वह थोड़े ही कपड़े पहनती है मुझे भी थोड़े ही वस्त्र पसंद हैं तीखे वस्त्र पसंद नहीं आते हैं। सूर्योदय के समय सूर्य धीमा होता है। दोपहर में सूर्य की तीव्र चमक होती है। उसका कथन बहुत गहराई से सुनो। उसकी बात कठिनाई से मत सुनो। वह प्रज्ञाचक्षु है। वह देख नहीं सकता है। फिर भी वह आवाज़ सुनकर चुराता है। जो धन्यवाद धन्यवाद क्षमा स्वागत इत्यादि शब्दों को बोलता है । वह संस्कृत जानता ही है थोड़ा अधिक अभ्यास करिये। प्रतिदिन अभ्यास करें। संगीत रुक गया उसके बाद भी वह नाच रहा है। पर्याप्त धन प्राप्त हुआ फिर भी वह माँग रहा है। शीतकाल समाप्त हो गया है उसके बाद भी वह स्वेटर पहन रहा है। बाल्टी में पानी भर गया है फिर भी वह स्नान नहीं कर रहा है। उसके पास बहुत धन है फिर भी दान नहीं देता है। रेल तो गई उसके बाद भी द्वारपाल द्वार नहीं खोलता है। उसका शहर आ गया फिर भी वह नहीं उतर रहा है। वह संस्कृत जानता है फिर भी संस्कृत में नहीं बोलता है। वह बूढ़ा है । वह नमित्वा चलता है। वह डंडा लेकर चलता है। वह धीरे धीरे चलता है। वह बीच बीच में रुकता है जब वह थका हुआ होता है तब वह बैठता है उसके साथ कोई नहीं है। वह जब रुकता है तब वह ओ3म् ( ॐ ) बोलता है वे वृदध हैं । वे नमित्वा चलती हैं । वे दण्ड लेकर चलते हैं वे धीरे धीरे चलते हैं वे बीच बीच में विरत रहते हैं जब वे श्रांता होते हैं तब वे बैठते हैं उसके साथ कोई नहीं है वे जब रुक जाते हैं तब वे ओ3म् ( ॐ ) बोलते हैं आपके घर में कौन कौन बोलता है? आपके घर में कौन-कौन बोलती है। मेरे घर में माँ बोलती है मेरे पिताजी बोलते हैं मेरा भाई बोलता है मेरी बहन बोलती है मेरा बेटा बोलता है मेरी बेटी बोलती है क्षमा करियेगा अभी समय नहीं है। क्षमा करियेगा मैं नहीं आऊँगा। क्षमा करियेगा मैं वो काम भूल गई / भूल गई। क्षमा करियेगा आज पेन नहीं लाया हूँ। क्षमा करियेगा तुम्हारा गाना पसंद नहीं आया। क्षमा करियेगा मैं चीनी नहीं चाहता हूँ। क्षमा करियेगा मेरे कारण आपकी शर्ट गंदी हो गई। क्षमा करियेगा तुमने पुरस्कार नहीं पाया। बहुत दूर से आवाज़ आ रही है। शायद कोई भी कोई वेदपाठ करेगा । पास जाता हूँ। वहाँ एक बच्ची यज्ञ कर रही थी । आज उनका जन्मदिन है। उसका पिता अस्पताल में है। उसका पिता अस्वस्थ है वह अकेले ही यज्ञ करती थी पिछले सप्ताह उनके पिता के रास्ते में दुर्घटना हुई। दुर्घटना में उसके पैर में एक खंजन हो गया वह बच्ची यज्ञ में पिता की स्वास्थ्य के लिये प्रार्थना करती है उसकी बच्ची को जन्मदिन की शुभकामनाएँ । उसका पिता जल्दी स्वस्थ हो जाए । उसके घर प्रतिदिन सेविका आती है। वह प्रतिदिन पात्र साफ करती है। माँजने से पहले वह बचा हुआ अन्न गौपात्र में रखती है। कमल घड़ा ऊंट परमाणु धनुष को चोंच कमरे से उचित शब्द चुन कर चित्र के अनुसार लिखो गणेश होंठ घास सांप कमल तलवार पानी में वाहन चोंच टंकने का यंत्र ठग डमरू थका हुआ शीशा सांप यज्ञ लड्डू छः पद क्षत्रिय दुःखी समझदार वह कौन है? वह बन्दर है। वे दोनों कौन हैं? वे दो गोलदीप हैं। यह क्या है? यह लेखनी है। ये दोनों क्या हैं? ये दोनों पुस्तकें हैं। ये सब क्या हैं? ये घड़ियाँ हैं। उचित प्रकार से मिलाया करें पढ़कर वाक्य रचिये वह हवाई जहाज़ है। वह क्या जाता है? वह विमान जाता है। वे दोनों बसें। वे दोनों कहां जाते हैं? वे दोनों एयरलाइन जा रही हैं। वे फूल हैं। वे सब कौन खिलते हैं? वे फूल खिलते हैं। संख्या को कंठस्थी कर । एक वृक्ष। दो लड़के। तीन घोड़े। चार घड़े। पाँच कुत्ते। छह कबूतर। सात तोते। आठ चूहे। नौ हिरणे। दस मयूरों को। एक बच्ची। दो बालिकायें। तितर-बितर मालों को। चार बकरियाँ। पांच चिड़ियाएँ। छह घड़ियाँ। सात मक्खी आष्टा चाकू नई चींटी दस लड़कियाँ। विद्या क्या देती है? कौन सब जगह पूजा जाता है? देवताओं के द्वारा कौन पूजा जाता है? परदेश में विद्या क्या होती है? किससे पात्रता प्राप्त होती है? परलोक में धन क्या है? अपने देश में कौन पूजा जाता है? किनकी शक्ति विद्या है । विद्या विनम्रता प्रदान करती है विनम्रता से बर्तन (बच) जाता है। विदेश में धन है विद्या है व्यसनों में धन है। विद्या रूप कुरूपों का तथा निर्धनों का धन धन है। विद्वान् होना और राजा होना ये दोनों कभी भी नहीं समानता (तुल्यता) है। आलसी की विद्या कहाँ है और अविद्या का धन कहाँ है? पुस्तक में ही विद्या और पराया धन है। विशाल कुल से विद्याहीन के दाता क्या होते हैं। सुन्दर सुशील कुलीन और धनी व्यक्ति के लिए विद्या सबसे बढ़कर आभूषण है। विद्या के बिना शोभा नहीं मिलती। नम्रता विद्वान् विद्यावान विनय से बर्तनों को प्राप्त करता है। परलोक में धन धर्म है। अपने देश में राजा की पूजा होती है। निर्बल व्यक्तियों का बल विद्या है। मोहन कब उठता है? मोहन साढ़े सात बजे कहाँ जाता है? रुचिकर भाषा कौन सी है? मोहन रात को क्या देखता है? मोहन कब सोता है? मोहन स्नान के बाद क्या करता है? मोहन किस किस किस भाषा को पढ़ता है? मोहन कब खेलता है? निम्नलिखित वाक्यों में से दूसरी अलग की गई आवाजें चुन कर कोष्ठ में लिखो गुरु और ईश्वर को प्रणाम करता हूँ। माता और पिता को नमन करता हूँ। मैं वहाँ पाठ पढ़ता हूँ। मैं बारह बजे घर आता हूँ। सुबह तुम कब उठते हो? बाद में तुम क्या करते हो? वहाँ से क्या कर रहे हो? मोहन! वहाँ तू किस किस किस भाषा को पढ़ता है? इन सभी भाषाओं को तुम पढ़ते हो? किन्तु रुचिकर और सरल भाषा कौन है? पढ़ने के बाद तुम क्या-क्या करते हो? विद्यालय को संस्कृत भाषा दूरदर्शन नौ बजे मोहन स्नान के बाद प्राणायाम और स्वल्पहार करता है। मोहन हिन्दीभाषा संस्कृतभाषा और अंग्रेजी पढ़ता है। मोहन शाम को खेलता है। ईश्वर को माता और पिता को पाठों को घर को। हम दोनों नेत्रों से क्या करना चाहिए? घास के मिलाने से क्या होता है? बलशाली हाथी को किसने बाँधा है? वस्त्र निर्माण किससे होता है? घड़ा किससे भरता है? कार्य को करने वाली कौन होती है? हम किससे सूंघते हैं? हम किसके द्वारा अन्न चबाया जाता है? किससे चक्रनिर्माण होता है? वृक्ष किससे शोभता है? देखते हैं डोरी बनाने को रस्सी धागेों से बिन्दुना संहार करना हम नासिका से सूंघते हैं। हम दाँतों से अन्न चबाते हैं। अनेक अरों के सहयोग से चक्र बनता है। वृक्ष पत्तों से फूलों से फलों से और शाखाओं से सुशोभित होते हैं। कौन जल बरसा रहे हैं? देश रक्षा किसने की? कौन भोजन बनाती है? विद्याधन कौन देता है? धन किस प्रयोजन के लिए होता है? माँ अपनी पुत्री को क्या देती है? परोपकार के लिए फल कौन देते हैं? बादल धन राष्ट्र के विकास के लिए होता है। माँ अपनी पुत्री को सुसंस्कार देती है। परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं। हमेशा किससे घण्टे की आवाज़ सुनी जाती है? यात्री किस से स्थानों का महत्त्व जानते हैं? किसके लिए जयघोष निकलता है? उज्जयनी कस् कस्बे से पश्चिम दिशा है? उज्जैन का मुख्य दर्शनीय स्थान क्या है? किससे लोग श्रीकृष्ण का इतिहास जानते हैं? महाकाल मंदिर से लोग कहाँ जाते हैं? विक्रमसंवत्सर का गणना किसमें से होती है? मन्दिर से मार्ग दर्शक से भक्तों और जनों के मुख से उज्जयिनी भोपाल शहर से पश्चिम दिशा है। उज्जैन का मुख्य दर्शनीय स्थान-महाकालमन्दिर महागणेश मंदिर हरिसिद्धि मंदिर चिन्तामणि मंदिर मङ्गलनाथ मंदिर और कालभयान मंदिर हैं। सांदीपनि आश्रम से लोग श्रीकृष्ण का इतिहास जानते हैं। उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के समय से विक्रम वर्ष का गणना होता है। (क) चन्द्रमा कासा भूषण है? (ख) संस्कृत पढ़ने में किनकी रुचि है? (ग) अवधेश किसका अग्रज है? (घ) विद्यालय के आगे क्या है? (ङ) आपके/ आपके नाम क्या हैं? चन्द्रमा तारों का आभूषण है। संस्कृत पढ़ने में छात्रों की रुचि है। अवधेश गिरीश का अग्रज है। विद्यालय के सामने उद्यान है। मेरा नाम कविता है। चित्र देखकर सम्बन्धवाचक वाक्य लिखो। सबका स्वागत है। मेरा नाम अविनाश है। आपका क्या नाम है? मेरा नाम गिरीश है। गिरीश! तुम्हारे परिवार का परिचय बोलो। मेरे माता का नाम अंजनना है। पिता का नाम राकेश है। बड़े भाई का नाम अवधेश है। छोटे भाई का नाम शशाङ्क है। बहन का नाम मालिनी है। मामा का नाम आनन्द है। कविते! तुम्हारे विद्यालय का परिचय कहो। मेरे विद्यालय का नाम स्वामी विवेकानन्द विद्यालय है। यह नगर के बीच में स्थित है। इसके आगे उद्यान है। पीछे स्टेडियम है। स्टेडियम के बायीं ओर मंदिर है। दाएँ ओर भवन हैं। गिरीश! छठे वर्ग की संस्कृत पुस्तक को लाओ। संस्कृत भाषा के पद मधुर हैं। यह वेदों की उपनिषद् और शास्त्रों की भाषा है। रामायण महाभारत की कथा संस्कृत में लिखी गई है। महोदय संस्कृत भाषा का पढ़ने में हमारी रुचि है। हम इसका अध्ययन चाहते हैं। हाँ सभी शिष्यों की इच्छा से संस्कृत पढ़ाता हूँ। ताराओंका भूषण चन्द्रमा स्त्रीका भूषण पति पृथ्वीका भूषण राजा है और विद्या सबका भूषण है भारत के मध्य कौन-सा प्रदेश है? मध्य प्रदेश के मध्य भाग में कौन-सी नदी बहती है? र्मदा की उत्तरी दिशा कौन सी पर्वत है? सतपुड़ा पर्वत सेर्मदा की किस दिशा में स्थित है? मध्य प्रदेश कहां पर विराजमान है? मध्य प्रदेश भारत देश के मध्यभाग में विराजमान है। हमारे प्रदेश की राजधानी कौन है? हमारे प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर है। मध्य प्रदेश के कौन से जिले में हीरे रत्न प्राप्त होते हैं? मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में रत्न मिलते हैं। वनवासी कहाँ विचरण करते हैं? वनवासियों को वनों में विचरण करना चाहिये। मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों के नाम लिखो। मध्य प्रदेश-माधव-कांहाकिसीली बान्धवगढ़ इत्यादि राष्ट्रीय उद्यान हैं। सस्वर पाठ के द्वारा कंठस्थ करो मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थलों की सूची बनाकर उनके चित्रों को संग्रह करो। हे छात्रों! क्या ये है? ये क्या है यह क्या है? मोहन! चित्र में क्या दिखाया गया? चित्र में भारत देश का रूप दिखाया गया। भारतदेश के मध्य भाग में कौन-सा प्रदेश दिखता है? भारतदेश के मध्य भाग में मध्य प्रदेश वैसे ही दिखता है जैसे शरीर के मध्य भाग में हृदय दिखता है। माला मध्य प्रदेश के मध्य भाग में कौन-सी नदी बहती है? मध्य प्रदेश के मध्य भाग में नर्मदा नदी मेखला के समान बहती है। सुरेश!र्मदा की उत्तरदक्षिण दिशा क्या दिख रही है? नर्मदा की उत्तर दिशा विन्ध्याचलमाला दक्षिण दिशा और सतपुड़ा पर्वतमाला दिखाई देती है। आर्य! भोपाल में भी विन्ध्याचल और सतपुड़ा हैं? सच है भोपाल में विन्ध्याचल और सतपुड़ा दो प्रमुख सरकारी भवन हैं। महोदय! मध्य प्रदेश का गठन कब हुआ था? मध्य प्रदेश की स्थापना १९५६ के महीना में हुई नवम्बर महीने की पहली तारीख को. महोदय! हमारे क्षेत्र में कितने महानगर हैं? भोपाल हमारे प्रदेश की राजधानी है। इंडडोर ग्वालियर जबलपुर समेत कई महानगर हैं। उज्जयिनी किस प्रकार प्रसिद्ध है? महाकाल की नगरी उज्जयिनी है। महाकाल के बारह ज्योतिर्लिङ्ग में से एक है। क्षेत्र में कौन से दर्शनीय स्थल हैं? उनमें क्या विशेषता है? मध्य प्रदेश में महेश्वर मण्डलेश्वर ओंकारेश्वर नामावर जैसे धार्मिक स्थल भी हैं जो नर्मदा के तट पर स्थित हैं। मैहर में स्थित देव्या सरस्वती का मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। भोपाल में स्थित “ताजुलमस्जिद” यह यवनों का धार्मिक स्थल भी प्रसिद्ध है। भीमबैटका पर्वत के सहिहिगुफाओं में प्राचीनतम चित्र हैं। छहों मंदिर मूर्ति बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। साँची स्थित स्तुप बौद्धों का धार्मिक स्मारक है। मध्य प्रदेश में कौन सी राष्ट्रीय उद्यान हैं? मध्य प्रदेश का तीसरा भाग वन से घिर गया है। माधवोद्यान कान्हाकिसली बान्धवगढ़ जैसी राष्ट्रीय उद्यान हैं। वनों की रक्षा में वनवासियों का विशेष योगदान है। ये लोग वनेश में निर्भय रहते हैं। क्षेत्र में कौन सी पर्यटन स्थल हैं? हमारे क्षेत्र में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में पचमढ़ी नामक पर्यटन स्थल है। वहाँ लोग स्वास्थ्य लाभ के लिये भी जाते हैं। मध्य प्रदेश में खनिजों की भी दूकान है? सच है। मध्य प्रदेश में पनना जिले हीरा रत्नों का खोदा है। मध्य प्रदेश लोहे की अलूमीनियम से लेकरखनिजों को भी उद्योगों का आधार राष्ट्र जीवन में महत्वपूर्ण है। जय हो जय हो इस भारत देश में सुखद मध्य प्रदेश में। दशरथ के कितने पुत्र थे? चार चारों राजपुत्रों का विवाह कहाँ हुआ? मिथिला में सीता को खोजने के लिए कौन वन में घूमे थे? राम और लक्ष्मण अयोध्यानगरी किस प्रदेश में है? अयोध्यानगरी उत्तर प्रदेश में है। राम और लक्ष्मण को किसने अपने आश्रम ले आए? राम लक्ष्मण को विश्वामित्र अपने आश्रम ले गया। सीता का विवाह किसके साथ हुआ? सीता का विवाह राम के साथ हुआ। वानरों ने कहाँ पर पुल बनाया था? वानरों ने सागर में पुल बनाने का काम किया। आदिकवि कौन है? आदिकवि वाल्मीक है। एक कौआ था। कौआ ने कहीं पर एक रोटी पाई। एक सियार ने देखा। रोटी चोरी का उपाय है। वह कौए के पास गया। वह कहता है कि आपने मीठा गाया है ऐसा सुना है कृपया एक बार गाएँ यह। कौआ सोचने लगा- “ये दुष्ट मेरी रोटी को चुराने का विचार कर रहा है।” रोटी पैर के नीचे रख दी। काँकाँव ऐसा अगया था। रोटी के नीचे नहीं गिर पड़ी। सियार खिन्न हो गया और वहाँ से चला गया। कौआ रोटी खाकर खुश हुआ। जम्मू-कश्मीर का पेड़ कहाँ था? नदी के किनारे कौन प्रतिदिन जबू खाते थे? बन्दर का मित्र कौन था? कौन बन्दर का हृदय खाया हुआ चाहती है? मगरमच्छ की पत्नी बन्दर किसके लिएबूढ़े फल देता था? वानर मकर को बूढ़े फल देता था। मगरमच्छ ने किसके लिएबूहार दिये? मगरमच्छ ने अपनी पत्नी को बूढ़े फल दिये। बन्दर कौन से फल खा रहा था? बन्दर मीठे फल खा रहा था। नदी के बीच मकरा ने बन्दर से क्या कहा? नदी के बीच में मगरमच्छ ने बन्दर से कहा मेरी पत्नी तुम्हारे दिल को खाना चाहती है। कथा को श्रवण करके क्रमशः फिर से लिखो एक नदी के किनारे पर एकबूदार पेड़ था। उसमें एक बन्दर रहता था। वे नित्यबूहार खाते थे। कोई मगरमच्छ उसका मित्र था। वह बन्दर प्रतिदिन उसेबूंद देता था। इसलिये वह मगर उस बन्दर का प्रिय मित्र बन गया। एक बार मकड़ी ने किसी कोबूफल अपने पत्न को दी। वे सब खाकर उसकी पत्नी सोचने लगा अहो! वह बन्दर प्रतिदिन मीठेबूरें पेड़ खाता है। इसीलिए निश्चय ही उसका हृदय भी बहुत मीठा हो जाएगा। वह अपने पति से बोली- अरे! हर रोज मीठेबूदार जम्बू खाते हुए तुम बन्दरभाई का दिल कितना मीठे हो सकता हो? उसका हृदय खाकर मेरा हृदय भी बहुत मीठा हो जाएगा। तो यदि मुझे जीवित रहना दुष्ट चाहता है तो उसको जल्दी से अपने बन्दर के हृदय में ले आओ।” मगरमच्छ ने अपनी पत्नी को बहुत प्रकार से रोका। परन्तु वह दृढ़निश्चय वाली थी। विवशमकर अपने मित्र को वानर के पास जाकर बोला मित्र प्रतिदिन मैं ही अन्न आता हूँ। आज तुम मेरे घर आओ। बन्दर ने उत्तर दिया। तुम तो पानी में रहते हो कैसे मैं वहाँ जा सकता हूँ? मगरमच्छ बोलाअ निश्चय से। तुम मेरे पीछे बैठो। मैं तुझे ले जाऊँगा। जब वे दोनों नदी के बीच खड़े थे तब मगरमच्छ ने बन्दर से कहा मेरी पत्नी तुम्हारा हृदय खाना चाहती है। इसलिये तुमको मेरे घर ले जाता हूँ। मगरमच्छ के कहने से बन्दर डर गया। किन्तु चतुर बन्दर जल्दी से बोला हे मित्र! मेरा हृदय तो वृक्ष के कोटर में रखा है। अतः तुम शीघ्र मुझे वहाँ ले जाओ। मैं प्रमाद से मेरा हृदय तुम्हें दूँगा। मगरमच्छ बन्दर को फिर से तास्यावास लाया। चतुर बन्दर जल्दी कूदकर पेड़ पर चढ़ गया। बन्दर जोर से हँसकर मकड़ी से बोला अरे मूर्ख! क्या हृदय कभी भी शरीर से अलग होता है? तुम मूर्ख हो । इस पर तुम्हारे साथ मेरी मित्रता समाप्त हो गई। यह कहकर बन्दर फिर से मीठे पेड़ों के फलों को खा गया। विश्वास ही जो दोनों के बीच है। दोनों के बीच में मित्रता है। जिस पर विश्वास नहीं है उसी पर मित्रता कैसे सम्भावी (बड़ों) हो। बन्दर कहाँ घूमता है? बन्दर रेशमी वस्त्र में घूमता है। कौन ज़ोर से गर्जता है? सिंह जोर से गर्जता है। मगरमच्छ कहाँ रहते हैं? मगरमच्छ पानी में रहता है। जन्तुशाला में कौन नाचता है? जन्तुशाला में मोर नाचता है। यहाँ सब कुशल है वहाँ भी कुशल बने। मेरा मासिक मूल्यांकन समाप्त हो गया। मैं पिता के साथ जन्तुशाला गया था। क्या तुम जानते हो? जीव हमारे मित्र हैं। जन्तुशाला में जीव हमारे मन को रँजते हैं। वहाँ मैंने बाघ बूबूआ पेड़ का पेड़ हाथी बन्दर मगर मगरमच्छ और हिरण देखा। मैंने वहाँ कुत्ते बगुले सारस मयूरा हंस और अन्य पक्षी भी देखे। सिंह जोर से गर्जता है। बन्दर रेज में घूमता है और उड़ता है। उसकी पूँछ बड़ी होती है। मगरमच्छ पानी में रहता है। मोर नाचता है। वह हमारे राष्ट्रीय पक्षी हैं। बहुत विस्तार से तुम यहाँ स्थित प्राणिसंग्रहालय को देखने के लिए भोपाल नगर में मेरे घर आओ। तुम्हारी जाति और जननियों को नमस्कार। स्वस्ति के लिए। पत्र उत्तर जल्दी लिखिये। किस महीने में स्वतंत्रता दिवस होता है? विद्यालय में कौन ध्वजोत्तोलन करेगा? सुरेशमीनाक्षी काशीनाथों के साथ किसका अभ्यास करना चाहिये? भगतसिंह आदि ने किसके लिए प्रैद्यपण किया? पहला स्वाधीनतासंग्राम कब हुआ था? पहला स्वतंत्रता संग्राम ईशवी वर्ष में हुआ था १८५७ में। छात्र पंक्तिबद्ध कहां ठहरेंगे? छात्र पंक्तिबद्ध झंडागार के पास खड़े होंगे। कौन विद्यालय में विशेष सत्र कर रहे हैं? वरिष्ठ छात्र विद्यालय में विशेषसज्जा करते हैं? भारतीयों ने किसकी लगातार कोशिश की? भारतीयों ने आजादी के लिए लगातार प्रयास किया ओ महेश! देखो आठवीं कक्षा के छात्र क्या कर रहे हैं? कल अगस्त महीने की पंद्रह तारीख है। हमारा स्वतंत्रता दिवस समारोह होगा। अतः वरिष्ठ छात्र विद्यालय में विशेषसज्जा करते हैं। मैंने पढ़ा कि सन् १८५७ के वर्ष में उनका पहला स्वाधीनता संग्राम हुआ था। फिर भारतीयों ने आजादी की लगातार कोशिश की। उन भयंकर विनाशों को सहन न कर सका। सत्य! उन्हीं के प्रयास अगस्त में १९४७ के दशक के पंद्रहवें दिन सफल हुए। उनके स्मरण में ही हर साल स्वतंत्रता दिवस का उत्सव होता है। देखो! सुरेश देखो! अवन्तिका मीनाक्षी और काशीनाथ यहीं आते हैं। सब वहाँ आते हैं । अरे सुन्दर! कल समारोह में क्या क्या होगा? गणवेश में प्रातः सात बजे विद्यालय आएँगे। ध्वजस्थल के समीप पंक्तिबद्ध लोग खड़े होंगे। सभी शिक्षक और कर्मचारिणी भी खड़े होंगे। बाद में हमारे प्रिंसिपल शिक्षक ध्वजोत्तोलन करेंगे। तत्पश्चात् सभी एक स्वर में 'जनगणमन' राष्ट्रीय गान गाएँगे। बाद में प्रधानाचार्य जी उद्बोधन करेंगे। उसके बाद छात्र सभा में कुछ छात्र गीत गाएँगे और कुछ भाषण करेंगे। मिठाई के नशीलेपन से कार्यक्रम का समापन होगा। मैं संस्कृत के माध्यम से तिलक महात्मा गांधी जी नेहरु जी सुभाषचंद्र जी और उनके महान कार्यों पर भाषण करुँगा। चंद्रशेखर आजाद अशफाक उल्लाह खान भगतसिंह आदि ने आजादी की घोषणा की. भाषण का विषय है “ क्रांतिकारीों का काम है” यह है। स्वतंत्रता दिवस उत्तम है। अब हम घर जाते हैं। मुझे भी सुरेशमीनाक्षी काशीनाथ के साथ समूहगीत का अभ्यास करना चाहिये। ध्वजो धूयता भारतीय जनता में। धारानगर का राजा कौन था? धारानगरी कहाँ है? ब्राह्मण के हाथ में क्या था? भोज का नाम किस कारण से प्रसिद्ध था? भोज का नाम शिक्षाप्रियता के कारण प्रसिद्ध है। ब्राह्मण को अत्यन्त दरिद्र जानकर राजा ने क्या पूछा? ब्राह्मण को अत्यन्त दरिद्र जानकर राजा ने पूछा- “विप्र! तू र्मपत्र हाथ में क्यों ले जाता है?” मध्य प्रदेश के मालव क्षेत्र में धारा नामक शहर है। प्राचीन काल में इस नगर का शासक राजा भोज था। राजा का आदेश था कि जो ब्राह्मण भी मूर्ख बने वह मेरे सामने पुरातन हो। कुम्हार भी जो विद्वान् है वह मेरे पास बने रहें। भोजन की शिक्षाप्रियता के कारण से शिक्षित लोग ही धारानगर में रहते थे। एक बार बगीचे में घूमते हुए भोज ने किसी ब्राह्मण को देखा। उसके हाथ में चमड़ा हुआ कम्बल देखकर और उसे अत्यन्त द्रुत जानकर राजा ने पूछा ब्राह्मण! चर्मपात्र को हाथ में क्यों उठाते हो? वह ब्राह्मण ने भी विनम्रता और नम्रता से उस भोजन को जानकर प्रणाम करके कहा हे देव! इस समय लोहे और ताँबे की कमी हो गई है। इसलिए चमार का बर्तन ले जाता हूँ। भोज ने फिर से पूछा ब्राह्मण कैसे लोहे और ताँबे के अभाव में हैं? तब ब्राह्मण पद्य पढ़ता है इस श्रीभोजराज के ये दोनों ही दुर्लभ हैं। शत्रुओं के शृङ्खलों से लोहे तथा उनके शासन पत्रों से। राजा ने प्रसन्न होकर उन्हें कवयि में ताँबे की प्रशंसा पत्र और धनराशि को पुरस्कार के रूप में दिया। शिक्षितों के सम्मान के कारण भोज का नाम भारत में भी प्रसिद्ध है। हम किसकी सेवा के लिये निरन्तर चलेंगे? हम किसको दण्ड देंगे? भारत के भूमि से हम क्या हरें लेंगे? भारत के भूभाग से हम दिन-रात हरिेंगे। हम किनकी रक्षा करेंगे? हम सब सज्जनों की रक्षा करेंगे। पदों का पुरुष और वचन लिखो हम धैर्यवान् हैं हम वीर हैं हम सब जगह रक्षक हैं। हमें जनता की सेवा के लिए चारों स्त्रियों का निर्माण करना चाहिए हमें निरन्तर उद्योग करना चाहिए। बिजली मरुओं को क्रोध सिंहों को भी गर्जना। शत्रुओं को कभी भी नहीं डरना चाहिए हमें कभी भी गुस्सा करना चाहिए। हम आगे चलेंगे चलेंगे निरन्तर। दुष्ट व्यक्तियों को दण्ड देते हैं और सज्जनों की रक्षा करते हैं। हम ही करेंगेः भारत का भी मंगल। हम परम यश और मातृभूमि की प्रतिष्ठा को प्राप्त करेंगे। और हम सब भारत के प्राणी आज भी हरि हैं। भेदभाव के विनाश के लिये हम उद्यत रहते हैं। हम लोग निरंतर बिनालस के काम करेंगी। आगे आगे चलेंगे और निरन्तर चलेंगे। दुःखों का तो विनाश और सुख की वृद्धि के लिए। सभी प्राणियों के हित के लिए हम निरन्तर चलेंगे। दीपों के साल में कितने दिन होते हैं? पांच दिन धन्वन्तरिपूजन किस दिन होता है? तेरहवें पर्व पर व्यापारियों का नया वर्ष कब प्रारम्भ होता है? कार्तिक शुक्लपक्षी प्रतिपदा में दीवाली लक्ष्मी का कब पूजन होता है? दीवाली में लक्ष्मी की अमावस्या में पूजा होती है। दीपों के समान दीवार वाले दूत कौन थे? अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो यह दीपों का ओलिप्रोत संदेश है। भतीजी क्या कामना कर रही हैं? भतीजी दीर्घ जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। थोड़े से नाखून कहाँ दिखते हैं? घरों के सामने कम खिड़की दिखती है। भारतवर्ष में बहुत से उत्सव होते हैं। जैसे-नवेरात्रि होली और रक्षाबन्धन। इनमें दीवाली दीवार कार्तिकाकोस में कृष्णपक्ष में मनाया जाता है। जनश्रति मानती है कि भगवान राम के अयोध्या आगमन पर अयोध्या में पहली दीवाली आयोजित की गई है। यह दीपोत्सव और प्रकाशोत्सव है। यह पांच दिवसीय उत्सव है। इसके पांच दिन पूरे दिन पूरे देश में दीवाले दिखते हैं। पहले दिन तेरह में लोग गहने घर के पन्ने सोने अथवा चांदी खरीदते हैं। बाद में डाॅसिपलराज आज ही पूजनीय हैं। धन का अतिक्रमण करता है दूसरे दिन का चौदहवीं विशेषता सूर्योदय से पहले स्नान है। तीसरी दिन मनाए लोग धनदेवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं। व्यापारिक व्यापारपुस्तकों की भी पूजा करते हैं। चौथे दिन कार्तिक शुक्लपक्ष पर व्यापारियों का नया वर्ष शुरू हो रहा है। किसान और पशुपाल गायों के बढ़ने की पूजा करते हैं और गायधन को लूटते हैं। पशुपालक अंतिम दिन में दूसरी बार भतीजी मिलीं एक-दूसरे की सराहना और दीर्घ जीवन और सुख-समृद्धि की कामना। सत्कार करते हुए। दीर्घ जीवन इस समय सब जगह आनन्द हो रहा है। किसानों के घरों में नया अन्न और नया धान्य आता है। नदी का जल स्वच्छ आकाश निर्मल दिखता है। बाजार धन और ग्राहकों से भरे रहते हैं। बच्चे खिलौने जलाते हैं। घरों में मिठाई का सेवन होता है। लाज देवों और अतिथियों को समर्पित हो जाएँ न्ति। घरों के सामने कम खिड़की दिखती है। अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो यह दीपों का मंगलप्रदेश है। अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो सभी लोग एक दूसरे को मिलते हैं और अभिनन्दन करते हैं। अभिनन्दन पत्र भेजते हैं और वे प्रार्थना करते हैं। अच्छा करो कल्याण स्वास्थ्य और सुख की सम्पत्ति। शत्रुओं के बुद्धि के विनाश के लिए दीपज्योति का प्रकाशक अस्तुति करता हूँ। वस्तुएँ किससे ठंडी होती हैं? बर्फ की छाया से। विमान किस मार्ग से जाता है? किस मशीन की गति हवाई जहाज से अधिक होती है? रक्षा क्षेत्र में किस यन्त्र की सबसे बड़ी भूमिका होती है? रक्षा क्षेत्र में राडारयन्त्र की बड़ी भूमिका है। आवश्यकता किनकी जननी है? आवश्यकता आविष्कारों की जननी है। आविष्कारों की अपने शिक्षक की मदद से पाँच वैज्ञानिकों के नाम और उनके आविष्कारों के नाम लिखो। पाँच वैज्ञानिकों का घर के लिए उपयोग होने वाली वस्तुओं के नाम लिखो। मेरा नाम राजीव है। मेरे घर में संगणक यंत्र है। कंप्यूटर मेरे घर में फोन है। फोन मेरे घर में रेडियो है। रेडियो मेरे घर में बर्फबारी है। हिम की ठण्ड मेरे घर स्कूटर है स्कूटर मेरे घर में बिजली के व्यजन हैं। बिजली के व्यजन मेरे घर कपड़े काँटने का यंत्र है। कपड़े का ढहने का यंत्र मेरे घर में जल-उउत्थापन यंत्र है। पानी की जागृति यंत्र मेरे घर में कंडीशनर है टंकने का यंत्र मेरे घर कार है। कार आधुनिक युग विज्ञान की आविष्कारों का युग है। हमारे घर में भी विज्ञान से निर्मित बहुत से यंत्र होते हैं। जैसे यह बर्फ का ठण्डा है। इसमें रखे हुए वस्तुएँ ठंडी होती हैं। अब घर घर में इसका उपयोग होता है। गर्मी में इसका उपयोग अधिक होता है। यह रेडियो है। इस मशीन से हम समाचार भाषण और गीत सुनते हैं। अन्य शैक्षणिक कार्यक्रम इसी के द्वारा प्रसारित होते हैं। शैक्षिक कार्यक्रम यह दूरदर्शन है। यह अत्यन्त आधुनिक दृश्य श्रव्य साधन है। दूरदर्शन से हम गीत नाटक समाचार आदि सुनते हैं और देखते हैं। यह फोन है। इस मशीन से लोग दूर लोगों के साथ बात करते हैं। यह मोबाइल फोन है। इस मशीन से लोग यात्रा में या सर्वत्र अन्य लोगों के साथ बात करते हैं। यह कम्प्यूटर है। इससे सभी क्षेत्रों में क्रीड़ा और संचय (परिवर्तन) हो गया। इस समय शिक्षा के क्षेत्र में भी इसकी अहम भूमिका है। ये विमान है। यह लम्बी गति से आकाश में उड़ रहा है। इससे लोग आकाश मार्ग से दूर स्थान या विदेश को जाते हैं। यह रॉकेट मशीन है। इसकी गति विमान से भी अधिक तेज़ होती है। यह रैंकडा है। यह यंत्र विमान का नियंत्रण करता है। रक्षा क्षेत्र में इस मशीन की बड़ी भूमिका होती है। यह उपग्रह यंत्र है। मानव-निर्मित इस मशीन से सूचना संचार ज्ञान रक्षा क्षेत्र ज्ञान अन्तरिक्ष ज्ञान और पर्यावरण ज्ञान होता है। इस समय भारत देश परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। राष्ट्र की सुरक्षा में परमाणु शक्ति बड़ी है। और कहा गया है सिख धर्म के प्रवर्तक कौन थे? गुरुनानकदेव किस प्रांत में हुआ था? मजदूर ने किसको समर्पित किया? धनिक ने क्या दिया? गुरुनानक ने किसका भोजन ग्रहण किया? गुरुनानक किसलिए गाँव गया? गुरुनानक धर्म प्रचार के लिये गाँव गया। धनिक क्यों उत्तेजित हुआ? उसने धनवान का मिठाई गुरु ने किसी को नहीं स्वीकार किया और धनवान को गुस्सा किया। गुरुजी ने धनिया से क्या कहा? गुरु ने धनिक से कहा कि संसार में धन से अथवा धन से कोई भी व्यक्ति ऊंचे या निम्न के बराबर नहीं है। सभी लोग समान हैं। श्रेष्ठता तो चरित्र से ही होती है। लक्ष्मी शुद्धा कैसे होती है? श्रम से अर्जित लक्ष्मी शुद्ध होती है। मनुष्य की श्रेष्ठता किससे होती है? मनुष्य की श्रेष्ठता चरित्र से होती है। श्रम की ही विजय होती है यह हमारा ध्येय वाक्य है। श्रम ही जीतता है । श्रम से राष्ट्र की उन्नति होती है। श्रम से कमाया हुआ धन श्रेष्ठ होता है। सिक्ख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानकदेव पंजाब प्रांत में आए। एक बार वह धर्म प्रचार के लिये एक गाँव गया। वहाँ एक मजदूर ने गुरु का स्वागत किया और भोजन के लिए रोटियाँ सौंप दी। मजदूर एक उच्च वर्ग के धनिक ने भी गुरु को मिठाई दी। मिठाई दी नानक ने कुछ सोचकर श्रमिकों के रोटियाँ ले लीं। यह देखकर धनवान क्रोध से बोला महाराज! यह क्या है? मेरे घर से लाए गए खरगोश का भोजन छोड़कर आप श्रमिक के लिए सूखे रोटियाँ ले रहे हैं। यह ठीक नहीं है। मैं प्रतिष्ठित हूँ। आपने मेरा अपमान किया। क्या मुझमें गुरुकृपा नहीं हैं? मुझे भी गौरवान्वित करिये। गुरुनानक ने क्षणभर विचार करके मधुर वाणी से कहा संसार में जात्य और धन से कोई भी मनुष्य ऊंचे या निम्न है। सब लोग समान हैं। चरित्र से ही श्रेष्ठता होती है। मजदूर ने तो बहुत श्रम से धन कमाया है। इसलिये उसका भोजन पवित्र है। मैंने उसका भोजन स्वीकार कर लिया। गुरु की वाणी सुनकर प्रभावित धनिक ने अपना गौरव छोड़कर नम्र होकर गुरुजी के चरणों की भूमि पर गिर पड़ा। श्रम से कमाया हुआ लक्ष्मी शुद्ध होती है। लक्ष्मी बैंक में प्रवेश करती है । मैं प्रवेश करता हूँ वह कूड़ा फेंकती है। वह रास्ते में ही कूड़ा फेंकती है एक छात्रा उसको मना कर रही है बहन! रास्ते में कूड़ा मत फेंको। कूड़ेदान में ही कूड़ा फेंकिये। वह बहन उसकी बात मानती है आज एक बालक का नामकरण कराना था। नवजात बालक के शरीर में नानी ने तेलमालिश की नवजात बालक को नानी ने नहलाया। बाद में उसने बच्चे को कपड़े से बाँध दिया। बालक का नाम 'आर्ष' रखा गया। बाद में नानी ने गाय को घास दी। अतिथियों ने भोजन किया। सरसों का साग था। मक्के की रोटी थी। उसके साथ गुड़ भी थी। वहाँ से खाकर अभी ही घर आया हूँ। सुमित का काम हो गया। स्नेहलता नृत्यांगना हो गई। श्रीकान्त अपने काम में सफल हो गया। वर्णिका घर के काम में निपुण हो गई। एक शिक्षिका आज निवृत्त हो गई। छात्र उत्तर सुनकर शान्त हो गया। हिमालय में वह यति को देखेगा। पुरी शहर में वह मंदिर देखेगी। वर्षा के समय किशोर मोर का नृत्य देखेगा। आँख की चिकित्सा के बाद वह सब कुछ देखेगा। अगले वर्ष वह मानसरोवर देखेगा। मर्यादा -पुरुषोत्तम कौन थे? श्रीराम मर्यादापुरुषोत्तम थे । श्रीराम ने डंडा के कारण अनेक राक्षसों को मारा। उसने पिता की आज्ञा का पालन किया। श्रीराम जी गुरुओं का आदर करते थे। उसने रावण के साथ युद्ध किया। रावण को मार दिया। आज भी सभी लोग श्रीराम को याद करते हैं रावण नहीं । श्रीराम का अनुसरण करें रावण को नहीं हे मित्र! यज्ञ करिये। आप भोजन करिये। हे माँ! आप विश्राम करिये। आईये गङ्गास्नान करिये। आप सभी प्रतीक्षा करें... मैं आता हूँ। आप सभी अभ्यास करिये। हे सज्जनों! स्वच्छता करिये। सभी आईये गङ्गास्नान करिये। मैं यहाँ लिखूँ क्या? मैं किसलिए लिखूँ? हे सुन्दरी! अच्छी तरह सोचा लिखो। स्नेहलता! शुभकामनाएँ लिखिये। श्रीकान्त! कृपया शोधपत्र लिखिये। वर्णिका! एक गीत लिखो। शिक्षिका! काले बोर्ड पर पाठ लिखो। हे छात्र! अशुद्ध मत लिखो। वह परीक्षा में उत्तीर्ण होता है। वह नृत्य करने के लिए तैयार होती है। उसका बेटा सदाचारी बन जाता है। व्यायाम करके वह बलिष्ठ होता है। रुचि सुबह घर में ही होती है। विमल के घर में यज्ञ होता है। मानसिक उन्नति के लिये योग करना चाहिये। जो योग करता है वह सदा स्वस्थ रहता है। योगासन भी करना चाहिये । ध्यान भी करना चाहिये। सुबह जल्दी उठकर योगासन और ध्यान करना चाहिये। सभी लोग मेरे पास आते हैं नीलेश आगे आता है । जगदीश पीछे आता है। पूर्णिमा वाम से आती है। वत्सला दाहिनी आती है किशोर सन्त्वनासन्देश लिखेगा। नीता बेटी को पत्र लिखेगी। अरुणा आज नहीं लिखेगी कल लिखेगी। छात्र उत्तर लिखेगा। चिकित्सक औषधि लिखेगा। आज मकरसंक्रांति है। सारे भारत देश में यह पर्व मनाया जाता है। तमिलनाडु राज्य में पोंगलपों का नाम लिया जाता है। बहुत से लोग नदी में स्नान करते हैं। आज लोग यज्ञ कर रहे हैं यज्ञ में तिल की आहुति देते हैं घर में तिल के लड्डू बनाते हैं । महाराष्ट्र में एकदूसरे को तिल के लड्डू दिए जाते हैं। तिल के लड्डू को खाओ मीठा मीठा बोलो गुजरात में लोग पतंग उड़ाते हैं । सबको मकरसंक्रांति पर्व की मंगलकामनाएँ । विजय गाजर खाता है। अमिता मूँगफली की चिकी खा रही है। बच्चे गन्ना छील कर खाते हैं। बालिकाएँ बेर खाती हैं । घोड़े चना खाते हैं। मैं दूध में रोटी मिला कर खाता हूँ। मैं पेड़ के नीचे बैठकर खा रहा हूँ। हम गरम भोजन खाते हैं। हम सब मिलकर खाना खाते हैं। पहले हम गाय को खाना देते हैं बाद में खाते हैं। सुमित ने सुविचार लिखा। स्नेहलता ने शुभकामना संदेश लिखा। श्रीकान्त ने शोधपत्र लिखा। वर्णिका ने सुबह गीत लिखा। शिक्षिका ने काले बोर्ड पर पाठ लिखा। छात्र ने आज शुद्ध लिखा। वह उपन्यास लिखता है। वह प्रतिदिन गायत्री मंत्र लिखती है। अनुराग सुविचार लिखता है। चिकित्सक रोगी के लिए औषधि लिखता है। अंकिता बहन वाम हाथ से लिखती है। सुजाता दाहिने हाथ से लिखती है। मैं उसका काम भूल गया जब मैं रास्ते में था तब मेरी पत्नी का फोन आया । वह बोली उसका फोन रात नौ बजे आया था। मैं फिर से नगर की ओर गया। वह बहन दूकान बन्द कर रही थी मैंने निवेदन किया । उस बहन ने फिर से दूकान खोली अब निश्चिन्त होकर घर जा रहा हूँ । मेरे घर तुलसी का पौधा है अंकित के घर केले का पेड़ है मोहित के घर आम् का पेड़ है गीतिका के घर गुलाब का पेड़ है। तुम्हारे घर किसका पेड़ है? आपके घर किसका पेड़ है? आपके घर किसका पेड़ है? गिरीश ने नीतिशतक पढ़ा। लता ने मेरा सन्देश पढ़ा। सौम्या ने राजतरंगिणी पढ़ी। आलोक ने प्रातःकाल लक्ष्मीसूक्त पढ़ा था मेरी माँ ने व्यवहारभानु पढ़ी। अम्बुज ने नाट्यशास्त्र पढ़ा। फिर भी वह वस्तुएँ खरीदती है धन के बिना वह साड़ी खरीदती है। धन के बिना वह अनाज खरीदती है। धन के बिना वह पुस्तकें खरीदती है। धन के बिना वह पुत्र के लिये खिलौने खरीदती है। वह सारी वस्तुएँ कैसे खरीदती है? उसके पास डेबिट कार्ड है वह डेबिट कार्ड का उपयोग करती है । डेबिट कार्ड से अब खरीदी सरल हो गई है बालक खिलौने गिनता है। महिला साड़ियाँ गिनती है। शिक्षिक छात्रों को गिनता है। छात्र दिन गिन रहे हैं। मैं मेरे घर की पुस्तकों को गिन रहा हूँ। गौशाला में कितनी गाय हैं? मैं गिन रहा हूँ। कितने लोग संस्कृत अभ्यास करते हैं? उनकी संख्या गिन रहा हूँ। हम सब जब रेल से उतरते हैं तब सूटकेस गिनते हैं। हम अपने बाल गिनते हैं क्या? बगीचे में हम वृक्ष गिनते हैं। मैं ऑथेलो पढ़ूँ क्या? नहीं ऑथेलो मत पढ़िये। हे सुनीत! नीतिशतक पढ़िये। बहन! मेरा सन्देश पढ़ें। हे सौम्ये! राजतरंगिणी पढ़िये आलोक कृपया प्रातःकाल स्वस्तिवाचन पढ़ें। हे माँ! व्यवहारभानु पढ़िये। हे कमल! नाट्यशास्त्र पढ़िये। प्रबंधक कर्मचारी को बोलता है -"काम करो" वैद्य रोगी से कहता है - "औषध लीजिये" लोग विधायक के घर जाकर अपनी समस्या बोलते हैं। छात्र आपस में बोलते हैं। सज्जन लोग सहन करते हैं कुछ नहीं बोलते हैं। मैं पहले सुनता हूँ बाद में बोलता हूँ। हम क्यों बोलते हैं? हम क्यों नहीं बोलते हैं? हम भोजन के समय नहीं बोलते हैं। हम असत्य नहीं बोलते हैं। सैनिक लेह से सियाचिन जाता है आप कहाँ से कहाँ जाते हैं? आप कहाँ से कहाँ जा रही हैं? मन्दिर में मन्दिरों में घर में घरों में बाग़ में उद्यानों में पाठशाला में पाठशालाओं में काम में काम में मन्दिर में भक्त जाता है। मन्दिरों में भक्त जाते हैं। घर में तुलसी वृक्ष है घरों में तुलसी वृक्ष हैं । बगीचे में बच्चे खेलते हैं। उद्यानों में बच्चे खेलते हैं। पाठशाला में छात्र हैं। पाठशालाओं में छात्र पढ़ते हैं काम में मन नहीं लग रहा है क्या? अपने अपने काम में मग्न हों। मैं दूध पीकर आ गया हूँ। मैं नाश्ता करके आ गई हूँ। आप कब आए? आप कब आयीं? सुपर्णा रत्नागिरी से आ गई। शान्ति: शिक्षक आ गया। मेरा वेतन अभी भी नहीं आया है आज सुबह दूध नहीं आया। चिकित्सक देर से आया। दादीजी उत्तर देती है । बेटा मैं जब बालिका थी तब मैं भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ी तुम्हारे दादाजी ने भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ा था उसके बाद तुम्हारे पिता भी अंग्रेजी में ही घर में हिन्दी भाषा में सम्वाद होता था । विद्यालय में अंग्रेजी भाषा में । उसके कारण से संस्कृत में बातचीत समाप्त हो गई । संस्कृत पुस्तकों का पढ़ना समाप्त हो गया । समाज में मैं अकेला नहीं हूँ। मेरे जैसे दादियाँ बहुत हैं। जिनके अंगारों पर आंग्लाश्रित हुए । सभी वैसे ही हो गए वह घास लाया है गायों को घास देता है। गौएँ आती हैं। गौएँ घास खा रही हैं । उसका बेटा गाय को देखकर बहुत खुश होता है। वह बच्चा गायों से नहीं डरता है। वह भयंकर गायों के साथ खड़ा है। श्रेया बहुत मीठा गाती है। माँ सुबह स्तोत्र गाती है। वह किशोरकुमार जैसा गाता है। वे/ वे राष्ट्रगीत गाते हैं। सुमित्रा बहन विष्णुसहस्रनाम गाती है। बहनें विष्णुसहस्रनाम गाती हैं। मैं देशभक्ति गीत गा रहा हूँ। मैं प्रतिदिन स्नानगृह में गाता हूँ। हम "वन्दे मातरम्" गीत गाते हैं। हम सब मिलकर संस्कृत गीत गाते हैं। आईये हम बालगीत गाते हैं। जाने के लिए देने के लिए बोलने के लिए पढ़ने के लिए लिखने के लिए पीने के लिए हँसने के लिए विनोद मानसरोवर जाना चाहता है। योगिता धन देने के लिए दरवाजे पर खड़ी है । पुत्री कविता गाना चाहती है। मैं दूध पीना चाहता हूँ। बेटा हम दोनों एक काम करते हैं प्रतिदिन तुम मेरे साथ संस्कृत में बोलोगे । मैं भी तुम्हारे साथ संस्कृत में बातचीत करुँगा । हम दोनों संस्कृत सुभाषित भी गाएँगे । बेटा अज्ञानतावश जो भी हो गया वह सब भूल जाना चाहिये । शाम को जब तुम खेलते हो तब संस्कृत गीत भी गाएँगे। पोता बोला दादीजी बहुत अच्छा । मेरे मित्र भी आएँगे। ओ मेरी अच्छी दादीजी! हाँ आईयेगा। नहीं नहीं आईयेगा। हे दीपक! आप मेरे घर आ जाईये। आप शीघ्र ही आना। भोजन करने के लिये आईये। आईये संस्कृत पढ़ें। वह नीतिशतक पढ़ता है। वह रघुवंश पढ़ती है। नीलेश मेघदूत पढ़ता है। गोमती शाम को पढ़ती है। सुनिधि आयुर्वेद पढ़ती है। माँ मेरी पत्र पढ़ती है। पाँच मित्र एक साथ यात्रा करते हैं सभी अपनी अटैची लाए हैं। ओह सबकी अटैची तो एक ही है। सभी की अटैची का रंग भी एक समान है आकार भी एक समान है। मयंक अटैची पर ॐ लिखता है। सुधीर उसका नाम लिखता है कैलाश अटैची पर तारा बनाता है यज्ञेश फूल बनाता है आलोक भारत का नक्शा बनाता है। बाद में वे सभी सुख से रेल में सो जाते हैं । यह लड़की है। इसका नाम श्रीजा है। जो दूध खाता है। इसे आइस्क्रीम बहुत पसंद है। क्या तुम्हें भी इन खेलना पसंद है? सुरेखा कुम्भलगढ़ से आती है जयेन्द्र ऊट से आता है। चिकित्सक देर से आते हैं। अभी कास आ रही है। हमारे वीरगति को प्राप्त हुए हैं। राष्ट्र की रक्षा के लिए उन्होंने प्राणों की आहुति दी है। वे वंदनीय सैनिक थे सैनिकों के परिवार जन शोकमग्न हैं। हम भी शोकाकुल हैं। हमारे सैनिक देश के रत्न हैं राष्ट्र की रक्षा के लिये हमें भी कुछ करना चाहिये। क्या करें? क्या कर सकते हैं? बाग़ में अपने अपने काम में मग्न हो जावे मैं गया मैं गयी पिछले शनिवार को मैं सिलीगुड़ी गई थी । परसों मैं गढ़मुक्तेश्वर गया। पिछले वर्ष मैं सापुतरा गई / गई। वह/वह गई। वह गया। वह गई। आज मन्दिर नहीं जा रहा है कल जाएगा। योगिता कल शान्तिवन गई। सोमेश अभी ही कार्यालय गया है। स्वरा पिछले सप्ताह इटास गई थी। मेरा मित्र बालिका गया। वैसे ही सरल वाक्यों का अभ्यास करिये। आप कहाँ जा रहे हैं? आप कहाँ जा रही हैं? मैं नदी किनारे जा रहा हूँ। मैं नदी किनारे जा रहा हूँ। मैं मानसरोवर जा रहा हूँ। मैं मानसरोवर जा रहा हूँ। मैं गौशाला जा रही हूँ। मैं गौशाला जा रही हूँ। मैं पानीपत जा रहा हूँ । मैं पानीपत जा रहा हूँ । वह कहां जाता है? वह कहाँ जा रही है? वह लोनावाला जा रहा है। वह राँची जा रही है। देवेन्द्र कार्यालय जा रहा है। सुष्मिता नाट्यगृह जाती है। वे बोलते हैं मैं सुनता हूँ । मैं बोलता हूँ वे सुनता हैं। वे नाच रहे हैं मैं देख रहा हूँ। मैं नाचता हूँ तें देखते हैं। आप प्रतिदिन संस्कृत अभ्यास करते हैं क्या? हाँ मैं रोज अभ्यास करता हूँ। क्या पुस्तक पढ़ रहे हो आप? मैं प्रौढ़ रचनानुवादकौमुदी पढ़ रहा हूँ। वह पुस्तक का लेखक कौन है? उसका लेखक पं. कपिलदेव द्विवेदी है। आप कौनसी पुस्तक पढ़ती हैं? मैं संस्कृत शिक्षण सरणी पढ़ रहा हूँ। उसका लेखक आचार्य राम शास्त्री वैद्य हैं। मैं "संस्कृत स्वयं शिक्षक" पुस्तक भी पढ़ता हूँ। मैं भी । उसका लेखक पं दामोदर सातवलेकर है। मैं अनंतनाग जाऊँ क्या? आप विद्यालय जाईये। आप जोधपुर जाईये। अभी ही जाईये। जल्दी से जाईये। जाईये माँ बुलाती है। पढ़ने के लिये गुरुकुल जाईये। सुबह ही जाईये। प्रारम्भ में एकवचन में ही अभ्यास करिये। कल मैं अबोहर जाऊँगा। रविवार को मैं कानपुर जाऊँगा। एक घण्टे बाद मैं ऑफिस जाऊँगा। अब तो मैं पाकिस्तान नहीं जाऊंगा। काश्मीरा आज मन्दिर नहीं जाएगी कल जाएगी। लतिका कल अवश्य ही विद्यालय जाएगी। माघ में योगेंद्र हरिद्वार जाएगा। अगले सप्ताह धर्मपाल मॉरीशस जाएगा। मेरी पत्नी मायके कब जाएगी? वह एक बार तो हिमालय जाएगा। आज ठण्ड है। कल ठंड थी। कल ठण्ड होगी। आज ठण्ड नहीं है। कल ठंड नहीं थी। कल ठण्ड नहीं होगी। आज मेरे मित्र के घर वेदकथा है। कल मेरे मित्र के घर वेदकथा थी। कल मेरे मित्र के घर वेदकथा होगी। आज मेरे मित्र के घर रामकथा नहीं है। कल मेरे मित्र के घर रामकथा नहीं थी। कल मेरे मित्र के घर रामकथा नहीं होगी। विद्यालय में अस्वच्छता नहीं होगी। शहर में शोर नहीं होगा। प्रतिदिन मैं कार्यालय जाता हूँ। मैं स्नान करने जा रहा हूँ। मैं अस्पताल नहीं जाता हूँ। अब रागिणी अलमोड़ा जा रही है। श्रेया भोजनालय नहीं जाती है। संजय कुरुक्षेत्र जा रहा है। छात्र विद्यालय जाता है। आप क्यों नहीं जाते हैं? आप क्यों नहीं जा रही हैं? सूर्योदय हो गया । अब मैं क्या क्या देख रहा हूँ? महिला मन्दिर जा रही है। महिलाएँ मंदिर जा रही हैं। बच्चे विद्यालय जा रहे हैं। एक सज्जन गाय को घास देता है। गाय घास खा रही है। एक महिला वस्त्र धो रही है। लोग बगीचे में घूमते हैं। मेरे बड़े भाई यजुर्वेद पढ़ रहे हैं। मेरा छोटा भाई गरम पानी पी रहा है। वह यज्ञ करता है। लोग योगासन कर रहे हैं। मैं नहीं हूँ हम नहीं हैं मैं बूढ़ा नहीं हूँ। मैं बूढ़ी नहीं हूँ। मैं दुर्बल नहीं हूँ। मैं दुर्बल नहीं हूँ। मैं तुम्हारा शत्रु नहीं हूँ । मैं अस्वस्थ हूँ /अस्वस्थ नहीं हूँ। वह अपराधी नहीं है। वह निर्धन नहीं है। किशोर घर में नहीं है। रजनी मेरी छात्रा नहीं है। जयदीप ने आलस छोड़ दिया। शोभना ने आलस छोड़ दिया। मैंने आलस छोड़ दिया। मैंने आलस छोड़ दिया। हम सब हैं हम भारतीय हैं। हम सब छात्र हैं। हम सब किसान हैं। वे वृद्ध हैं। वे सैनिक हैं। वे किसान हैं। वे युवतियाँ हैं। वे नृत्यांगना हैं। वे गाय हैं। वे मन्दिर हैं। वे पुस्तकें हैं। हम नहीं हैं हम सब पाकिस्तानी नहीं हैं। हम दुर्बल नहीं हैं। हम सब ठग नहीं हैं। वे वृद्ध नहीं हैं। वे बेहोश नहीं हैं। वे निर्दोष नहीं हैं। वे सामान्य युवतियाँ नहीं हैं। वे नृत्यांगना नहीं हैं। वे अशिक्षित नहीं हैं। वे फल मीठे नहीं हैं। वे पुस्तकें आपके पास नहीं हैं। वैसे ही सरल वाक्यों का अभ्यास करिये। कल मैं एक मित्र के घर गया था। उसे बीमा के कागजात देने थे। उसने दरवाजा खोला। वह बोला जल्दी से अंदर आओ। बहुत ठंडी हवा बह रही है। मेरा हाथ भी ठंडा हो गया है। मेरे दोनों हाथ भी ठंडे हो गए हैं । उसने पत्नी को बुलाया। ओ इसको हल्दी वाला दूध दो। वह हल्दी वाला दूध लाई। मैं हल्दी वाला दूध पीकर कार्यालय गया। उसका चश्मा गिर गया। चश्मा टूट गया है। पूरा नहीं बल्कि एक ही खण्ड टूट गया उसने चश्मा उठाया। चश्मा की दूकान में ले गया। नया कम्पार्टमेंट रखा। अब उसका चश्मा ठीक हो गया है। चश्मा ध्यान से धारण करना चाहिये। सुबह गाय के बच्चे से आँख धोएँ। उससे दृष्टि बढ़ती है। आप कल नहीं आए? आप कल नहीं आईं! आज अवश्य आईयेगा। कल मत आईयेगा। कल और परसों मैं बाहर जाता हूँ। उसने तो सत्ताईस तक गिन लिया। उसने मुझे सत्ताईस हजार दिये। मैंने कहा " नहीं केवल इक्कीस हजार ही होते हैं।" मैंने उसे छः हजार वापस किये। वह बोला - " मुझे विश्वास हो रहा है। अभी वह फिर से गिन रहा है। मुझे केवल इक्कीस हजार देगा। आप भी गिनिये। आप भी गिनिये। अभी अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हूँ। आप कहाँ है? आप कहाँ हैं? सबका उत्तर - मैं भी ह्यूस्टन शहर में हूँ। कैसे? मैं दूरदर्शन द्वारा अमेरिका में चल रहे कार्यक्रम को देख रहा हूँ। गुजरात का गरबा देखा। पंजाब का भाँगड़ा देखा। ओड़िसी नृत्य देखी। शास्त्रीय संगीत सुना। भारतीय पाश्चात्य से मिश्रित नृत्य देखा। सभी भारतीय नरेंद्र मोदी जी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैं पूरा कार्यक्रम देखूँगा। उसके बाल गिरते हैं। वह जब नहाता है तब बाल झड़ते हैं। हररोज बाल झड़ रहे हैं। भोजन के समय थाली में बाल गिरते हैं। रास्ते में उसकी शर्ट पर भी बाल आ जाते हैं। अब वह सिर पर रीठे का लेप कर रहा है। आँवले का भी सेवन करता है। कभी कभी दही से बाल धोता है। जैसा वैद्य ने कहा था वही वह करता है। उसके बाल मजबूत होंगे ऐसा मैं मानता हूँ। वह मिहिर है । मिहिर खगोलशास्त्री है मिहिर खगोलविद् है । कल रात वह एक गाँव में था वह बच्चों को आकाश में तारे दिखाता है देखो बालकों! वहाँ सत्तर लड़कियाँ हैं । उनके पास ध्रुव तारा है। देखो वह छोटा तारा अरुन्धती तारा है। बहुत चमकीला वह है शुक्र ग्रह । सभी तारे यहाँ से कोटि प्रकाशवर्ष दूर हैं। यहाँ से तारे छोटे दिखते हैं । वास्तव में वे सब बहुत विशाल हैं । ये भी फेंक दीजिये । पति - आज फिर से.... पत्नी - हाँ आज अनावश्यक पत्र फेंकने हैं पति - कहाँ फेंकूँ नगरपालिका के कूड़ेदान में क्या? पत्नी - नहीं समुद्र में फेंकिये। पति - क्यों समुद्र में??? पत्नी -ये कूड़ा नहीं है। सबकी निमंत्रणपत्रिकाएँ हैं। सबने प्रेम से बुलाया था। पति -ऐसा क्या? मैं समुद्र में फेंक दूँगा। मैं समुद्र की ओर जाता हूँ। एक छोटा बालक गाना गाता है उसके साथ एक छोटी बच्ची भी गाती है दोनों गीत गा गाकर नृत्य करती हैं। दोनों को केवल एक ही पंक्ति जानती है बार बार उसी पंक्ति को रटते हैं परिवार जन दोनों का नृत्य देखते हैं सभी खुश होते हैं उन दोनों के बाल सुलभ नृत्य ने सबको पसंद आिया। अहो सुमधुर गाना ओह मनोहर नृत्य है। वह कुछ धीमा है। वह सुबह घूमने जाता है। मार्ग में जब काँटे देखता है.... तब वह उन्हें दूर करता है रास्ते में कुछ गिरा हुआ दिखता है.... वह सब वह दूर करता है रास्ते में एक जगह बैठकर वह गीत भी गाता है वह बहुत मीठा गाता है। वह अपना निवृत्त जीवन सुख से बिताता है वह कविता भी लिखता है पत्नी - बाहर फेंक दीजिये । पति - क्या? पत्नी -ये कूड़ा.... कुछ समय बाद पति - फेंक दिया । पत्नी - कहाँ? पति - बाहर.... पत्नी बाहर जाकर देखती है पत्नी - यहाँ नहीं फेंकना था । पति - तो कहाँ फेंकना था? पत्नी ओह... नगरपालिका के कूड़ेदान में पति - ठीक है वहाँ फेंकता हूँ । पति नगरपालिका के कूड़ेदान में कूड़ा फेंकता है। पत्नी - सेविका तो नहीं आई। बर्तन कौन धोएगा? आज मेरे विद्यालय में शिक्षणाधिकारी आएँगे। पति - कितने बर्तन हैं? ओह केवल बीस न । आठ तो चम्मच हैं। चार गिलास। तीन थालियाँ हैं। अन्य पात्र छोटे ही हैं। हम दोनों धो सकते हैं। पत्नी -सेविका कब आएगी? पति - अभी तो सेवक आ गया है। आओ बर्तन धोते हैं। पेड़ के पर्ण से ही पेड़ की पर्ण खिल जाती है। विद्वान् विद्वान्पन को प्राप्त करता है। विद्वान् विद्वान्पन को प्राप्त करता है। विद्वान् विद्वान्पन को प्राप्त करता है। बुद्धि बुद्धि से बोध (ज्ञान) होता है। बुद्धि बुद्धि से बोध (ज्ञान) होता है। पति नौकर से नौकर बनाता है। पति नौकर से नौकर बनाता है। पति नौकर से नौकर बनाता है। ध्यान करनेवाला ध्यान से धैर्यवान् को ध्यान देता है। ध्यान करनेवाला ध्यान से धैर्यवान् को ध्यान देता है। ध्यान करनेवाला ध्यान से धैर्यवान् को ध्यान देता है। अग्नि के द्वारा शरीर शुद्ध हो जाता है। छुपे हुए पाप जपती से शुद्ध होते हैं। छुपे हुए पाप जपती से शुद्ध होते हैं। तपस्या से वेद के उत्तम लोग शुद्ध होते हैं। प्राणायाम से प्रकाश की क्षीणता होती है। प्राणायाम से प्रकाश की क्षीणता होती है। पुण्य से पुण्यलोक की सिद्धि होती है। पुण्य से पुण्यलोक की सिद्धि होती है। दोनों आंखों के द्वारामितरे को लोग देखते हैं । दोनों आंखों के द्वारामितरे को लोग देखते हैं । दोनों आंखों के द्वारामितरे को लोग देखते हैं । अविद्या से मृत्यु पार हो जाती है। अविद्या से मृत्यु पार हो जाती है। अविद्या से मृत्यु पार हो जाती है। विद्या से अमृत की प्राप्ति होती है। विद्या से अमृत की प्राप्ति होती है। जापान की पराजय हो गई। जापान के साथ युद्ध बढ़ गया। जापान के सैनिकों के साथ युद्ध कर रहे थे। जिज्ञा महापुरुष को वन्दन करती है जिज्ञेश क्या गाता है? जिज्ञेश गाता है जिज्ञेश संगठन कासूक्त गाता है। जब तक उसने धन कमाया जब तक धन कमाते हैं जब तक आप ऊँचे हैं तब तक जल भी ऊँचे हैं। जिस रेजिमेन्ट में सभी बिहार के वीर हैं। जिस रेल से जाना है उसका नाम लिखते हैं। जिसका रथ हम धारण करते हैं । जिसकी रथ हम ले जाते हैं। जिसके नीचे हमेशा अमरज्योति प्रज्ज्वलित होगी। जिसे जहाँ अच्छा लगे वहाँ रख देता है। जिसे जहाँ अच्छा लगे वहाँ रख देता है। ुत्तर आवुत्त रंगून से आसनसोल आ गया। जीभ को मुँह से बाहर निकालता है। जीभ में पानी लेता है। जीवन बचाने के लिए सभी ने प्रयास किया। जीवन भी एक यात्रा है। जीवन में कष्ट तो सहन करना होता है। जीवन में पीड़ा तो सहनी होती है। जीवनप्रभात में निराश्रित बच्चे और बालिकाएँ रहती हैं। जीवनप्रभात शाम को यज्ञ होगा। जीवनप्रभात संस्थान भी चलाता है। जीवनरथ का ड्राईवर तो परमेश्वर है। शेष भोजन पशुओं के लिये अलग रखते हैं। जूस पीते हैं। जेब से जब दो हजार का रुपया नीचे गिरता है तब वह चकित हो जाती है। रक्षा – क्यों जेल? जेल में उन्हें बहुत सजा हुई। जैसे एक मित्र ने सूचित किया केरल में बत्तीस जलबंध हैं। जैसे दीक्षा कहती है वैसे हीवीण वाहन चलाता है। जैसी पुस्तक पढ़ता है वैसा ही योग करता है। जैसा वैद्य ने कहा था वही वह करता है। जिस प्रकार जैसे – कोटा से रामेश्वर जाना है। जैसा है तुम्हारा घर साफ है जैसे शिक्षक अभिनय करते हैं वैसे ही वे भी अभिनय करते हैं। जैसे शुद्ध स्वादिष्ट भोजन आवश्यक है। जिनके आंग्लाश्रित हुए। जो कुछ सहन नहीं करता है। जो कुत्ता भौंकता है उसको रोटीका नहीं देती है। जो कोई भी गीत गाता है उसका चित्र कैलाश लेता है। जो कोई भी गीत गाता है उसका चित्र कैलाश लेता है। जो कोई भी पेड़ चाहता है ( बहुत से पेड़ चाहता है ) जो कोई भी वाहन खरीदते हैं वे – दि न्यू इण्डिया एश्योरन्स द्वारा बीमा सेवा पाते हैं। जो अचर्बी खाता है वह बीमार होता है। जो जो पर्वत चढ़ते हैं वे ताम्य होते हैं। माँ जो जो मैं कहती हूँ वो वो बनाओ। जो जो अच्छा काम किया जाता है उसके लिए धन्यवाद। जो ज्ञानी हैं वे मेरे गुरु हैं जो पढ़ाता है वह शिक्षक है। जो परपीड़ा नहीं देख सकता है वह आर्य है। जो बच्चे विद्यालय जाते हैं उन्हें गणवेश देता है। जो रुपये बाकी रहे सभी वीर सैनिकों को दासत्व करना चाहिये। जो भी हम करते हैं उसका फल तो मिलता ही है। जो मुझे निर्भय करते हैं वे मेरे गुरु हैं जो मेरे दोषों को दूर करते हैं वे मेरे गुरु हैं जो मेरे विकारों को नष्ट करते हैं वे मेरे गुरु हैं जो लोग विधर्मी हुए उनको वैदिक ज्ञान देकर फिर से वैदिक धर्मी (वैज्ञानिक) बनाया। जो विधर्मी हुए उन्हें उन्होंने पुनः सनातन वैदिक धर्म में ले आए। जो वेदपाठी हैं वे मेरे गुरु हैं जो शिक्षा देता है वह शिक्षक है। जो सत्संग में जाते हैं वे सभी धैर्यवान् हो गए। जो सदाचारी है वह आर्य है। जो सदाचारी है वह शिक्षक है। जो सदाचारी हैं वे मेरे गुरु हैं जो हमेशा सत्कार्य करता है वह आर्य है । जो हमेशा सन्मार्ग पर चलने के लिये प्रेरित करते हैं वे मेरे गुरु हैं बल से ले गया। जोर से बुलाता हूँ। जोर से बोलता है जोसेफ बोला – मुझे तो मधुमेह है। ज्ञान दीजिये। ज्योति अपना धन गोदी में रखती है। ज्योतिर्धर है क्या? खिड़की से सारा नगर दिखता है। कुटियों के खीरा पत्ते और घास के छिलके उड़ रहे हैं। ईंधन के नष्ट होने पर ईंधन है। तातापरिवार ने बहुत संघर्ष किया। खीराफलक से उसका घर बना है। दूरदर्शन अधिक मत देखो। टूटी हुई चीजें निकाल रही है सुजित ने धन कमाने के लिए बहुत परिश्रम किया तीन वर्षों के बाद वो लक्षपति हुए फिर भी सुजित खुश नहीं था । उसने और अधिक श्रम किया उसकी पत्नी ने भी सहयोग किया। अभी सह करोड़पति है । फिर भी वह सन्तुष्ट नहीं है सुजित अर्बुद के राजा बनना चाहता है क्या करें वह सन्तुष्ट ही नहीं होता है शिक्षिका - आज पाँचवाँ पाठ पढ़ेंगे शिक्षिका -तनतन तुम पाँचवाँ पाठ पढ़ो । केतन - मेरे पास पुस्तक नहीं है शिक्षिका - तो कहाँ है पुस्तक? केतन - घर में भूल गया मैं । शिक्षिका - तुम विद्यालय में हो पुस्तक घर में है । शिक्षिका -तुमने तो परीक्षा शुल्क भी नहीं दिया है (अदों का) केतन -मेरा पिता धन नहीं लाए । शिक्षिका - कहाँ से धन ला रहे हो तुम्हारे पिता? केतन - बैंक से धन लाता है । शिक्षिका - तुम्हारा घर कैसा है? शिक्षिका - पुस्तक घर में होती है धन बैंक में होता है । कोई भी कर्म फल बिना का नहीं होता है। जो भी हम करते हैं उसका फल तो मिलता ही है। कर्म के बिना कोई नहीं जीता है। कर्म के बिना कोई जी नहीं सकता। अनुचित कर्म का फल अनुचित ही होता है। उचित कर्म का फल उचित ही होता है। उचित अनुचित को सोच कर ही कर्म करना चाहिये। हमारे कर्म से अन्य लोग भी लाभ पाते हैं। संस्कृत प्रचारक दूसरों के लाभ के लिये ही संस्कृत पढ़ाता है। योगप्रचारक योग कराता है लोग लाभान्वित होते हैं। चिकित्सक चिकित्सा करता है रोगी स्वस्थ होता है। पुण्य कर्म में जो रत हैं वे पुण्य फल पाएँगे। उसका मुँह सूख गया। मुख में गीलापन नहीं है। चिकित्सक ने उसे एंटीबायोटिक दवाई दी। वह बार पानी माँगता है। पेंसिल छील कर वह सुंदर चित्र बनाती है। कितनी बार पेंसिल तीखी करते हो। तीखी हुई पेंसिल से ही वह लिखता है। वीर तलवार तेज करता है। तेज तलवार से वह शत्रुओं को मारता है। वीरों के पास तेज तलवार होती है। केरल राज्य में बाढ़ आई है। अतिवृष्टि के कारण सभी डैम भर गए। पेरियार नदी पर इडुकि नाम का बांध है। उस बाँध के पाँच दरवाजे एक साथ ही खोल दिये गए। जैसे एक मित्र ने सूचित किया केरल में बत्तीस जलबंध हैं। सभी डैम जल से भर गए। इस कारण सभी गाँव जलमग्न हो गए। बाढ़ के कारण कोच्चि एयरपोर्ट भी बंद है. रेल भी अवरुद्ध है। अनेक सेवाभावी लोग लोगों की सेवा करते हैं। जयदीप एक गौशाला का स्वामी है उसकी गौशाला में पचास गौएँ हैं। सभी गौएँ स्वस्थ हैं। रणमण गौशाला में नौकर है रमण की पत्नी भी गायों की सेवा करती है सभी गौएँ बीस किलोग्राम मात्रा में दूध देती हैं। रमण उस दूध से छाछ बनाता है। रमण उस बेचारे से नौ नीती बनाता है। रमण उस नवे से घी बनाता है। अब बड़े मॉल बढ़ रहे हैं। छोटी दूकानों में भी वही वस्तुएँ मिलती हैं। बड़े मॉल में भी वही वस्तुएँ मिलती हैं। बड़े मॉल में चकाचौंध अधिक होती है। एक ही परिसर में सभी वस्तुएँ होती हैं। बड़े मॉल में एक बार प्रवेश करते हैं तो सभी प्रकार की वस्तुएँ खरीद सकते हैं। खाद्य वस्तुएँ सौन्दर्यप्रसाधन की वस्तुएँ स्वच्छता की वस्तुएँ खरीद सकते हैं। फिर भी मैं बड़े मॉल से कुछ नहीं खरीदता हूँ। क्योंकि छोटा दुकानदार मेरा पुराना मित्र है। उसका व्यापार बढ़ता है तो मुझे सुख मिलता है। छोटी दूकान से वस्तुएँ खरीदें। वट- अरे पार्वती! सच में तुम कल्याणप्रद पति चाहते हो? (उपहास करते हुए) नाम से शिव नहीं है अन्यथा अशिव श्मशान में रहता है। जिसके तीन नेत्र हैं वस्त्र बाघ और चूहे हैं आगे की ओर की ओर की ओर की ओर से हाथी और परिजन भूतों के समूह हैं। क्या उस शिव पति को चाहते हो? पार्वती – (क्रुद्ध होकर) अरे वाचाल! भाग जाओ। संसार में कोई भी शिव का वास्तविक स्वरूप नहीं जानता है। जैसे तुम होते हो वैसे ही बोलते हो। ( विजय की ओर ) सखि! चलो। जो निन्दा करता है वह तो पापी होता ही है जो सुनता है वह भी पापी होता है। पार्वती द्रुतगति से बाहर निकलती है। उसी समय पृष्ठ (आगे) पर कुटिल रूप को छोड़कर शिव (अपने ) हाथ को पकड़ता है। पार्वती लज्जा से काँपती है। शिव – हे पार्वति! मैं तुम्हारे निकम्मापन से संतुष्ट हूँ। आज से मैं तुम्हारे तप द्वारा खरीदी गई नौकर हूँ। (नतनानाती हुई पार्वती हँसती है) कुछ लड़के और कुछ लड़कियाँ आजादी-दिवस के ध्वजारोहण समारोह में खुशी के साथ जाती हैं और एक-दूसरे से बात करते हैं। देवेश – आज स्वतंत्रता दिवस है। हमारे विद्यालय के प्रिंसिपल ध्वजारोहण करेंगे। हमारे विद्यालय के प्रिंसिपल ध्वजारोहण करेंगे। छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। अंत में लड्डू मिलेंगे। डेविड – शुचि! तुम जानते हो? हमारा ध्वज कैसा है? शुचि – हमारे देश का ध्वज ‘तीन रङ्ग’ है। सलीम – हे रुचि! यह त्रिवर्ण कैसे है? रुचि – इस ध्वज में तीन वर्ण हैं इसलिए तीन वर्ण हैं। क्या तुम इन रंगों के नाम जानते हो? सलीम – अरे! केशर रङ्ग सफेद और हरा ये तीन रङ्ग हैं। देवेश – हमारे ध्वज में ये तीन रंग क्या सूचित करते हैं? सलीम – सुनो केशर का रंग शौर्य का है सच्ची का साश्वेत है और हरी (हरित) के समृद्ध ( समृद्ध ) सूचक हैं। शुचि – क्या इन वर्णों का और महत्त्व है? डेविड – हाँ कैसे नहीं? ध्वज के ऊपर खड़े केशर का रंग त्याग और उत्साह का सूचक है। बीच में स्थित सफेद रंग सात्विकता और पवित्रता का द्योतक है। नीचे हरे रंग के वृक्षों की सुषमा और उर्वरों की द्योतक ( द्योतक) स्थित है। तेजिन्दर – शुचि! ध्वज के मध्य एक नीले रंग का चक्र है? शुचि – हाँ हाँ। यह अशोक चक्र कहलाता है। यह प्रगति के साथ न्याय की प्रवर्तन कारक है। सारनाथ में अशोक स्तम्भ है। अतः यह ग्रहण किया गया। प्रणव – इस चक्की में चौबीस अरा हैं। मेरी – भारत की राफेल में 22 जुलाई 1947 के वर्ष में समग्र रूप से इस ध्वज का स्वीकरण हुआ था? तेजिन्दर – हमारा तिरंगा झंडा स्वाधीनता और राष्ट्र गौरव का प्रतीक है। तेजिन्दर – हमारा तिरंगा झंडा स्वाधीनता और राष्ट्र गौरव का प्रतीक है। इसलिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर इस ध्वज का फहराना समारोह में भी मनाया जाता है। जो मित्रों का हितकारी वाक्य को स्वीकार नहीं करता है। वह दुर्बुद्धि लकड़ी से भ्रष्ट होकर कछुए के समान नष्ट हो जाता है। कृष्णमूर्ति और श्रीकण्ठ मित्र थे। श्रीकण्ठ का पिता समृद्ध था । अतः उसके भवन में सब प्रकार के सुख-साधन थे। उस विशाल भवन में चालीस स्तंभ थे। उसके अठारह कमरे में पचास खिड़कियाँ हैं। चालीस दरवाजे छह और बिजली -व्यजन थे। वहाँ दस सेवक निरन्तर काम करते थे। वहाँ दस सेवक निरन्तर काम करते थे। परन्तु कृष्णमूर्ति की माता पिता जी निर्धन किसान (धनहीन) हैं। उसका घर आडम्बर से विहीन और साधारण था। उसका घर आडम्बर से विहीन और साधारण था। एक बार श्री कण्ठ उनके साथ नौ बजे उसके घर गए। वहाँ कृष्णमूर्ति उसकी माता पिता ने अपनी शक्ति से श्री कण्ठ की आतिथ्य की। यह देखकर श्री कण्ठ बोले- “मित्र! मैं आपके सत्कार से संतुष्ट हूँ। केवल यही मेरा दुःख है कि तुम्हारे घर में एक भी नौकर नहीं है। मेरी सत्कार के लिए आपको बहुत कष्ट हुआ । मेरे घर में तो बहुत से कर्मचारी हैं।’ तब कृष्णमूर्ति ने कहा- “मित्र! मेरे भी आठ कर्मचारी हैं। और उन्होंने दोनों पैर दो हाथ दो आँखें दो कान दो कान। ये सब प्रतिक्षण मेरी सहायता करते हैं। लेकिन आपकी नौकर हमेशा और सब जगह उपस्थित रहते हैं (और) नहीं हो पाते हैं। तुम तो अपने काम के लिये भृत्याधीन हो गए हो। जब-जब वे अनुपस्थित होते हैं तब-तब तुम कष्ट अनुभव करते हो। स्वावलम्बन करना तो हमेशा सुख ही है नहीं कभी कष्ट होता।’ श्री कण्ठ ने कहा- “मित्र! तुम्हारे वचन सुनकर मेरे मन में बहुत प्रसन्नता हुई। अब मैं भी अपने काम अपने आप करना चाहता हूँ। ठीक है बारह बजे यह अब घर चला जाता हूँ। शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की पण्डिता रमाबाई 1858 ई० वर्ष की सबसे बड़ी वर्ष की शुरुआत में जन्म ली। उनके पिता अनन्तशास्त्री हैं। उनकी माता लक्ष्मीबाई हैं। उस समय स्त्री शिक्षा की स्थिति चिंता की थी। महिलाओं के लिये संस्कृत की शिक्षा प्रायः प्रचलित नहीं थी। लेकिन डोंगरे में रूढ़िबद्ध धारणा को छोड़कर अपनी पत्नी को संस्कृत पढ़ाई। इस कारण उसने समाज की स्तुति भी नहीं की। बाद में रमा ने भी अपनी माँ को संस्कृत शिक्षा पाई। समय के अनुसार रमा का पिता विपन्न हो गया। उनके माता-पिता और बड़े बहन सब अकाल पीड़ित हो गए हैं। उसके बाद रमा अपना-ज्येष्ठ भाई के साथ पैदल सारे भारत घूमी। यात्रा के दौरान वो कोलकाता पहुंचे। संस्कृत विद्वान् के रूप में उन्हें वहाँ पर''पण्डिता''और ''सरस्वती''उन्होंने इन उपाधियों से विभूषित किया है। वहीं उन्होंने ब्रह्मसमाज से प्रभावित होकर वेद अध्ययन किया। बाद में उसने महिलाओं के लिए वेद आदि शास्त्रों की पढ़ाने के लिए आंदोलन शुरू किया। 1880 ईस्वीय सन् में वे विपिनबिहारीदास के साथ बाकीपुर में विवाह किया। साढ़े एक वर्ष बाद उसका पति दिवंगत हो गया। उसके बाद वह बेटी मनोरमा के साथ जन्मभूमि महाराष्ट्र लौटी। महिलाओं का सम्मान और शिक्षा को उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। हंटर-शिक्षा-वहने महिला शिक्षा के विषय पर अपना मत दिया। वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड गई थी। वहां ईसाई धर्म की स्त्री के बारे में अच्छी विचारधारा से प्रभावित हुआ। इंग्लैण्ड से रमाबाई अमरीका गई। वहाँ उन्होंने भारत की विधवा महिलाओं की सहायता के लिए अर्थ संग्रह किया। भारत लौट कर मुंबई पहुंचे और उन्होंने वहां''शरादा संसद''रूढ़ा दिया. इस आश्रम में सहन न करने वाली स्त्रियाँ रहती थीं। वहाँ स्त्रियाँ मोर-टंकण-काष्ठकला आदि का भी प्रशिक्षण पा रही थीं। परन्तु यह सदन पुणे शहर में स्थानांतरण कर दिया गया है। तब पुणे नगर के पास केडगाँव में-स्थान में 'मुक्ति मिशन' नाम का संस्थान उसके द्वारा स्थापित किया गया। यहाँ अब भी निराश्रित स्त्रियां सम्मानपूर्वक जीवन बिताती हैं। 1922 ईस्वीय सन् में रमाबाई जी की मृत्यु हो गई। वह देश-विदेश की अनेक भाषाओं में निपुण थी समाजसेवा के अलावा लेखन क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। ‘स्त्री धर्मनीति’ और ‘हाई कास्ट हिंदू विमेन’ उनके दो प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। आलस्य मनुष्यों के शरीर में रहने वाला उनका सबसे बडा शत्रु हैं। जो व्यक्ति उन्नति को प्राप्त नहीं होता वह उन्नति को प्राप्त नहीं होता। कल का काम आज ही करना चाहिए। सुबह को चावल का घड़ा बनाना चाहिये। न ही मृत्यु चाहता है जिसने किया है या न किया है न ही मृत्यु चाहता है जिसने किया है या न किया है सत्य बोलो प्रिय बोलो नहीं बोलो सच कड़वा। और प्यारा को असत्य न बोल। यह सनातन धर्म है। सदा व्यवहार में उदारता और सत्यता होती है। सरलता और कोमलता को भी कभी नहीं उखाड़ता। श्रेष्ठ व्यक्ति गुरु भी माता और पिता। मन से कर्म से वाणी से सदा सेवा करनी चाहिए। मित्र के द्वारा कलह करके कभी सुखी नहीं होता यह जानकर प्रयत्न करके वही (संसार को) त्याग दे पार्वती ने शिव को पति के रूप में चुना । इसलिये वह तपस्या करने की इच्छा की। उसने माँ को अपना मनोरथ निवेदन किया। यह सुनकर माँ बहुत बेचैन हो गई। मेना – पुत्री! मनीषी जनों के देवता घर में ही हैं। तप कठिन होता है। तुम्हारा शरीर सुकोमल है। घर में ही रह। यहीं तुम्हारा इलाज़ा सफल होगा। पार्वती – माँ! ऐसी इच्छा तो तपस्या से ही पूर्ण होगी। नहीं तो ऐसे पति को कैसे पाऊँगा। मैं तपस्या ही करुँगा यह मेरा सल्प है। मेना – हे पुत्रि! तुम ही मेरी जीवन की अभिलाषा (आकाश) हैं। पार्वती – सच है। परन्तु मेरा मन लक्ष्य को पाने के लिए संकुलित है। सफलता प्राप्त करके फिर तुम्हारी ही शरण में आऊँगा। आज ही विजया के साथ गौरीशिखर जा रही हूँ। (उसके बाद पार्वती निकलती है) पार्वती मन वचन कर्म से तपस्या करती थी। कभी कभी रात में ठण्डी पर या शिला पर सोती थी। एक बार विजया बोली विजया – सखि! तपस्या के प्रभाव से हंस की नस भी तुम्हारी मित्र (माँ) बन गई है। पंचाग्निव्रत भी तुमसे अतप हैं। फिर भी तुम्हारा इरादा पूरा नहीं हुआ । पार्वती – हे विजया! क्या नहीं जानती हो? सत्य ही बोलना चाहिये। अधिक नहीं खाना चाहिए। वाहन तेज नहीं चलाना चाहिए वृद्धों की सेवा हमेशा करनी चाहिये। संस्कृत भाषा पढ़नी चाहिये नियम का पालन करना चाहिए अयोग्य जगह पर नहीं जाना चाहिये। आज ही अपना काम पूरा कर लेना चाहिए रात में दूध पीना चाहिये। प्रतिदिन वेद मंत्र का पाठ करना चाहिए। क्या हुआ? क्या हुआ? कुछ भी नहीं। तो फिर क्यों नहीं हँस रहे हो? तो फिर क्यों नहीं हँस रहे हो? अभी अभी ठंडे पानी से स्नान किया ऐसा क्या? हाँ मैं ठंडे पानी से स्नान करता हूँ। ओह इसलिये मैं भी ठंड अनुभव करता हूँ। तो यहाँ नहीं ठहरता हूँ। अरे क्यों जा रहे हो! श्रीमान! मैं सच में शैत्य अनुभव करता हूँ। संस्कृत में हँसिये मैं दूध पीता हूँ मैं श्रीमद् गीता पढ़ रहा हूँ मैं संस्कृत वाक्य लिख रहा हूँ हम दोनों हम दोनों दूध पीते हैं हम दोनों श्रीमद् गीता पढ़ते हैं हम दोनों संस्कृत वाक्य लिखते हैं तुम दोनों को तुम दोनों दूध पीते हो तुम दोनों श्रीमद् गीत पढ़ते हो तुम दोनों संस्कृत वाक्य लिखते हो हम सब हम सब दूध पीते हैं हम सब श्रीमद् गीता पढ़ते हैं हम सब संस्कृत वाक्य लिखते हैं किसी नगर में एक धनिक रहता था। बालिकाएँ नृत्य कर रही थीं। सपना देख स्वभाव स्वभाव स्वभाव से उत्पन्न स्वभाव से उत्पन्न हुई स्वभाव से उत्पन्न होने वाले। स्वभाव से नियत अपने बहुत परिणामों के कारण स्वयं स्वयं प्रकाशित अपने आवाज स्वरन्धकार स्वरूप अपना रूप स्वर्ग स्वर्ग स्वर्ग स्वर्ग में रहने वाले जैसे तुम घर जाओ । मेरी माँ बहुत ही निर्धन है। सोने के पंख वाले कौए ने कहा- मेरी शुद्धि है। सूर्योदय से पहले गाँव से बाहर पीपल का पेड़ तुमने जाना था। मैं तुम्हें चावल का मूल्य दूँगा।” खुश लड़की नींद भी नहीं लेती है। सूर्योदय से पहले ही वह वहाँ बैठी थी। वृक्ष के ऊपर देखकर वह आश्चर्यचकित हो गई। जो वहाँ सोने से बनी महल है। जब कौआ सोकर जागा तब उसने सोने के खिड़की से कहा था अरे बालक! तुम आकर खड़े हो जाओ मैं तुम्हारे लिए सीढ़ी को उतारता हूँ उस सोने से बनी हुई रजतम या तम्बाकू? कन्या बोली “मैं निर्धन माता से दुष्ट हूँ। तांबे के रस को पीने से ही आऊँगा। पर स्वर्ण सीढ़ी से वह स्वर्ण भवन चढ़ गई। वह बहुत दिनों तक भवन में चित्रविचित्र वस्तनी तैयार कर रहीं थीं देखकर आश्चर्यचकित हो गईं। थकते हुए उसको देखकर कौआ बोला- पहले (पहले) छोटे नाश्ते (आगे) कृत्यों के लिए (तुम) स्वर्ण थाली में (उसे) भोजन करोगे क्या रजत की थाली में अथवा ताँबे की थाली में? बच्ची बोली - ताँबे की छाल पर मैं निर्धन भोजन करूँगा । तब वह आश्चर्यचकित हो गई जब सोने के कौए ने सोने की थाली में भोजन रखा था नहीं ऐसी स्वादिष्ट भोजन को लड़की ने खाया। कौआ बोला- “बालक! मैं चाहता हूँ कि तुम हमेशा यहीं रहो परन्तु तुम्हारी माँ अकेली है। इसलिए तुम जल्दी से अपने घर जाओ। ऐसा कहकर कौआ कमरे के अंदर से तीन अँगूठे निकालकर उसको बोला- “हे बच्ची! इच्छानुसार एक संदूक ले लो। सबसे छोटी संदूक लेकर बालिका ने कहा यह मेरे उंगलियों का मूल्य है। घर आकर उसने संदूक खोला उसके लिए बड़े हीरे दिखे और वह खुश हुई उस दिन धनिया भी आयी। उसी गाँव में एक अनाथ मन्थर और बुढ़िया वसिष्ठ जी रहते थे। उसकी भी एक बेटी थी उसके पुत्र का विवाह है। उसके पैर की हड्डी टूट गई। उसके पैर में विनति हुई। उसके बच्चे अनंतनाग में ही पढ़ते थे। उसके बहुत विशाल कपड़े की दूकान है। उसके बाएँ एक युवती है। उसके बाएँ कोई भी नहीं है। बाद में अर्चना के घर गया। बाद में उन्होंने भजन गाए। बाद में उसकी सब्जी बनाई जाती है। बाद में उसने कार्यालय बन्द कर दिया। पुत्र – उसके बाद चित्र बनाऊँगा। बाद में टोकरी में सेव स्थापित करता है। बाद में टोकरी साफ करता है। उसके बाद तुम्हारे पिता भी अंग्रेजी में ही बाद में देवेश के घर गया। बाद में पूर्णा बहन खड़ी हुई। उसके बाद बीज बोउँगा । बाद में प्रबंधक का कमरा है। बाद में वह प्रेम से घोड़े पर चढ़ती है। उसके बाद वह सोया। उसके बाद शास्त्री महोदय वेद व्याख्यान करेगा। उसके बाद सब जगह हरियाली हो जाएगी। उसके बाद सभी योगासन करेंगे। बाद में सुमित्रा के घर गया। उसके बारे में मैंने सब भद्र ही कहा। उसके बाल गिरते हैं। उसके बाल बहुत लम्बे हैं। उसके बाल मजबूत होंगे ऐसा मैं मानता हूँ। उसी बीच संदीप का फोन आता है। उसके पुत्र के लिये कन्या को देखने आया हूँ। उसके भी घर से बाहर अस्वच्छता है। उसके माता पिता भी उसके साथ रहते हैं। उसके मित्र भी नाच रहे हैं। उसकी मोबाइल में गाने संरक्षित हैं। इसके लिए तैयारी आवश्यक होती है। उसके वस्त्र मैले हैं। उसके शरीर में पित्त बढ़ गया है। उसके शरीर से पसीना निकल रहा है। उसके सम्वाद में संस्कृत शब्द होते हैं। उससे वह अधिक बात न करे उसके साथ आहुति बहन भी है। उसके साथ गुड़ भी थी। उसके साथ गुड़ भी थी। उसके साथ दस चींटियाँ भी आती हैं। उसके साथ दो बैल हैं। उसके साथ बात हो गई। उनके साथ मैंने मोबाइल से बात की। उसके साथ रोटियाँ लाता है। उसके हाथ में एक थाली है। उसके हाथ में झाड़ू होता है। पिता – तुम्हारी छाया में बैठो। उसे देखकर अन्य लोगों ने भी स्वच्छता की। उसे देखकर अन्य लोगों ने भी स्वच्छता की। उसे देखकर कुत्ते जाग जाते हैं। उसे देखकर छात्र विद्यालय जाते हैं। राजीव – उसको देखो वह तो झूले में झूल रही है। उसे सूचित किया। उसने बैंक में नौकरी पाई। उसने बैंक में नौकरी पाई। उसको मिठाई दी । उसको मिठाई दी । उसको मैं याद करता बताओ। उसको हँसता हुआ देखकर भी सभी हँसते हैं। उस हाथ से लेता हूँ। उसने अनेक बार कोशिश की। उसने दूसरे नगर में नौकरी पाई। उसने अपने पुत्र को भेजा। उसने आलस छोड़ दिया । उसने आलस छोड़ दिया । उसने उपनिषद पढ़ा। उसने एक तमिळगीत और एक मलयाली गीत गाया। उसने एक पंजाबी गाना भी गाया। उसने कहा वह बोली वह बोला – मुझे विश्वास है। उसने कहा – फिर भी कैसा सम्वाद होता है? उसने काम नहीं किया। उसने कार्यालय खोला। उसने ऑफिस में सफाई कर दी है। उसने काले रंग के कपड़े पहने हैं उसने कीमत भी कही। वह गुरु से बोला उसने घरनगर में नौकरी नहीं पाई। उसने घड़े में पानी भी भर दिया। वह घर आकर स्नान किया। उसने छात्रों को आशीर्वाद दिया। उसने छात्रों को आशीर्वाद दिया। उसने छात्रों से पूछा। उसने छात्रों से पूछा। उसने जो भी काम दिया वह सब हो सके। उसने तुरंत ही आंकड़ों की गणना शुरू की। उसने दरवाजा खोला। उसने दर्शन पढ़े। उसने दूकान का नाम लिया। उसने देखा वह देखती थी । उसने नए वस्त्र पहने। उसने ननंद के साथ बात शुरू की। उसने नई कार्यालय का निर्माण कराया। उसने नारियल खिलाया। उसने निर्धन बालक को वस्त्र दिये। उसने पत्नी को बुलाया। साहित्य समाज का प्रतिबिम्ब है। साहित्य का सृजन जन यदि साहित्य जीवन कहें तो समाज उसका आत्मा है। समाज में रहने वाले मनुष्यों के जीवन में घुसना चित्रों को देखकर नाम लिखो कमरे से उचित शब्द चुन कर चित्र के अनुसार लिखो अधोलिखित शब्दों के रङ्गों को अलग-अलग रखो खाली स्थानों को भरो रंगमाला के अनुसार क्रम से रखते हैं उचित मिलाना कर चित्र देखकर वह दौड़ा बहुत बोलने में परिवर्तन करो । उचित प्रकार से मिलाया करें पढ़कर वाक्य रचिये वाक्य रचिये उचित परिवर्तन से रिक्त स्थान भरो उचित संख्या के अनुसार भरो संस्कृत की गणना लिखो गणना करके संख्या लिखो एक पद से उत्तर लिखो एक वाक्य में उत्तर लिखो उचित प्रकार से जोड़ो खाली स्थानों को भरो कमरे से चुनकर विलोम के शब्दों से मिलाते हैं उदाहरण के समान गुणी और अन्वय की पूर्ति करे ‘विद्या’ विषय पर संस्कृत में पाँच वाक्य लिखो। एक शब्द के साथ उत्तर निम्नलिखित वाक्यों में से दूसरी अलग की गई आवाजें चुन कर कोष्ठ में लिखो अधोलिखित शब्दों के लिए उचित शब्द चुनकर खाली स्थान भरो निर्दिष्ट शब्दों के द्वितीय सेविभक्त रूपों को नीचे की कोष्ठी में लिखो एक पद से उत्तर लिखो एक वाक्य में उत्तर लिखो निम्न शब्दों के तीसरे विभाग के रूप लिखें निम्नलिखित शब्दों से वाक्य रचिये उचित शब्दों से रिक्त स्थानों को भरो पाठ में आने वाले तीसरी नट के शब्दों को लिखो। एकता में लोग कौन-कौन कार्य करते हैं सोचकर पाँच वाक्य लिखे। एक वाक्य में उत्तर लिखो श्लोकांशों को यथायोग्य जोड़ो खाली स्थानों को भरो शुद्ध कथनों के सामने “हाँ” अशुद्ध कथनों के सामने “नहीं” लिखो उदाहरण के समान गुणी और अन्वय की पूर्ति करो एक पद से उत्तर लिखो एक वाक्य में उत्तर लिखो कोष्ठक के शब्दों से अधोलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखो श्लोकों को भरो उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरो उचित प्रकार से मिलाया करें निम्न शब्दों के तीसरे विभाग के रूप लिखें अन्वय की पूर्ति करो रंगमाला के अनुसार क्रम से रखते हैं खाली स्थान भरो नीचे लिखे हुए पदों को प्रयुज्य वाक्यों में लिखो अक्षरों का प्रयोग करके पदचक्र पूर्ण करो नीचे लिखे वाक्यों को क्रम से लिखो जोड़ो योगशब्द चुन कर उचित स्थान पर लिखो मंत्रालय ने बताया कि बीमारी के बारे में कोई खबर नहीं दी जानी चाहिए। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि अगस्त के सातवें दिन मध्य-पश्चिमी बंगाल सागर में मापन मापन की संभावना कम है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी केरल से लेकर दक्षिणी गुजरात तक फैले नून मंडन तथा आरब महासागर में फैले पश्चिमी हवाओं से आजादी हो रही केरल में 8 अगस्त तक अत्यधिक बारिश की आशंका है। यह देखकर चीन की सैनिक यात्रा शुरू हुई। चीन ने दोपहर 12 बजे अंतर्राष्ट्रीय समय पर अंतर्क्ष यान का पहला प्रयोग किया। चीन के पीपलिस लिबरासन आर्मी और तय रिरोध मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आकाश बाण का प्रयोग किया गया है। चीन के ईस्टेन टेटर कमांड ने बताया कि कई अंतरिक्ष यान लैंडर और आकाश में उतर रहे हैं। रिपेस्ट मंत्री ने कहा कि चीन का ऐसा कदम है जिससे क्षेत्र की शांति को नष्ट कर दिया गया है. भारी बारिश केरल में भारी नुकसान पहुंचा रही है. कल राज्य में 13 जगहों पर भूस्खलन हुआ। कन्नूर जिले में छह जगहों पर वायनाट इटुकी अनंतपुरी और कोट्टायम जिलों में भूस्खलन हो गया है। साढ़े दो साल की बच्ची समेत सात लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर 12 लोग मारे गए। 10 जिलों में बुधवार और गुरुवार को रक्त की लपट की घोषणा की गई. पाँव पांव पसीना आँसू रोम धीमे चंदवा नाभि समूह घुटना लाल रुधिर को अध्यापक छात्रों की पढ़ाई करता है। अशिक्षित मनुष्य पशु समान होता है। वे दोनों फल लाए। वे देश को स्वंतत्र करते हैं। गाँव के दोनों ओर नदियाँ हैं। आचार्य शिष्यों को चौथी वेद पढ़ता है। गरीबों की सहायता करनी चाहिए गीदड़ आ रहा है । छात्र जीवन में परिश्रम की बड़ी आवश्यकता है। तुम दोनों विद्यालय जाते हो। तुम दोनों को दूध पीना चाहिये। तुम सब कहां जाते हो? तुम ही मैदान में खेलते हो। तुम सब क्या खाओगे? युयम् लोग गिरे। पक्षी आकाश में उड़ते हैं। परोपकारिणी सज्जन होते हैं। प्रयाग का चारों ओर वन है। प्रातः काल फल खाना चाहिए| कन्या घूमने जाती है। ब्राह्मण को प्रतिदिन दान देना चाहिये। मैं लिखता हूँ। मैं दौड़ता हूँ। मैं ग्रह जा रहा हूँ । मैं पढ़ता हूँ। मैं कक्षा छह का छात्र हूँ। मैं दूसरा हूँ। और धड़ों में 4 जिलों में ओरन्ज जागरूकता का भी विज्ञापन दिया गया। 12 जिलों में सभी विद्यालयों की शिक्षण छुट्टी घोषित कर दी गई है. विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। विभिन्न जिलों में बाढ़ और आवास क्षति से 2 300 लोगों को राहत शिविरों में मिला। सरकार ने आश्वासन की प्रक्रिया और आपातकालीन स्थानों पर रक्षा पहल की है। अमेरिकी सेना ने आतंकवादी समूह अल-खाइदा के नेता अयान अल-सैहू को मार दिया। वह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शरपुर नामक स्थान पर परिवार सहित अज्ञात निवास करते थे। इस स्थिति पर रविवार को''द्रोण''अग्निशस्त्र हमले से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनिया को सूचित किया। यह 11 सितंबर को न्यूयॉर्क में वाणिज्य भवन निर्माण की एक बड़ी चिंता का केंद्र है और यह एनईटी बिन लड्डू के लिए दक्षिणी थी। 2011 में बेन लादन की हत्या के बाद वेश्या अल-खाईदा के पहले नेता थे और अमेरिका और अन्य देशों के विरुद्ध भयंकर प्रयासों का जा रहा था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसरो का 1.5 करोड़ डॉलर मूल्य घोषित कर दिया था. नियंत्रण के बिना भूमि को लक्ष्य बनाकर आए चीन के लोंग मार्च 5बी अंतरिक्ष यान के अवशेषों को सिन्धु महासागर में गिराया गया है। भारतीय समयानुमान के अनुसार रात 10 बजे अमेरिकी अंतरिक्ष प्रशासन ने 15 बजे राख समुद्र में गिरने की पुष्टि की। देश में वाणिज्यिक आवश्यकताओं वाले एलपीजी पाकड़ की कीमत में 36 रुपये कम कर दिया गया है। इससे कोच्चि में 19 किलोग्राम के पैटर्न के गोल का मूल्य १९ १९ १९. हुआ। पहले यह 2027 था। लेकिन घरेलू जरूरतों के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले गोलकों का मूल्य बढ़कर नहीं है। 1060 रुपये का मूल्य है। पिछले महीने घरेलू एलपीजी पाकेन्धना की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। संयुक्त राष्ट्र में शुरुआत की है राष्ट्रमंडल''भारत चार तारीख को शारीरिक स्पर्धाओं के बाद छठे स्थान पर है और गौरव की राह में है। भारत को तीन स्वर्ण पदक तीन रजत पदक और दो कांस्य पदक भी प्राप्त हुए। 23 स्वर्ण सहित 56 पदकों के साथ ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। इंग्लैंड 15 स्वर्ण पदकों के साथ 36 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर है। केरल राज्य में दो दिनों से जारी भारी बारिश के कारण दक्षिणी ओर से भाग लिया गया है-मध्य केरल में सब जगह भारी बारिश का सामना करना पड़ा। अनंतपुरी कोट्टायम जिले के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। मछलियों को पकड़ने के लिए समुद्र में गये दो मालवाहकों को अत्यधिक गंदे पानी के कारण देखा गया। बारिश के झटके से राज्य में 90 लोगों ने अपने घरों को छोड़करभय से भरा हुआ शहर को प्राप्त किया। कोल्लम पत्तनत्तिटा इटुकी त्रिश्ूर कोट्टायम वायनाड जिलों में सात पुनर्वास शिविरों का उद्घाटन किया गया। कोट्टायम जिले के पांच जिलों में भूस्खलन हो गए हैं। 48 जिलों को आंशिक रूप से नष्ट कर दिया गया। इटुकी पत्तनत्तिटा जिलों में भी मरे हुए कूड़े झंडे झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके झटके स्कूलों में मंगलवार को छुट्टी घोषित कर दी गई है. पर्यावरण विभाग ने कहा कि राज्य में दो दिन तक भारी बारिश जारी रहेगी. कई फुटेज उकापन जैसी तेजी से सार्वजनिक मीडिया पर प्रसारित हुए हैं। आकाश में पीला-नीला-ये पिछले दिनों सोशल मीडिया पर लाल-बिले रंग के रूपों के प्रकाश की दृश्यताओं को जन भर में आकर्षित कर रही हैं। यह दृश्य रात को एशिया के दक्षिणी पूर्व दिशा में प्रत्यक्ष हुआ। उत्कावर्ष नामक फिल्म के ही टुकड़े प्रसारित हुए। लेकिन अब यह पुष्टि हो गई है कि पृथ्वी पर गिरे हुए चीन द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान के अवशेषों को अंतरिक्ष में ले जाया गया है। सुबह स्नान करके वह बाहर गया। सुबह स्नान करके वह बाहर गया। सुबह नौ बजे गाड़ी लेकर घर से निकलता है। सुबह नौ बजे गाड़ी लेकर घर से निकलता है। सुबह नौ बजे संस्कृतशोभायात्रा निकालेंगे। तुम सवेरे के समय का सदुपयोग करते हो । प्रातःकाल वह उद्यान में पौधों को जल देता है। सुबह सबसे पहले क्या सुना था? सुबह सबसे पहले क्या सुनी? प्रायः बुद्धिमान माताएँ घर का उपचार ही करती हैं। प्रायः महिलाएँ ही घर से बाहर आ जाती हैं। प्रायः महिलाएँ ही घरों से बाहर आ जाती हैं। प्रायः सबके घर कार है। प्रायः सब जँभाई ले रहे हैं। प्रायः हम क्रिकेट के बारे में ही बात करते हैं। प्रारम्भ में राष्ट्रगान के लिये सभी खड़े हुए। प्रारम्भ में राष्ट्रगान के लिये सभी खड़े हुए। प्रारम्भ में सभी लोगों ने भारतरत्न अटलबिहारी जी को श्रद्धांजलि दी। प्रियंका का पति पानी पीता है। प्रियंका रूठ जाती है। प्रियंका घड़े लाने बाजार जाती है। कुलकर्णी चलेगा। औरंगाबाद बोला अखिलेश बोलता है – यह घड़ा तो रिसता है। प्रेम से भोजन खाओ । प्रेरणा की सखी श्रृंगार आभूषणों को देख रही है। प्रेरणा की सखी श्रृंगार प्रसाधनों को खरीदकर बाजार से बाहर आती है। प्रेरणा की सखी पूछती है प्रेरणा भी सबके साथ प्रेम से मिलती है। प्रेरणा सखी के साथ बाजार जाती है। प्रेरणा हँसकर आगे बढ़ती है। कल्पक की नहीं है। कल्पक का थैला बहुत पतला होता है। तल का रंग भी सफ़ेद है। तल का रंग भी सफ़ेद है। दल में जब पानी गिरता है तब पानी नहीं दिखता है। दल में जब पानी गिरता है तब पानी नहीं दिखता है। पत्नी – फल नहीं चाहिए। फल की दूकान में अँगूर देखे। फल धो कर खाईये नहीं तो केमिकल अंदर चला जाएगा। पति – फल लाने के लिए जाता हूँ। फिर फिर वही पढ़ाते हैं आप । फिर भी वह आवाज़ सुनकर चुराता है। फिर भी उन्होंने बदलूराम का नाम आवलि से हटाया। फिर भी उसने आज अँगीठी जलाई। फिर भी एक बिंदु शर्ट पर रह गया। फिर भी कुछ नहीं लिखा। फिर भी कुछ लोग जल का अपव्यय करते हैं। फिर भी यहाँ छात्र विविध नृत्य करते हैं। फिर भी जाना है। फिर भी झेल रहा हूँ । मैं ठंडा पानी नहीं पीता हूँ भूलना वह भूलेगा वह भूलेगा भूल गया भूल गया दीपक पुरुष के पास गया है। वैशाली संस्कृत गीत याद करती है । शैलजा अमेरिका जाती है शैलजा हमेशा भारत याद करेगी । कल उसने आपको बहुत याद किया। शालिनी बार बार भूलती है देवाङ्ग बहुत व्यस्त है । देवाङ्ग दोपहर में भोजन करने के लिए भूल गया धीरे धीरे वह उसके दर्द को भूलेगा संस्कृत भाषा मत भूलो दादा - देखो वह गिरेगा वह तेज झूलता है। बहुत तेज से झूला चलाता है। पुत्र - नहीं गिरेगा पिताजी! वह प्रतिदिन वैसे ही झूलता है कुछ भी नहीं होगा। बेटा मैं हररोज चलता हूँ । फिर भी ध्यान से चलना चाहिये। उसी प्रकार वह नित्य तेज से झूलता है। फिर भी वह समझना चाहिए। सहसा कुछ हो सकता है। रात्रि सवेरा शाम को पूर्वाह्न दोपहर बाद राम कृष्ण से पूछता है। मनुष्य उपकार को याद करता है। जवानी सुलभ है और अच्छी तरह से संपन्न है। एक फल से दो फलों के लिए अनेक फलों के लिए छात्र घर से विद्यालय जाता है। दो छात्र घर से विद्यालय जाते हैं। छात्र घर से विद्यालय जाते हैं। वह अँधेरे से डरती है । राहुल नरेन्द्र से डरा । चीन भारत से डरेगा । बालक सिंह से डरता है । उदयन दुष्कर्म से डरता है।