PST
बता दें कि मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) अपनी फोटो और वीडियो के अलावा अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) के अपने रिलेशनशिप को लेकर भी खूब सुर्खियां बटोरती हैं. हालांकि, दोनों ने अपनी रिलेशनशिप को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लिया है. यहां तक कि मलाइका अरोड़ा ने अर्जुन कपूर के जन्मदिन पर उनके लिए फोटो शेयर कर अपना प्यार भी जताया था. लेकिन दोनों ने अपनी शादी को लेकर कोई बात नहीं की है. मलाइका अरोड़ा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर वह और अर्जुन कपूर शादी करते हैं तो वह इस बारे में लोगों को बताने से बिल्कुल नहीं कतराएंगी. |
इस एक्ट्रेस को ऐसा पड़ा ‘नागिन का अटैक’, व्हीलचेयर पर ही ‘मैं नागिन तू सपेरा’ पर लगी थिरकने | 'नागिन 3' से पहले आया वीडियो
एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना ने किया नागिन डांस
व्हीलचेयर पर ही दिखाए डांस मूव्स | A post shared by Farah Khan Kunder (@farahkhankunder) on May 25, 2018 at 7:25am PDT
हालांकि जब हुमा कुरैशी फराह खान की इस व्हील चेयर पर बैठी नजर आई थीं तो सानिया मिर्जा ने फराह खान से पूछा था कि ये व्हीलचेयर है या शाही कुर्सी. लेकिन फराह खान से मिलने वालों का व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना बदस्तूर जारी है. करिश्मा तन्ना जल्द ही संजय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में नजर आएंगी और इसके अलावा वे ‘नागिन 3’ में लीड रोल करने जा रही हैं. ऐसे में एक कोरियोग्राफर के सामने बैठकर नागिन डांस करना तो बनता ही है. |
अमेरिकी महिला से रेप और 6 करोड़ रुपये ऐंठने के आरोप में अफ़ग़ानी नागरिक गिरफ्तार | हमीदुल्ला ने कई विदेशी महिलाओं के साथ दोस्ती करके उन्हें धोखा दिया
हमीदुल्ल्हा का जन्म काबुल में हुआ था और उसके पास वहां का पासपोर्ट भी है
आरोपी ने पीड़ित अमेरिकी महिला को एसिड अटैक की भी धमकी दी थी | दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अफगानिस्तान के रहने वाले एक शख्स को अमेरिकी महिला से रेप, धोखाधड़ी और जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हमीदुल्लाह का जन्म अफगानिस्तान में हुआ है, इसने फेसबुक पर फर्जी आईडी से अपना अकाउंट बनाया और अमेरिका की रहने वाली एक महिला से दोस्ती की और महिला को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया. इसके बाद इस आरोपी ने प्यार और शादी के वायदे किए महिला से मुलाकात की और महिला के निजी पलों की फोटो और वीडियो बना ली. इतना ही नहीं, अफगानिस्तान में वेस्टर्न मनी ट्रांसफर के जरिए धमकाकर 86000 अमेरिकी डॉलर अपने अफगानिस्तान के अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. साथ ही भारतीय बैंक अकाउंट में भी कुछ पैसा ट्रांसफर कराया. और जब महिला को सच्चाई का पता चला और महिला ने पुलिस के पास जाने की बात कही तो आरोपी ने महिला को धमकी दी कि वो अमेरिका की एजेंसी एफबीआई को कहेगा कि जो पैसा उसके अकाउंट में वेस्टर्न मनी एक्सचेंज से ट्रांसफर हुआ है वो आतंकियों के एक ग्रुप ने दिया है.
महिला को जैसे ही हमीदुल्लाह की असलियत पता लगी कि उसने फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए उसे धोखा दिया है, महिला ने दिल्ली पुलिस को जानकारी दी और जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने हमीदुल्ल्हा को धर दबोचा. हमीदुल्ला अपने आप को अफगानिस्तान का बैंकर बताकर पेश करता था और विदेशी महिलाओं के साथ दोस्ती करके उन्हें धोखा दिया. टिप्पणियां
आरोपी ने यूएस की महिला की पर्सनल फोटो और वीडियो को सोशल साइट्स पर डालने के आलावा और साथ ही एसिड अटैक की भी धमकी दी. हमीदुल्लाह को जाल बिछाकर दिल्ली के हयात होटल के पास से गिरफ्तार किया गया और क्राइम में इस्तेमाल ऑडी कार और फोन भी बरामद कर लिया गया. जांच में सामने आया कि आरोपी हमीदुल्ल्हा का जन्म 1981 में काबुल में हुआ था और इसने काबुल से पासपोर्ट भी जारी करवाया हुआ था.
साल 1997 में हमीदुल्लाह के माता-पिता अफगानिस्तान के हालात के चलते UAE शिफ्ट हो गए थे. बाद में हमीदुल्लाह टूरिस्ट वीजा पर इंडिया आया और फिर अपने टूरिस्ट वीजा को मेडिकल वीजा में ट्रांसफर करवा लिया. देखने में स्मार्ट और कई भाषाओं को बोलने वाला हमीदुल्लाह फेसबुक पर स्कैम यानी फर्जी आईडी बनाकर विदेशों में महिलाओं से दोस्ती करता था और फिर शादी का वायदा करके महिलाओं के साथ निजी पलों की फोटो वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देकर उनसे पैसा लिया करता था. फ़िलहाल क्राइम ब्रांच इसे गिरफ्तार कर इससे पूछताछ करके ये जानने में लगी है कि यूएस की महिला की तरह और कितनी महिलाओं के साथ इसी तरीके से पैसे ऐंठे हैं.
महिला को जैसे ही हमीदुल्लाह की असलियत पता लगी कि उसने फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए उसे धोखा दिया है, महिला ने दिल्ली पुलिस को जानकारी दी और जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने हमीदुल्ल्हा को धर दबोचा. हमीदुल्ला अपने आप को अफगानिस्तान का बैंकर बताकर पेश करता था और विदेशी महिलाओं के साथ दोस्ती करके उन्हें धोखा दिया. टिप्पणियां
आरोपी ने यूएस की महिला की पर्सनल फोटो और वीडियो को सोशल साइट्स पर डालने के आलावा और साथ ही एसिड अटैक की भी धमकी दी. हमीदुल्लाह को जाल बिछाकर दिल्ली के हयात होटल के पास से गिरफ्तार किया गया और क्राइम में इस्तेमाल ऑडी कार और फोन भी बरामद कर लिया गया. जांच में सामने आया कि आरोपी हमीदुल्ल्हा का जन्म 1981 में काबुल में हुआ था और इसने काबुल से पासपोर्ट भी जारी करवाया हुआ था.
साल 1997 में हमीदुल्लाह के माता-पिता अफगानिस्तान के हालात के चलते UAE शिफ्ट हो गए थे. बाद में हमीदुल्लाह टूरिस्ट वीजा पर इंडिया आया और फिर अपने टूरिस्ट वीजा को मेडिकल वीजा में ट्रांसफर करवा लिया. देखने में स्मार्ट और कई भाषाओं को बोलने वाला हमीदुल्लाह फेसबुक पर स्कैम यानी फर्जी आईडी बनाकर विदेशों में महिलाओं से दोस्ती करता था और फिर शादी का वायदा करके महिलाओं के साथ निजी पलों की फोटो वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देकर उनसे पैसा लिया करता था. फ़िलहाल क्राइम ब्रांच इसे गिरफ्तार कर इससे पूछताछ करके ये जानने में लगी है कि यूएस की महिला की तरह और कितनी महिलाओं के साथ इसी तरीके से पैसे ऐंठे हैं.
आरोपी ने यूएस की महिला की पर्सनल फोटो और वीडियो को सोशल साइट्स पर डालने के आलावा और साथ ही एसिड अटैक की भी धमकी दी. हमीदुल्लाह को जाल बिछाकर दिल्ली के हयात होटल के पास से गिरफ्तार किया गया और क्राइम में इस्तेमाल ऑडी कार और फोन भी बरामद कर लिया गया. जांच में सामने आया कि आरोपी हमीदुल्ल्हा का जन्म 1981 में काबुल में हुआ था और इसने काबुल से पासपोर्ट भी जारी करवाया हुआ था.
साल 1997 में हमीदुल्लाह के माता-पिता अफगानिस्तान के हालात के चलते UAE शिफ्ट हो गए थे. बाद में हमीदुल्लाह टूरिस्ट वीजा पर इंडिया आया और फिर अपने टूरिस्ट वीजा को मेडिकल वीजा में ट्रांसफर करवा लिया. देखने में स्मार्ट और कई भाषाओं को बोलने वाला हमीदुल्लाह फेसबुक पर स्कैम यानी फर्जी आईडी बनाकर विदेशों में महिलाओं से दोस्ती करता था और फिर शादी का वायदा करके महिलाओं के साथ निजी पलों की फोटो वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देकर उनसे पैसा लिया करता था. फ़िलहाल क्राइम ब्रांच इसे गिरफ्तार कर इससे पूछताछ करके ये जानने में लगी है कि यूएस की महिला की तरह और कितनी महिलाओं के साथ इसी तरीके से पैसे ऐंठे हैं.
साल 1997 में हमीदुल्लाह के माता-पिता अफगानिस्तान के हालात के चलते UAE शिफ्ट हो गए थे. बाद में हमीदुल्लाह टूरिस्ट वीजा पर इंडिया आया और फिर अपने टूरिस्ट वीजा को मेडिकल वीजा में ट्रांसफर करवा लिया. देखने में स्मार्ट और कई भाषाओं को बोलने वाला हमीदुल्लाह फेसबुक पर स्कैम यानी फर्जी आईडी बनाकर विदेशों में महिलाओं से दोस्ती करता था और फिर शादी का वायदा करके महिलाओं के साथ निजी पलों की फोटो वीडियो बनाकर उन्हें धमकी देकर उनसे पैसा लिया करता था. फ़िलहाल क्राइम ब्रांच इसे गिरफ्तार कर इससे पूछताछ करके ये जानने में लगी है कि यूएस की महिला की तरह और कितनी महिलाओं के साथ इसी तरीके से पैसे ऐंठे हैं. |